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Table of content (TOC)
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 7 निर्देशन
निर्देशन वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा विशेषण का तत्व नहीं है –
(a) अभिप्रेरणा
(b) संप्रेषण
(c) पर्यवेक्षण
(d) हस्तांतरण।
उत्तर:
(d) हस्तांतरण।
प्रश्न 2.
अभिप्रेरणा का सिद्धांत जो आवश्यकताओं को क्रमबद्ध करता है, किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया था –
(a) फ्रेड लुयांस
(b) स्काट
(c) अब्राहम मास्लो
(d) पीटर एन.ड्रकर।
उत्तर:
(c) अब्राहम मास्लो
प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा वित्तीय प्रोत्साहन है –
(a) पदोन्नति
(b) रहतिया प्रोत्साहन
(c) पद सुरक्षा
(d) कर्मचारी भागीदारी।
उत्तर:
(b) रहतिया प्रोत्साहन
प्रश्न 4.
अंगूरीलता है
(a) औपचारिक संप्रेषण
(b) संप्रेषण में बाधा
(c) पाीय संप्रेषण
(d) अनौपचारिक संप्रेषण।
उत्तर:
(d) अनौपचारिक संप्रेषण।
प्रश्न 5.
नारायण मूर्ति द्वारा प्रोत्साहित प्रवर्तक सॉफ्टवेयर कंपनी है –
(a) इन्फोसिस
(b) विप्रो
(c) सत्यम्
(d) एच.सी.एल.।
उत्तर:
(c) सत्यम्
प्रश्न 6.
नेतत्व के मार्ग में कौन-सी बाधाओं का सामना करना पड़ता है –
(a) अस्थिर आचरण वाले नेता
(b) कुछ नेता मानवीय प्रकृति से अपरिचित होते हैं
(c) अदूरदर्शी नेता
(d) सभी।
उत्तर:
(d) सभी।
प्रश्न 7.
निर्देशन प्रारम्भ होता है –
(a) शीर्ष स्तर से
(b) मध्यम स्तर से
(c) निम्न स्तर से
(d) सभी स्तरों से।
उत्तर:
(a) शीर्ष स्तर से
प्रश्न 8.
संप्रेषण का अभिप्राय है –
(a) कार्य का आबंटन
(b) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सूचना देना
(c) कार्य पर नियंत्रण
(d) कर्मचारियों को अभिप्रेरित करना।
उत्तर:
(b) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सूचना देना
प्रश्न 9.
संदेश को संप्रेषण प्रतीकों में बदलने की प्रक्रिया को कहते हैं –
(a) माध्यम
(b) प्रतिपुष्टि
(c) एनकोडिंग
(d) डिकोडिंग।
उत्तर:
(d) डिकोडिंग।
प्रश्न 10.
निम्न में से क्या धनात्मक अभिप्रेरण नहीं है –
(a) वेतन वृद्धि रोकना
(b) वेतन वृद्धि
(c) बोनस
(d) प्रशस्ति पत्र।
उत्तर:
(a) वेतन वृद्धि रोकना
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- निर्देशन …………. प्रक्रिया का भाग है।
- निर्देशन ………… से ……….. की ओर प्रवाहित होता है।
- कर्मचारियों के प्रयासों का उद्देश्य प्राप्ति की दिशा में मार्गदर्शन करना …………. कहलाता है।
- मजदूरी में कटौती एक प्रकार का …………. अभिप्रेरण है।
- कर्मचारियों की अंतर्निहित शक्ति को जाग्रत करना ……… कहलाता है।
- पर्यवेक्षक …………. तथा ………… के मध्य एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।
- लिखित संप्रेषण अधिक …………. होता है।
- मौखिक संप्रेषण …………. द्वारा किया जाता है।
- धनात्मक अभिप्रेरण में उद्देश्य प्राप्ति पर कर्मचारियों को ………. किया जाता है।
- ऋणात्मक अभिप्रेरण की दशा में कार्य समय पर पूरा न होने पर कर्मचारियों को किया जाता है।
- अभिप्रेरण …………. होती है।
उत्तर:
- प्रबन्ध
- ऊपर, नीचे
- निर्देशन
- ऋणात्मक
- अभिप्रेरण
- प्रबन्ध, श्रमिक
- विश्वसनीय,
- वार्तालाप
- पुरस्कृत
- दण्डित
- आंतरिक शांति।
प्रश्न 3.
