क्वाण्टम यान्त्रिकी ( quantum mechanics ) क्या हैं?
वह विज्ञान , जिसके अन्तर्गत पदार्थ की प्रकृति को तरंग एवं कण दोनों ही प्रकार का मानकर अध्ययन किया जाता है . यातरंगन्त्रिकी ( wave mechanics ) अथवा क्वाण्टम यान्त्रिकी ( quantum mechanics ) कहलाती है ।
ऊर्जा एवं कोणीय संवेग का क्वाण्टीकरण क्वाण्टम यान्त्रिकी के दो मुख्य तत्व है । इसके नियम श्रोडिन्जर द्वारा 1926 में प्रतिपादित किए गए थे।
कृष्णिका विकिरण ( Black Body Radiation )
वे वस्तुएं जो स्वंय पर पड़ने वाली अथवा आपतित होने वाली सभी प्रकार की तरंगदैर्घ्य की विकिरणों को पूर्णतया अवशोषित कर लेती है। श्याम वस्तुएँ कहलाती हैं। इन्हें पूर्ण रेडियेटर या विकिरक ( complete radiator ) भी कह सकते है।
विकिरण चाहे रंगीन हों या रंगहीन , श्याम वस्तुएँ उन्हें न तो परावर्तित करती हैं और न ही पारगत ( transmit ) करतो हैं । यही कारण है कि ये वस्तुएँ सदैव काली ( श्याम ) रंग की दिखाई देती हैं ।
सभी वस्तुएँ जो किसी उच्च तापमान तक गर्म की जाती हैं ऊर्जा को विकिरित ( radiate ) करती हैं , किन्तु श्याम वस्तुएँ सर्वाधिक ( maximum ) ऊर्जा विकिरित करती है। अतः श्याम वस्तुओं को पूर्ण रेडियेटर ( complete radiator ) कहा जाता है। यद्यपि श्याम वस्तु द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल , विकिरित की गई ऊर्जा ,श्याम वस्तु के तापमान पर निर्भर करती है , लेकिन किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित होने वाली विकिरणों की तरंगदैर्घ्य एक ही मान वाली तरंगदैर्घ्य नहीं होती है।
जैसा कि किसी श्याम वस्तु द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की तरंगदैर्घ्य के स्पेक्ट्रम ( चित्र 1.1 से स्पष्ट होता है। यह चित्र किसी निश्चित तापमान ( 6000K ) पर ऊर्जा घनत्व ( energy density ) और उत्सर्जित तरंगदैर्ध्य में सहसम्बन्ध बताता है। इस प्रकार के वक्र के निम्नलिखित अभिलक्षण ( characteristic ) होते हैं।
( 1 ) श्याम वस्तु द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की ऊर्जा या तीव्रता ( intensity ) एक समान नहीं होती है , परंतु उस निश्चित तापमान के लिए एक निश्चित तरंगदैर्घ्य पर उत्सर्जित ऊर्जा का मान उच्चतम होता है । चित्र में यह बिन्दु A से दर्शाया गया है । यह तरंगदैर्घ्य उस श्याम वस्तु का उस निश्चित तापमान पर अभिलक्षण ( characteristic ) है ।
( 2 ) विभिन्न तापमानों पर इस प्रकार भिन्न - भिन्न स्पेक्ट्रम ( वक्रे ) प्राप्त होते हैं । ( चित्र 1 . 2 )
( 3 ) श्याम वस्तु द्वारा उत्सर्जित कुल ऊर्जा उस वस्तु के तापमान के अनुसार भिन्न - भिन्न होती है । जैसा कि चित्र 1 . 2 में दिखाया गया है ।
विकिरण चाहे रंगीन हों या रंगहीन , श्याम वस्तुएँ उन्हें न तो परावर्तित करती हैं और न ही पारगत ( transmit ) करतो हैं । यही कारण है कि ये वस्तुएँ सदैव काली ( श्याम ) रंग की दिखाई देती हैं ।
सभी वस्तुएँ जो किसी उच्च तापमान तक गर्म की जाती हैं ऊर्जा को विकिरित ( radiate ) करती हैं , किन्तु श्याम वस्तुएँ सर्वाधिक ( maximum ) ऊर्जा विकिरित करती है। अतः श्याम वस्तुओं को पूर्ण रेडियेटर ( complete radiator ) कहा जाता है। यद्यपि श्याम वस्तु द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल , विकिरित की गई ऊर्जा ,श्याम वस्तु के तापमान पर निर्भर करती है , लेकिन किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित होने वाली विकिरणों की तरंगदैर्घ्य एक ही मान वाली तरंगदैर्घ्य नहीं होती है।
जैसा कि किसी श्याम वस्तु द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की तरंगदैर्घ्य के स्पेक्ट्रम ( चित्र 1.1 से स्पष्ट होता है। यह चित्र किसी निश्चित तापमान ( 6000K ) पर ऊर्जा घनत्व ( energy density ) और उत्सर्जित तरंगदैर्ध्य में सहसम्बन्ध बताता है। इस प्रकार के वक्र के निम्नलिखित अभिलक्षण ( characteristic ) होते हैं।
( 1 ) श्याम वस्तु द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की ऊर्जा या तीव्रता ( intensity ) एक समान नहीं होती है , परंतु उस निश्चित तापमान के लिए एक निश्चित तरंगदैर्घ्य पर उत्सर्जित ऊर्जा का मान उच्चतम होता है । चित्र में यह बिन्दु A से दर्शाया गया है । यह तरंगदैर्घ्य उस श्याम वस्तु का उस निश्चित तापमान पर अभिलक्षण ( characteristic ) है ।
( 2 ) विभिन्न तापमानों पर इस प्रकार भिन्न - भिन्न स्पेक्ट्रम ( वक्रे ) प्राप्त होते हैं । ( चित्र 1 . 2 )
( 3 ) श्याम वस्तु द्वारा उत्सर्जित कुल ऊर्जा उस वस्तु के तापमान के अनुसार भिन्न - भिन्न होती है । जैसा कि चित्र 1 . 2 में दिखाया गया है ।
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