क्रिस्टलीय ठोस ( Crystalline solid) क्या होते हैं?
पदार्थ परमाणु से मिलकर बना होता है पदार्थ मुख्य रूप से तीन वर्गों में बांटा जा सकता है, जो है ठोस, द्रव,और गैस । ठोस को दो भागों में बांटा जा सकता है । एक क्रिस्टलीय ठोस, दूसरा अक्रिस्टलीय ठोस ,
क्रिस्टलीय ठोस
वे पदार्थ होते हैं जिनके परमाणु नियमित क्रम में व्यवस्थित होते है , क्रिस्टलीय ठोस में प्रत्येक परमाणु अपने चारों ओर की अन्य परमाणुओं से निश्चित दूरी तथा निश्चित कोणीय स्थिति में एक निश्चित बिंदु पर स्थित होता है अर्थात क्रिस्टलीय ठोस , परमाणुओं की त्रिविमीय आवर्त व्यवस्था से मिलकर बना होता है ।
दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि क्रिस्टल मैं सभी दिशाओं में उसके अवयवी परमाणुओं की आवर्तता तथा नियमितता होती है कुछ क्रिस्टलों में यह नियमितता सभी दिशाओं में केवल कुछ हजार परमाणु तक होती है जबकि कुछ क्रिस्टल में यह नियमितता सभी दिशाओं में लगभग 10 पावर 7 अथवा इससे अधिक परमाणु तक होती है इन क्रिस्टलो की size लगभग 1 mm होता है ।
क्रिस्टल में किसी एक परमाणु के चारों ओर अन्य परमाणु का क्रम ठीक उसी प्रकार का होता है जैसा कि उस परमाणु से कुछ दूरी पर स्थित किसी अन्य परमाणु के चारों ओर का होता है दो क्रमागत परमाणुओं के बीच की कोटी 1 एंगस्ट्रोम की होती है यह दूरी साधारण विवर्तन ग्रेटिंग पर दो लाइनों के बीच की दूरी e = 10,000 अंगस्ट्रोम की अपेक्षा बहुत कम होती है.
इसलिए जिस प्रकार विवर्तन गेटिंग की सहायता से विवर्तन द्वारा दृश्य प्रकाश की तरंग दर ज्ञात की जाती है ठीक उसी प्रकार क्रिस्टल से विवर्तन द्वारा एक्स किरण की तरंदैर्ध्य ज्ञात की जा सकती है।
क्रिस्टल ठोस का एक निश्चित गलनांक होता है क्रिस्टलीय ठोस विषमदेशिक होते हैं अर्थात इनकी भौतिक गुण जैसे उसमें उष्मीय चालकता , विद्युत चालकता ,अपवर्तनांक ,यांत्रिक प्रबलता ,आदि भिन्न-भिन्न दिशाओं में भिन्न-भिन्न होती है ।
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