एक शब्द या वाक्य में उत्तर दीजिए
- ऐसा संदेशवाहन जो संस्था के संगठन संरचना के पदानुक्रम अनुसार होता है, उसे क्या कहते हैं ?
- अनौपचारिक संप्रेषण का वैकल्पिक नाम क्या है ?
- संस्था में अफवाह (भ्रम) की स्थिति किस संप्रेषण के कारण निर्मित होती है ?
- अधीनस्थों को प्रभावित करने की क्षमता क्या कहलाती है ?
- अमौद्रिक अभिप्रेरण का कोई एक उदाहरण लिखिये।
- निर्देशन का सार क्या है ?
- प्रबंधक किस प्रकार संगठन में कार्य प्रारंभ करते हैं ?
- अभिप्रेरण क्या है ?
- निम्न समीकरण को पूरा करें- पर्यवेक्षण +-+ नेतृत्व + अभिप्रेरणा = निर्देशन।
- निर्देशन के तीन तत्व पर्यवेक्षण, नेतृत्व तथा अभिप्रेरणा है। चौथा तत्व कौन-सा है ?
- अनुलाभ के कोई चार उदाहरण दें।
- प्रबंध के संदर्भ में पद का क्या अर्थ है ?
- किसे नेता कहते हैं ?
- आर्थिक सुरक्षा से क्या अभिप्राय है ?
- प्रबंध का कौन-सा कार्य कार्यात्मक प्रबंध कहलाता है ?
- किसी व्यक्ति द्वारा किसी विशेष कार्य करने की इच्छा किस पर निर्भर करती है ?
- लाभ-भागिता से क्या अभिप्राय है ? 18. भोजन, वस्त्र और आश्रय आदि किस प्रकार की आवश्यकताओं के उदाहरण हैं ?
- अनौपचारिक संप्रेषण से कर्मचारियों को होने वाला एक लाभ लिखिए।
उत्तर:
- औपचारिक संदेशवाहन
- अंगूरलता संप्रेषण
- अनौपचारिक संप्रेषण
- नेतृत्व क्षमता
- प्रशस्तिपत्रप्रदान करना
- निर्देशन का सार निष्पादन है
- प्रबंधक दिशा-निर्देश देकर संगठन में कार्य प्रारंभ करते हैं
- संस्था में काम करने वाले लोगों को अभिप्रेरित करने की तकनीक को अभिप्रेरण कहते हैं
- पर्यवेक्षण + संप्रेषण + नेतृत्व + अभिप्रेरणा = निर्देशन
- चौथा तत्व संप्रेषण है
- किराया मुक्त मकान
- कार
- नौकर की सुविधा
- बच्चों की शिक्षा
- प्रबंध के संदर्भ में पद का अर्थ एक व्यक्ति के संगठन में स्थान से है
- नेतृत्व के गुण रखने वाले व्यक्ति को नेता कहते हैं
- आर्थिक सुरक्षा से अभिप्राय है रोजगार को सुरक्षित रखना तथा बुढ़ापा की व्यवस्था करना
- निर्देशन
- अभिप्रेरण पर
- लाभ-भागिता से अभिप्राय है कर्मचारियों को कंपनी के लाभ में से हिस्सा देना
- ये आर्थिक आवश्यकताओं के उदाहरण हैं
- अनौपचारिक संप्रेषण से कर्मचारियों को मनोवैज्ञानिक संतुष्टि मिलती है।
प्रश्न 4.
सत्य या असत्य बताइये
- प्रबन्ध के सभी स्तरों पर निर्देशन की आवश्यकता होती है।
- पर्यवेक्षण नेतृत्व, अभिप्रेरण तथा सन्देशवाहन निर्देशन के महत्वपूर्ण तत्व हैं।
- प्रजातान्त्रिक पर्यवेक्षण में सख्त अनुशासन होता है।
- मास्लो के अनुसार सम्मान आवश्यकताओं की सबसे पहले सन्तुष्टि की जाती है।
- नेतृत्व की आवश्यकता केवल कम दक्ष कर्मचारियों के लिए है।
- नेता औपचारिक सत्ता से अपने प्रभाव का उपयोग करता है।
- यदि कर्मचारीगण कुशल हैं, तो नेतृत्व की आवश्यकता नहीं होती है।
- अंगूरीलता सन्देशवाहन औपचारिक सन्देशवाहन का प्रारूप है।
- सन्देशवाहन का आशय विचारों के आदान-प्रदान से है।
- सभी प्रबन्धक नेता होता है।
उत्तर:
- सत्य
- सत्य
- असत्य
- असत्य
- असत्य
- असत्य
- असत्य
- असत्य
- सत्य
- सत्य।
प्रश्न 5
सही जोड़ी बनाइये
- (g)
- (e)
- (b)
- (c)
- (d)
- (e)
- (f)
निर्देशन उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या निर्देशन प्रबंध का महत्वपूर्ण कार्य है ? क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए।
उत्तर:
नहीं, मैं इस कथन से सहमत नहीं हूँ। मेरे मतानुसार निर्देशन प्रबंध का अति महत्वपूर्ण कार्य है इसके समर्थन में निम्नलिखित कारण हैं
- क्रिया की शुरुआत करना
- अभिप्रेरण का साधन है
- संगठन में संतुलन बनाता है
- कर्मचारियों के प्रयासों को एकीकृत करता है।
प्रश्न 2.
