2. शुद्ध जल में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता कितनी होती हैं ।
उत्तर: 7 (लगभग)
3. लेंस की क्षमता का सूत्र लिखिए ।
उत्तर: लैंस की क्षमता P = 1/f
4. दर्पण सूत्र लिखिए ।
उत्तर: दर्पण का सूत्र : 1/v + 1/u = 1/f
5. प्लैनेरिया में प्रजनन की विधि का नाम लिखिए ।
उत्तर: अलैंगिक जनन
तीव्र अभिक्रिया का एक समीकरण लिखिए ।
उत्तर: तीव्र अभिक्रिया
ये अभिक्रियाएँ अभिकारकों को मिलाने पर अत्यन्त तेजी से सम्पन्न होती है । समान्यता ऐसी अभिक्रियाएँ आयनिक अभिक्रियाएँ होती है जैसे कि प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार के मध्य अभिक्रिया 10-10 sec में ही पूरी हो जाती है ।
NaOH + HCl → NaCl + H2O
AgNO3+HCl→ AgCl (श्वेत अवक्षेप) + HNO3
सिल्वर नाइट्रेट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मिलाते ही सिल्वर क्लोराइड ( AgCl ) का श्वेत अवक्षेप आ जाता है । पौधों में प्रकाश संश्लेषण अभिक्रिया की गति भी बहुत तेज होती है ।
उदासीनीकरण अभिक्रिया का एक उदाहरण लिखिए ।
उत्तर: उदासीनीकरण अभिक्रिया :
जिन अभिक्रियाओं में अम्ल तथा क्षार क्रिया करके जल एवं लवण बनाते हैं उन क्रियाओं को रसायन विज्ञान में उदासीनीकरण अभिक्रिया (neutralization) कहते हैं।
उदाहरण: HCl + NaOH → NaCl + H2O
ऑक्सीकरण अभिक्रिया का एक रासायनिक समीकरण लिखिए ।
उत्तर: ऑक्सीकरण (oxidation) :
1. किसी पदार्थ का ऑक्सीजन या अन्य ऋण विद्युती तत्व के साथ जुड़ना ऑक्सीकरण कहलाता है।
उदाहरण : 2Hg + O2 → 2HgO Mg + Cl2 → mgCl2
2. किसी पदार्थ में से हाइड्रोजन या किसी धन विद्युती तत्व का निकलना ऑक्सीकरण कहलाता है। उदाहरण : CH2 + 2O2 → CO2 + 2H2O 2KI + Cl2 → 2KCl + I2
3. किसी तत्व की संयोजकता में वृद्धि होना ऑक्सीकरण कहलाता है। उदाहरण : PCl3 + Cl2 → PCl5
जब दो धातु के अलगल अलग साल्ट आपस में प्रतिक्रिया करते हैं और एक धातु दूसरी धातु को विस्थापित करके नये साल्ट का निर्माण करता है तो इस प्रतिक्रिया को द्वि-विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। यह अभिक्रिया अभिकारकों के बीच आयनों की अदला बदली के कारण होता है।
उदाहरण: जब सोडियम सल्फेट के विलयन को बेरियम क्लोराइड के विलयन के साथ मिलाया जाता है तो बेरियम सल्फेट का सफेद अवक्षेप बनता है। इस प्रतिक्रिया में सोडियम क्लोराइड जल के विलयन के रूप में बनता है।
Na2SO4 (aq) + BaCl2 (aq) ⇨ BaSO4 (s) + 2NaCl (aq)
परार्वतन के नियम लिखिए ।
उत्तर: प्रकाश परावर्तन के दो नियम है
1. परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर हाता है ।
2. आपतित किरण दर्पण के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण एक ही तल में होते है ।
पूर्ण आन्तरिक परावर्तन क्या हैं ?
उत्तर: पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Total internal reflection) एक प्रकाशीय परिघटना है जिसमें प्रकाश की किरण किसी माध्यम के तल पर ऐसे कोण पर आपतित होती है कि उसका परावर्तन उसी माध्यम में हो जाता है।
इसके लिये आवश्यक शर्त यह है कि प्रकाश की किरण अधिक अपवर्तनांक के माध्यम से कम अपवर्तनांक के माध्यम में प्रवेश करे (अर्थात सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करे) तथा आपतन कोण का मान 'क्रान्तिक कोण' से अधिक हो।
प्रकाशीय तन्तुओं का कार्य पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर ही आधारित है।
प्लाज्मा क्या हैं ?
