समदैशिकता व विषम दैशिकता ठोस तथा अतिशीतित द्रव | परिभाषा | उदाहरण
सम दैशिकता ठोस किसे कहते है – Samdaishikta Thos Kise kahte hai?
ठोसों के भौतिक गुण जैसे अपवर्तनांक विधुत व ऊष्मा की चालकता , यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान आते है तो इन्हे सम दैशिक ठोस कहते है। और इस गुण को सम दैशिकता कहते है।
Note: अक्रिस्टलीय ठोस में अवयवी कण निश्चित क्रम में नहीं होते अतः ये सम दैशिक है।
Table of content (TOC)
विषम दैशिक ठोस किसे कहते है – Visham Daishik Kise Kahte Hai?
ठोसों के भौतिक गुण जैसे अपवर्तनांक विधुत व ऊष्मा की चालकता , यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान नहीं आते है तो उन्हें विषम दैशिक ठोस कहते है इस गुण को विषम दैशिकता कहते है।
Note: क्वार्ट्ज़ , सिलिका का क्रिस्टलीय रूप है इसमें SiO44- की इकाइयां निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहती है जब क्वार्ट्ज़ को पिघलाकर ठंडा करते है तो यह कांच में बदल जाता है इसमें SiO44- की इकाइयाँ नियमित क्रम में नहीं होती अतः कांच अक्रिस्टलीय ठोस है।
काँच को अतिशीतित द्रव क्यों कहते है ?
कांच एक अक्रिस्टलीय ठोस है इसमें द्रवों की भांति बहने का गुण होता है जैसे पुरानी इमारतों पर लगे शीशे निचे से मोठे व ऊपर से पतले हो जाते है।
Final Words
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