नेता तथा प्रबंधक के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए बताइए कि क्या एक अच्छा नेता होने के लिए अच्छा प्रबंधक भी होना आवश्यक है ?
उत्तर:
नेता तथा प्रबंधक के बीच का अंतर
नेता
- नेता संगठित तथा असंगठित समूह में बना रहता है।
- नेता का औपचारिक अधिकारों के अंदर प्रबंधक कार्य करना आवश्यक नहीं होता।
- नेता का कार्यक्षेत्र परिभाषित नहीं होता।
प्रबंधक
- प्रबंधक केवल संगठित समूह के अंतर्गत होता है।
- प्रबंध के कार्य-नियोजन, संगठन, नियंत्रण आदि करने होते हैं।
- प्रबंधक का कार्यक्षेत्र व्यापक होता है। प्रबंधक कोइन अंतरों से स्पष्ट होता है
सदैव औपचारिक अधिकारों के अंदरकार्य करता है। एक अच्छा नेता होने के लिए अच्छा प्रबंधक होना आवश्यक नहीं है कि एक अच्छा एवं प्रभावी प्रबंधक बनने के लिए नेता के अच्छे गुणों का होना आवश्यक है।
प्रश्न 3. निर्देशन के कार्य बताइए।
उत्तर:
निर्देशन के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं
- आदेश-निर्देशन का प्रमुख कार्य अपने अधीनस्थों को आदेश देना होता है।
- पर्यवेक्षण-अधीन कर्मचारी दिए गये आदेशानुसार कार्य कर रहे हैं या नहीं, जाँच करने के लिए प्रबंधक को उनके कार्यों का पर्यवेक्षण करना होता है।
- मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण-अधीनस्थों को सही कार्य करने के लिए उनका मार्गदर्शन करना तथा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रशिक्षण देना निर्देशक का कार्य होता है।
- समन्वय-निर्देशन का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर्मचारियों तथा प्रबंध के मध्य समन्वय अर्थात् तालमेल बनाना होता है।
प्रश्न 4.
नेता तथा प्रबंध में अंतर बताइए।
उत्तर:
नेता तथा प्रबंध के बीच का अंतर –
नेता
- नेता प्रबंध का एक भाग होता है। इस प्रकार इसका क्षेत्र सीमित होता है।
- नेता का अस्तित्व औपचारिक के साथ-साथ औपचारिक संगठन के अनौपचारिक संगठन में भी होता है।
- नेता अपने अनुयायियों को प्रेरित करता है।
प्रबंध
- प्रबंधकीय कार्यों में नेतृत्व कार्य होता है। अतः इसका क्षेत्र व्यापक होता है।
- प्रबंध का अस्तित्व केवल साथ होता है।
- प्रबंध का अस्तित्व केवल साथ होता है।
प्रश्न 5.
धनात्मक व ऋणात्मक अभिप्रेरण में चार अन्तर बताइये।
उत्तर:
धनात्मक व ऋणात्मक अभिप्रेरण में अन्तर –
प्रश्न 6.
मौद्रिक एवं अमौद्रिक प्रेरणाओं के कोई चार अन्तर बताइए।
उत्तर:
मौद्रिक एवं अमौद्रिक प्रेरणाओं में अन्तर –
प्रश्न 7.
निर्देशन के तत्वों को समझाइए।
उत्तर:
निर्देशन कोई एक कार्य नहीं है अपितु यह अनेक कार्यों का सम्मिश्रण है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित तत्वों को शामिल किया गया है
1. पर्यवेक्षण – यह निर्देशन कार्य का महत्वपूर्ण तत्व है। इसका अर्थ है अधीनस्थों के कार्य की निगरानी करना तथा उनकी समस्याओं के समाधान में मदद करते हुए प्रभावी निष्पादन को सुनिश्चित करना। .
