कम्प्यूटर के विकास का संक्षिप्त इतिहास [ Brief history of computer development ]
नमस्कार दोस्तों , आज के इस आर्टिकल में हम आपको कंप्यूटर के विकास का संक्षिप्त इतिहास बताने जा रहे हैं। तो आइए शुरू करते हैं।
1623 ई .: जर्मन गणितज्ञ विल्हेम शीकार्ड ने प्रथम यांत्रिक कैलकुलेटर का विकास किया । यह कैलकुलेटर जोड़ने , घटाने , गुणा व भाग में सक्षम था ।
1642 ई .: फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल ने जोड़ने व घटाने वाली मशीन का आविष्कार किया ।
1801 ई .: फ्रांसीसी वैज्ञानिक जोसेफमेरी जैकार्ड ने लूम ( करघे ) के लिए नई नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन किया । उन्होंने लूम की प्रोग्रामिंग की , जिससे पेपर कार्डों में छेदों के पैटर्न के द्वारा मशीन को मनमुताबिक वीविंग ऑपरेशन ( weaving operation ) का आदेश दिया जाना सम्भव हो गया ।
1833-71 ई .: ब्रिटिश गणितज्ञ और वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज ने जैकार्ड पंच - कार्ड प्रणाली का प्रयोग करते हुए ' एनालिटिकल इंजन ' का निर्माण किया । इसे वर्तमान कम्प्यूटरों का अग्रदूत माना जा सकता है । बैबेज की सोच अपने काल के काफी आगे की थी और उनके आविष्कार को अधिक महत्व नहीं दिया गया ।
1889 ई .: अमेरिकी इंजीनियर हरमन हॉलेरिथ ने ' इलेक्ट्रो मैकेनिकल पंच कार्ड टेबुलेटिंग सिस्टम ' को पेटेंट कराया जिससे सांख्यिकी आँकड़े की भारी मात्रा पर कार्य करना सम्भव हो सका । इस मशीन का प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया गया ।
1941 ई .: जर्मन इंजीनियर कोनार्डसे ने प्रथम पूर्णतया क्रियात्मक डिजिटल कम्प्यूटर Z3 का आविष्कार किया जिसे प्रोग्राम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता था । Z3 इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर नहीं था । यह विद्युतीय स्विचों पर आधारित था जिन्हें रिले कहा जाता था ।
1942 ई .: आइओवा स्टेट कॉलेज के भौतिकविद जॉन विंसेंट अटानासॉफ और उनके सहयोगी क्लिफेर्डबेरी ने प्रथम पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के कार्यात्मक मॉडल का निर्माण किया जिसमें वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोग किया गया था । इसमें रिले की अपेक्षा तेजी से काम किया जा सकता था । यह प्रारंभिक कम्प्यूटर प्रोग्रामेबल नहीं था ।
1944 ई .: आईबीएम और हार्वर्ड यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकेन ने प्रथम लार्ज स्केल ऑटोमेटिक डिजीटल कम्प्यूटर ' मार्क -1 ' का निर्माण किया । यह रिले आधारित मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी ।
1943 ई .: ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन कोडों को तोड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर ' कोलोसस ' का निर्माण किया ।
1946 ई .: अमेरिकी सेना के लिए पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिकविद् जॉन माउचली और इंजीनियर जे . प्रेस्पर इकेर्ट ने ' इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटेड एंड कम्प्यूटर - इनिएक ' ( ENIAC ) का निर्माण किया । इस कमरे के आकार वाले 30 टन कम्प्यूटर में लगभग 18,000 वैक्यूम ट्यूब लगे थे । इनिएक की प्रोग्रामिंग अलग - अलग कार्य करने के लिए की जा सकती थी ।
1951 ई .: इकेर्ट और माउचली ने प्रथम कॉमर्शियल कम्प्यूटर ' यूनिवेक ' ( UNIVAC ) का निर्माण किया ( सं.रा. अमेरिका ) ।
1969-71 ई .: बेल लेबोरेटरी में ' यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ' का विकास किया गया ।
1971 ई .: इंटेल ने प्रथम कॉमर्शियल माइक्रोप्रोसेसर ' 4004 ' का विकास किया । माइक्रोप्रोसेसर चिप पर सम्पूर्ण कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग यूनिट होती है ।
1975 ई .: व्यावसायिक रूप से प्रथम सफल पर्सनल कम्प्यूटर ' MITS Altair 8800 ' को बाजार में उतारा गया । यह किट फार्म में था जिसमें की - बोर्ड व वीडियो डिस्प्ले नहीं थे ।
1976 ई .: पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए प्रथम वर्ड प्रोग्रामिंग प्रोग्राम ' इलेक्ट्रिक पेंसिल ' का निर्माण ।
1977 ई .: एप्पल ने ' एप्पल- ।। ' को बाजार में उतारा , जिससे रंगीन टेक्स्ट और ग्राफिक्स का प्रदर्शन संभव हो ग्या ।
1981 ई .: आई बी एम ने अपना पर्सनल कम्प्यूटर बाजार में उतारा जिसमें माइक्रोसॉप्ट के DOS ( डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम ) का प्रयोग किया गया था ।
1984 ई .: एप्पल ने प्रथम मैकिंटोश बाजार में उतारा । यह प्रथम कम्प्यूटर था जिसमें GUI ( ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस ) और माउस की सुविधा उपलब्ध थी ।
1990 ई .: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस का प्रथम वर्जन ' विंडोज 3.0 ' बाजार में उतारा ।
1991 ई .: हेलसिंकी यूनीवर्सिटी के विद्यार्थी लाइनस टोरवाल्ड्स ने पर्सनल कम्प्यूटर के लिए ' लाइनेक्स ' का आविष्कार किया ।
1996 ई .: हाथ में पकड़ने योग्य कम्प्यूटर ' पाम पाइलट ' को बाजार में उतारा ग्या ।
2001 ई .: सिस्टम ' Mac osx ' को बाजार में उतारा ।
2002 ई .: कम्प्यूटर इंडस्ट्री रिसर्च फर्म गर्टनेर डेटा क्वेस्ट के अनुसार 1975 से वतज़्मान तक मैन्यूफैक्चर्ड कम्प्यूटरों की संख्या 1 अरब 5 पहुँची ।
2005 ई .: एप्पल ने 2006 से अपने मैकिंटोश - कम्प्यूटरों में इंटेल माइक्रोप्रोसेसरों का प्रयोग आरंभ शुरू कर दिया।
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