[प्रदुषण का निबंध] - प्रदुषण - कारण और निदान : Pollution Essay In Hindi

Ashok Nayak
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इस ब्लॉग में हम आपके लिए प्रदुषण का निबंध - जो कि है प्रदुषण - कारण और निदान : Pollution Essay In Hindi, इसमें हमने 1000 शब्दों में प्रदुषण का निबंध लिखा है, यह आपकी बोर्ड परीक्षा में अवश्य ही काम आयेगा|

प्रदुषण - कारण और निदान

सास लेना भी अब हो गया है, वातवरण इतना प्रदूषित हो गया |

गंगा मैली हो गयी ,गलियों से बदबू आ रही है ,आकाश विषैली धूलों और धुओं से भर उठा , वायुमंडल विषाक्त हो उठा है | प्रदुषण की समस्या इतनी जटिल हो गयी कि लोगों का जीना दूभर हो गया है |

Table of content (TOC)

प्रदुषण क्या है?

यह प्रदुषण क्या है ? जिसने लोगों को जीना हराम कर दिया है प्रदुषण जल वायु और भूमि के भौतिक , रासायनिक और जैविक गुणों में होने वाला कोई भी अवांछनीय परिवर्तन है , जो विक्रति को जन्म देता है | प्रदुषण वे सभी पदार्थ या तत्व है जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से वायुमंडल तथा प्रथ्वीमंडल दूषित बनाकर ,प्राणी मात्र के जीवन एवं संसाधनो पर बुरा प्रभाव डालते है |

प्रदुषण की समस्या दिन प्रतिदिन भयावह बनती जा रही है और शुद्ध हवा का अभाव हो गया है ,जिससे प्रतिवर्ष हजारो लोग मौत के समाते जा रहे है |

प्रदुषण के कारण

इस समस्या के कारणों पर विचार करने पर ज्ञात होता है ,कि अणु परमाणु विस्फोटों से फैलने वाली धूलों से वायुमंडल और प्रथ्वीमंडल सभी विषाक्त हो रहे है , जिससे रक्त कैंसर होता है|

आज सम्पूर्ण विश्व तेजी से ओद्योगिकीकरण कि ओर बढ़ रही है | परिणाम स्वरूप  पग -पग पर गाँव -गाँव , नगर – नगर कल कारखाने स्थापित होते जा रहे है | इन कारखानों से निकलने वाले सड़े – गले पदार्थ , रासानिक पदार्थ एवं गैसें सभी मिलकर प्रदुषण को बढ़ाते जा रहे है | नदी , सरोवर ,वायुमंडल सभी दूषित होते जा रहे हैं | वनों को काटकर बड़े - बड़े नगर बसाये जा रहे हैं ,भवन और बांध बनाये जा रहे हैं | ये सब प्रदुषण के प्रमुख कारण हैं |  

जन जन का यही है नारा है प्रदुषण मुक्त हो पर्यावरण हमारा

समाधान 

कारण है,तो समस्या का समाधान भी है | सर्वप्रथम भारत सहित विकासशील राष्ट्रों को यह विचार करना होगा कि उन्हें कैसा विकास चाहिए ? पश्चात् देशों का अंधानुकरण छोड़कर इन देशों को अपने प्राकृतिक पर्यावरण तथा आवश्यकता के अनुकूल कल – कारखानों को लगाना चाहिए | कारखाने स्थापित करने से पूर्व उनसे निकलने वाली हानिकारक धुल – गैसों को उचित दिशा व स्थानों की और स्थान्तरित करने के लिए उपाय कर लिये जाने चाहिए | परमाणु परीक्षणों पर रोक लगायी जाये , वनों की निर्ममतापूर्वक कटायी न की जायें | जितने वृक्ष काटे जायें, उनसे अधिक लगाये जायें | नगरों की बढ़ती जनसंख्या को रोका जाये |    

उपसंहार

समय रहते यदि प्रदुषण की समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व का विनाश निश्चित है| भोपाल गैसे कांड एक बड़ी चेतावनी है | सभी लोगों और देशों को चाहिए कि वे मनुष्य को सर्वनाश से बचाने के लिए पर्यावरण को स्वच्छ बनावें तथा ऐसा कार्य न करें ,जिससे प्रदुषण की समस्या बढ़े और पावन गंगा भी मैली हो जाये |

जैसा करोगे  वैसा भरोगे नही रोकेगे ,प्रदुषण तो बेकार मोंत मरोगे |

Final Words

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