2. नेतृत्व – एक प्रबंधक तभी सफल हो सकता है जबकि वह नेतृत्व योग्यता से ओत-प्रोत हो। नेतृत्व में अधीनस्थों को प्रभावित करने के लिए उचित प्रबंधकीय शैली प्रदान की जाती है।
3. संदेशवाहन – यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सूचना देने की प्रक्रिया है इसमें व्यक्तियों को यह · बताना होता है कि उन्हें क्या करना है तथा कैसे करना है तथा अधीनस्थों की प्रतिक्रियाओं का पता लगाया जाता है।
प्रश्न 8.
प्रेरणाएँ कितने प्रकार की होती हैं ? समझाइए।
उत्तर:
प्रेरणाएँ दो प्रकार की होती हैं
- मौद्रिक प्रेरणाएँ तथा अमौद्रिक प्रेरणाएँ
- धनात्मक तथा ऋणात्मक प्रेरणाएँ।
(1) मौद्रिक प्रेरणाएँ – इन्हें वित्तीय प्रेरणाएँ भी कहते हैं। इनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में किया जा सकता है। जैसे-वेतन, मजदूरी, बोनस, कमीशन, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा तथा वित्तीय अनुलाभ आदि।
अमौद्रिक प्रेरणाएँ – इन्हें अवित्तीय प्रेरणाएँ भी कहा जाता है। इनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में नहीं किया जाता है। जैसे-नौकरी की सुरक्षा, कैरियर में उन्नति के अवसर आदि।
(2) धनात्मक प्रेरणाए – इसमें कर्मचारियों के कार्य की प्रशंसा की जाती है उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। जिससे उनका मनोबल बढ़ता है।
(3) ऋणात्मक प्रेरणाएँ- इसमें कर्मचारियों के कार्य में की गई त्रुटियों को बताया जाता है, उन्हें दण्डित’ किया जाता है जिससे उनके मनोबल में गिरावट आती है।
प्रश्न 9.
एक पर्यवेक्षक के कार्यों को बताइए।
उत्तर:
एक पर्यवेक्षक के निम्नलिखित कार्य होते हैं :
- कार्यों का नियोजन करना- पर्यवेक्षक किए जाने वाले कार्य की अनुसूची तैयार करता है, निष्पादन का समय निर्धारित करता है, निष्पादन की निरंतरता का निर्धारण करना आदि ।
- आदेश-निर्देश देना- पर्यवेक्षक अधीनस्थों को कार्य शुरू करने, बंद करने, सुधारने, परिवर्तन करने, नवीनता लाने आदि के बारे में आदेश-निर्देश देता है।
- मार्गदर्शन करना – पर्यवेक्षक अपने अधीनस्थों को कार्य की पूरी जानकारी देकर उनका मार्गदर्शन करता है।
प्रश्न 10.
संदेशवाहन के माध्यम से क्या आशय है ?
उत्तर:
संदेशवाहन श्रृंखला औपचारिक हो चाहे अनौपचारिक, इस विषय-सामग्री (संदेश, विचार, सुझाव, शिकायत आदि) के आदान-प्रदान करने के लिए कुछ शब्दों, चिन्हों या चित्रों की आवश्यकता पड़ती है जिन्हें संदेशवाहन के माध्यम (Media) कहा जाता है। इनका प्रयोग अलग-अलग हो सकता है या एक माध्यम की सहायता के लिए दूसरे माध्यम का प्रयोग किया जा सकता है। जैसे-किसी बात को मौखिक रूप में कहा जा सकता है अथवा लिखित अथवा चिन्हों एवं चित्रों द्वारा भी प्रस्तुत किया जा सकता है। अतः संदेशवाहन के माध्यम को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं-
- मौखिक
- लिखित, तथा
- सांकेतिक।
प्रश्न 11.
अभिप्रेरणा की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अभिप्रेरणा का कार्य कई पदों से होकर गुजरता हैं । इसके अंतर्गत यह जाना जाता है कि यह कहाँ से शुरू होती है और कहाँ समाप्त होती है। कुण्ट्ज तथा ओ डेनेल ने अभिप्रेरणा की प्रक्रिया को जरूरत→ आवश्यकता, तनाव कार्यवाही- संतुष्टि श्रृंखला के रूप में प्रस्तुत किया है।
सबसे पहले जब किसी वस्तु की जरूरत महसूस होती है जो प्रबल होकर आवश्यकता बन जाती है। इस आवश्यकता को पूरा होने तक मनुष्य तनाव में रहता है इस तनाव से छुटकारा पाने के लिए वह अपनी इच्छापूर्ति के लिए कार्यवाही करता है और जब वह लक्ष्य पर पहुँच जाता है तो उसे संतुष्टि का अनुभव होता है।
अभिप्रेरणा द्वारा कर्मचारी को उसकी जरूरत का अनुभव करवाया जाता है जिसे पूरा करने की इच्छा अभिप्रेरित करके की जाती है ताकि कर्मचारी अपने प्रयासों से इच्छा रूपी मंजिल को पा सके और उनकी संतुष्टि हो सके।अभिप्रेरणा के द्वारा कर्मचारियों को संतुष्टि प्राप्त होने के साथ-साथ संगठन के लक्ष्यों को भी प्राप्त कराया जाता है।
प्रश्न 12.
पर्यवेक्षण की आवश्यकता या महत्व को समझाइए।
उत्तर:
पर्यवेक्षण के महत्व निम्नलिखित हैं
(1) पर्यवेक्षण प्रेरणा शक्ति है – बिना प्रेरणा शक्ति के किसी भी कार्य को पूरा नहीं किया जा सकता। कार्य को अतिशीघ्र पूरा करके लक्ष्य को प्राप्त करने में पर्यवेक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।
(2) उपक्रम की सफलता – कोई भी उपक्रम कर्मचारियों के बिना प्रगति नहीं कर सकता। कर्मचारियों में स्फूर्ति लाने, सही मार्गदर्शन देने, दिशानिर्देश देने तथा सामंजस्य बनाए रखने के लिए पर्यवेक्षण आवश्यक है।
(3) अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक – किसी भी उपक्रम की सफलता के लिए उपक्रम में अनुशासन होना चाहिए, उसे बनाए रखने के लिए पर्यवेक्षण आवश्यक है। पर्यवेक्षक एक उच्च अधिकारी होता है।
प्रश्न 13.
मौद्रिक तथा अमौद्रिक अभिप्रेरणाओं में अंतर बताइए।
उत्तर:
मौद्रिक तथा अमौद्रिक अभिप्रेरणाओं में अंतर
मौद्रिक अभिप्रेरणा
- मौद्रिक अभिप्रेरणा में व्यक्ति की इच्छा की अमौद्रिक पूर्ति मुद्रा के रूप में होती है।
- इसे मुद्रा में मापा जाता है।
- इसमें वेतन, मजदूरी, पेंशन आदि आते हैं।
अमौद्रिक अभिप्रेरणा
- अभिप्रेरणा में व्यक्ति की इच्छापूर्ति मुद्रा के अतिरिक्त अन्य तरीकों से होती है।
- इसे मुद्रा में नहीं मापा जाता।
- इसमें पदोन्नति के अवसर, नौकरी की सुरक्षा
प्रश्न 14.
संप्रेषण या संदेशवाहन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
संप्रेषण तथ्यों, विचारों, भावनाओं, सूचनाओं आदि को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने की कला है। संप्रेषण के अंतर्गत केवल संदेश भेजना या प्राप्त करना ही नहीं है, अपितु इसमें समझ भी शामिल है। संप्रेषण दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच अर्थ तथा समझ का एक सेतु है। यह द्विमार्गी प्रक्रिया है। यह प्रेषक से प्रारंभ होती है और प्राप्तकर्ता की प्रतिपुष्टि पर समाप्त होती है। इस प्रकार यह एक चक्रीय प्रक्रिया है जो प्रेषक से प्रारंभ होकर प्रेषक पर ही समाप्त होती है।
प्रश्न 15.
एक नेता में संप्रेषण की कुशलता क्यों होनी चाहिए ?
उत्तर:
एक नेता में संप्रेषण की कुशलता निम्न कारणों से होनी चाहिए
1. एक नेता अपने समूह के सभी सदस्यों के लिये सूचना का स्रोत है। सामान्यतया अधिकारियों से प्राप्त सूचनाएँ एवं निर्देश अधीनस्थों को केवल नेताओं द्वारा दिये जाते हैं।
2. नेता अधीनस्थों की समस्याओं और शिकायतों को उच्च स्तर तक पहुंचाता है और समस्याओं की सही सूचना देने के लिए नेता के पास अच्छी संप्रेषण कुशलता होनी चाहिए।
3. अधीनस्थों और अधिकारियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए नेताओं के पास संप्रेषण की कुशलता होनी चाहिए।
प्रश्न 16.
नेतृत्व की विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
नेतृत्व की विशेषताएँ (Features of leadership)-
- नेतृत्व एक व्यक्ति की दूसरों को प्रभावित करने की योग्यता को प्रदर्शित करता है।
- नेतृत्व.व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयत्न करता है।
- नेतृत्व एक सतत् प्रक्रिया है।
- नेतृत्व का उद्देश्य सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करना है।
- नेतृत्व नेता और अनुकरणकर्ता में अंत: वैयक्तिक संबंध दर्शाता है।
प्रश्न 17.
अभिप्रेरण में प्रयुक्त अंतः संबंधित शब्दों उदेश्य, अभिप्रेरण तथा अभिप्रेरक के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
अभिप्रेरण में प्रयुक्त होने वाले अंत: संबंधित शब्द निम्नलिखित हैं-
1. उद्देश्य/प्रेरक (Motive) – यह एक आंतरिक इच्छा है। यह लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए शक्ति देता है। उद्देश्य एक व्यक्ति की आवश्यकताओं से उत्पन्न होता है।
2. अभिप्रेरण (Motivation) – यह लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लोगों को उनकी श्रेष्ठ योग्यता तक निष्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया है।
3. अभिप्रेरक (Motivators) – यह एक संगठन में लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रयोग की जाने वाली एक तकनीक है। बोनस, बढ़ोत्तरी, पदोन्नति, मान्यता, सम्मान आदि प्रमुख अभिप्रेरक हैं।
प्रश्न 18.
अभिप्रेरण की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
अभिप्रेरण की विशेषताएँ-
- अभिप्रेरणा एक आंतरिक अनुभव है।
- यह एक जटिल प्रक्रिया है।
- यह एक गतिशील और निरंतर प्रक्रिया है।
- अभिप्रेरक सकारात्मक भी हो सकते हैं और नकारात्मक भी।
- यह लक्ष्य अभिमुख (Object-oriented) व्यवहार को उत्पन्न करता है।
- अभिप्रेरणा प्रक्रिया मानवीय आवश्यकताओं पर आधारित है।
प्रश्न 19.
अभिप्रेरण प्रक्रिया के निम्नलिखित चरणों के विषय में आप क्या जानते हैं ?
- असंतुष्ट आवश्यकता
- तनाव
- तनाव में कमी।
उत्तर:
1. असंतुष्ट आवश्यकता (Unsatisfied need) – यह मनुष्य की वह आवश्यकता है जिसको संतुष्ट किया जाना है। यह अभिप्रेरणा प्रक्रिया को शुरू करती है।
2. तनाव (Tension) – तनाव की उत्पत्ति असंतुष्ट आवश्यकता द्वारा होती है। यह स्वयं मनुष्य में एक इच्छा उत्पन्न करता है।
तनाव में कमी- यह अभिप्रेरणा प्रक्रिया का अंतिम चरण है। तनाव में कमी तब आती है जब आवश्यकता की संतुष्टि हो जाती है।
प्रश्न 20.
निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं ?
- भौतिक या शारीरिक अवश्यकताएँ
- आत्म संतुष्टि की आवश्यकतायें।
उत्तर:
1. भौतिक या शारीरिक आवश्यकताएँ (Physiological needs)- मैस्लो की आवश्यकता सोपान में पहला क्रम (Rank) भौतिक या शारीरिक आवश्यकताओं का आता है। इसमें वे आवश्यकता हैं जो मनुष्य के अस्तित्व और उसको बनाये रखने (Maintain) के लिए आवश्यक हैं। इन आवश्यकताओं की संतुष्टि करने के लिए कर्मचारियों को मौद्रिक (वित्तीय) प्रेरणायें दी जाती है।
2. आत्म-संतुष्टि की आवश्यकतायें (Self actualisation needs) – आत्म-संतुष्टि आवश्यकताओं से अभिप्राय जीवन के लक्ष्य तक पहुंचने की चाह से है। एक बार कर्मचारी वह बन जाता है जो वह बनना चाहता है तो इसका अर्थ है कि उसकी आत्म संतुष्टि की आवश्यकता संतुष्ट हो गई है।
प्रश्न 21.
‘अभिप्रेरण’ एवं ‘नेतृत्व’ की अवधारणा को समझाइए।
उत्तर:
1. अभिप्रेरण (Motivation)- अभिप्रेरण से अभिप्राय उस प्रक्रिया से है जो वांछित उद्देश्य प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों में उत्तेजना पैदा करती है। इससे लक्ष्य प्राप्ति व्यवहार पैदा होता है। यह एक जटिल प्रक्रिया है, वह एक आंतरिक अभिव्यक्ति या अनुभव है। यह सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकती है। इससे निष्पादन स्तर में सुधार आता है। इससे कर्मचारियों के आवागमन में कमी आती है।
डब्लू. जी. स्काट के शब्दों में “अभिप्रेरण का अर्थ इस प्रक्रिया से है जो इच्छित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लोगों को कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है।”
नेतृत्व (Leadership)- नेतृत्व वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समूह के लोगों को इस प्रकार प्रभावित किया जाता है कि वे सामूहिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए स्वतः ही अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करने लगते हैं। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें अनुयायियों का व्यवहार बदलने की शक्ति होती है।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि नेतृत्व वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समूह के लोगों को इस प्रकार प्रभावित किया जाता है कि वे सामूहिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये स्वतः अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करने लग जाते हैं।
प्रश्न 22.
निर्देशन के एक तत्व के रूप में नेतृत्व शब्द की व्याख्या करें।
उत्तर:
नेतृत्व (Leadership)- नेतृत्व लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्य करने हेतु दूसरों को प्रेरित करने की योग्यता है। इसे अधीनस्थों को प्रभावित करने की प्रक्रिया के रूप में भी देखा जाता है ताकि वे संस्था के उद्देश्यों की प्राप्ति में उत्साहपूर्वक योगदान करें।
नेतृत्व प्रबंध का एक अंग होता है, किंतु पूर्ण प्रबंध नहीं। यह दूसरों को प्रभावित करने की एक सतत् प्रक्रिया है। इसका कहीं भी अंत नहीं होता। कुन्टज और ओडोनेल के अनुसार, “नेतृत्व एक उच्चाधिकारी की अधीनस्थों को आत्म-विश्वास और उत्साह के साथ काम करने हेतु प्रेरित करने की योग्यता है।”
प्रश्न 23.
पर्यवेक्षण की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
पर्यवेक्षण की विशेषताएँ (Features of supervision) निम्नलिखित हैं
- यह प्रबंध के तीन स्तरों पर की जाने वाली एक सार्वभौमिक क्रिया है
- यह प्रबंध के निर्देशन कार्य का एक मुख्य अंग है।
- यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है क्योंकि इसकी आवश्यकता हर समय रहती है।
- यह सुनिश्चित करता है कि काम वांछित प्रगति से चल रहा है।
- इसका उद्देश्य मानवीय एवं अन्य साधनों का अनुकूलतम उपयोग करना होता है।
प्रश्न 24.
औपचारिक संप्रेषण की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
औपचारिक संप्रेषण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- यह संप्रेषण लिखित या मौखिक दोनों प्रकार का हो सकता है।
- यह संप्रेषण उन लोगों के बीच होता है जिनके बीच संगठन द्वारा औपचारिक संबंध स्थापित किये गये हों।
- इसका पथ निश्चित होता है।
- औपचारिक संप्रेषण में संगठन से संबंधित अधिकृत सूचनाओं का ही प्रेषण किया जाता है। निजी संदेशों का नहीं।
प्रश्न 25.
अनौपचरिक या अंगूरीतला संप्रेषण की मुख्य विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
अनौपचारिक संप्रेषण की विशेषतायें –
- अनौपचारिक संप्रेषण सामाजिक संबंधों द्वारा उत्पन्न होता है अर्थात् यह संगठन के प्रतिबंधों से बाहर है। अधिकारी-अधीनस्थ संबंध जैसा कोई संबंध इसके बीच नहीं आता।
- इसके द्वारा कार्य संबंधी तथा व्यक्ति संबंधी दो प्रकार की सूचनाएँ एकत्रित की जा सकती है।
- अनौपचारिक या अंगूरीलता संप्रेषण का मार्ग निश्चित नहीं होता। यह अंगूर की बेल की तरह टेढ़े-मेढ़े रास्तों से होकर गुजरता है।
- इसमें अफवाहों तथा गलतफहमियों की संभावना अधिक रहती है। 5. अनौपचारिक संप्रेषण द्वारा खबरें जंगल की आग की तरह फैलती हैं।
प्रश्न 26.
त्रुटिपूर्ण अनुवाद संप्रेषण की किस प्रकार की बाधा है ? उस प्रकार से संबंधित अन्य बाधायें लिखकर किसी एक बाधा के बारे में लिखें।
उत्तर:
त्रुटिपूर्ण अनुवाद भाषा संबंधी बाधा है। भाषा संबंधी अन्य बाधायें हैं
- संदेशों की गलत व्याख्या।
- भिन्न अर्थों वाले चिह्न या शब्द।
- अस्पष्ट मान्यतायें।
- अर्थहीन तकनीकी भाषा।
- शारीरिक भाषा व संकेतों का संप्रेषण।
संदेशों की गलत व्याख्या (Badly experessed messages)- भाषा के अस्पष्ट होने के कारण संदेशों को गलत व्याख्या होने की संभावना बनी रहती है। शब्दों का गलत चुनाव, अभद्र शब्द, वाक्यों का गलत क्रम आ से यह बाधा उत्पन्न होती है।
पान 27.
माध्यम, दिशा तथा विधि के आधार पर संप्रेषण के प्रकार लिखें।
उतर-
- माध्यम के आधार पर संप्रेषण के प्रकार-
- औपचारिक संप्रेषण तथा
- अनौपचरिक संप्रेषण
- दिशा के आधार पर संप्रेषण-
- नीचे की ओर (अधोमुखी) संप्रेषण
- ऊपर की ओर (ऊर्ध्वमुखी) संप्रेषण
- समतल संप्रेषण
- तिरछा संप्रेषण।
- विधि के आधार पर संप्रेषण-
- मौखिक
- लिखित
- सांकेतिक।
प्रश्न 28.
संप्रेषण प्रक्रिया संदर्भ में ‘संदेशवाहक/प्रेषक’ तथा ‘शोर’ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
1. संदेशवाहक/प्रेषक (Communicator/Sender)- यह वह व्यक्ति/संस्था है जो संदेश भेजता है। संप्रेषण प्रक्रिया तब शुरू होती है जब प्रेषक कुछ विचार प्राप्त करता है और वह उस विचार को किसी के साथ बाँटना चाहता है।
2. शोर (Noise)- शोर संदेश प्रेषक से उसके प्राप्तकर्ता तक के मार्ग में कहीं भी उत्पन्न होने वाले एक अवांछित (Undesirable) ध्वनि है जो संप्रेषण प्रक्रिया को बाधित करती है। संप्रेषण को बाधित करने वाला शोर बस के चलने, दो व्यक्तियों के काफी नजदीक से बात करने या आसपास किसी के चिल्लाने अथवा खाँसने के कारण उत्पन्न हो सकता है। पत्र का खोजा जाना, टेलीफोन लाइन का बंद हो जाना अथवा सुनने वाले का ध्यान संदेश पर न होना आदि भी शोर के अंग माने जाते हैं। शोर का स्रोत आंतरिक और बाह्य दोनों हो सकते हैं।
प्रश्न 29.
औपचारिक संप्रेषण के लाभ लिखें।
उत्तर:
औपचारिक संप्रेषण के लाभ –
- यह अधिक व्यवस्थित होता है।
- सूचना के स्रोत का सरलता से पता लगाया जा सकता है।
- इसमें विभिन्न कर्मचारियों के उत्तरदायित्वों को निश्चित करना सरल होता है।
- इसके द्वारा कर्मचारियों के कार्य-निष्पादन को नियंत्रित करना सरल होता है।
प्रश्न 30.
औपचारिक संप्रेषण के दोष लिखें।
उत्तर:
औपचारिक संप्रेषण के दोष निम्न हैं
1. इस तरह का संप्रेषण से सोपान श्रृंखला के आधार पर कार्य करते हुए धीमी गति का होता है। विशेषकर जब विभिन्न अधिकार स्तर के द्वारा संप्रेषण किया जाता है।
2. औपचारिक संप्रेषण मुख्य रूप से व्यक्तित्व शून्य तरीके से किया जाता है। व्यक्तिगत लगाव की कमी रहती है।
3. सही सूचनाओं या संदेशों के प्रतिकूल प्रभाव या विवेचन की संभावना के तथ्य संप्रेषित नहीं किये जाते। ऐसा आलोचना से बचने के लिए भी किया जा सकता है।
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