उत्तर: भौतिकी और रसायन शास्त्र में, प्लाज्मा आंशिक रूप से आयनीकृत एक गैस है, जिसमें इलेक्ट्रॉनों का एक निश्चित अनुपात किसी परमाणु या अणु के साथ बंधे होने के बजाय स्वतंत्र होता है।
प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बनाती है जिसके परिणामस्वरूप यह दृढ़ता से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से प्रतिक्रिया कर पाता है।
नोट: चित्र बनाना आवश्यक नहीं है
एन्जाइम क्या होते हैं ? कोई दो उदाहरण लिखिए ।
उत्तर: एंजाइम एक प्रकार के प्रोटीन होते हैं जो जीवित कोशिकाओं के भीतर उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। वे एक दूसरे से जुड़े और अमीनो एसिड के एक या अधिक लंबी श्रृंखला से बने होते हैं। वे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देते हैं। जीवित जीव में होने वाली सभी रासायनिक प्रतिक्रिया एंजाइमों की उत्प्रेरक क्रियाओं पर निर्भर होती हैं और इसलिए, इन्हें Biotransformation के रूप में जाना जाता है। एंजाइम की उपस्थिति के बिना जीवन संभव नहीं है।
उदाहरण: पेप्सिन , ट्रिप्सिन , एमाइलेज , यूरिएज
हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता हैं ? समझाइए ।
उत्तर: उदर से प्राप्त अम्लीय और अधपची वसा का पाचन क्षुद्रांत्र में होता है । यह भाग यकृत से पित्त रस प्राप्त करता है । इसे अग्नाशयी रस से लाइपेज़ प्राप्त हो जाता है ।
अग्नाशयिक ऐंजाइमों की क्रिया के लिए पित्त रस इसे क्षारीय बनाता है । क्षुद्रांत्र में वसा बड़ी गोलिकाओं के रूप में होता है जिस कारण उस पर ऐंजाइम का कार्य कठिन हो जाता है ।
पित्त लवण उन्हें छोटी छोटी गोलिकाओं में खंडित कर देता है जिससे ऐंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है । अग्नाशय से प्राप्त होने वाले अग्नाशयिक रस में इमल्सीकृत वसा का पाचन करने के लिए लाइपेज़ ऐंजाइम होता है ।
क्षुद्रांत्र की भित्ति में ग्रंथि होती है जो आंत रस स्त्रावित करती है जो वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देती है ।
अग्नाशय का प्रमुख कार्य क्या हैं ? समझाइए ।
उत्तर : अग्न्याशय के कार्य: अग्न्याशय निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्य करता है-
अग्न्याशयी रस का निर्माण करना।
इन्सुलिन, ग्लूकैगोन हार्मोन का स्रावण।
अग्न्याशय रस का स्त्रावण
अग्न्याशय के पिण्डकों की कोशिकाएँ अग्न्याशय रस स्त्रावित करती है। इसमें ट्रिप्सिन, एमाइलेज, तथा लाइपेज एंजाइम होते हैं। जो क्रमशः प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा वसा के पाचन में सहायक होते हैं।
हॉर्मोनों का स्त्रावण
अग्न्याशय की लैंगरहैंस की द्वीपिकाओं की β- कोशिकाओं से इंसुलिन तथा α- कोशिकाओं से ग्लूकैगॉन हार्मोंस स्त्रावित होते हैं। ये एंजाइम कार्बोहाइड्रेट उपापचय का नियंत्रण एवं नियमन करते हैं।
तापीय अपघटन अभिक्रिया क्या हैं ? उदाहरण सहित लिखिए ।
इस रासायनिक अभिक्रिया में सरल पदार्थ जब गर्म किया जाता है तो दो या दो से ज्यादा पदार्थों में टूट जाता है। यह अभिक्रिया आम तौर पर उष्माशोषी (एन्डोथर्मिक) होती है क्योंकि पदार्थ में मौजूद बांड तोड़ने के लिए उष्मा की जरूरत होती है।
कैल्शियम कार्बोनेट का अपघटन (डिकम्पोजीशन): कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) कैल्शियम ऑक्साइड (अनबुझे चूने) में टूट जाता है।
उष्माक्षेपी अभिक्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखिए ।
उत्तर: वह रासायनिक अभिक्रिया उष्माक्षेपी (exothermic reaction) कहलाती है जिसमें उष्मा के रूप में उर्जा प्राप्त होती है। इसके विपरीत रासायनिक अभिक्रिया उष्माशोषी कहलाती है।
रासायनिक अभिक्रिया के रूप में व्यक्त करने पर -
अभिकारक → उत्पाद + उर्जा (उष्मा के रूप में) अर्थात इसमें ऊर्जा के रूप में उष्मा मुक्त होती है
उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन का जलना एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
उत्तर: आवर्धन का मतलब होता है कि प्रतिबिम्ब का साइज़ हमारी वस्तु से कितना बड़ा है और रेखीय आवर्धन की परिभाषा है दर्पण या लेंस से बने किसी वस्तु के प्रतिबिम्ब की लंबाई और वस्तु की लंबाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते है ।
यह परिभाषा उत्तल दर्पण ,अवतल दर्पण और लेंस के लिए मान्य है आवर्धन को m से दर्शाते है
आवर्धन क्षमता का सूत्र
आवर्धन = प्रतिबिम्ब की लंबाई/वस्तु की लंबाई
या
m = I/O
जहां पर I प्रतिबिम्ब की लंबाई और O वस्तु की लंबाई को है
अवतल लेंस के लिए रेखीय आवर्धन यानि m का मान 1 से कम होता है तथा धनात्मक होता है और उत्तल लेंस के लिए रखीय आवर्धन का मान 1 से कम या ज्यादा या बराबर हो सकता है यदि उत्तल लेंस से बना प्रतिबिम्ब वास्तविक है तो m ऋणात्मक और आभासी प्रतिबिम्ब के लिए मान धनात्मक होता है
वस्तु के सापेक्ष बने प्रतिबिम्ब का आवर्धन धनात्मक और उलटी दिशा में बना प्रतिबिम्ब को ऋणात्मक लिखा जाता है
आवर्धन को m से ही दर्शाया जाता है चाहे वह रेखीय हो यानि लम्बाई के लिए हो या फिर मोटाई या चौड़ाई के लिए हो इसे m से ही लिखते है तभी क्षेत्रफल का आवर्धन m×m लिखेंगे
अपवर्तनांक किसे कहते हैं ? जल और क्राउन काँच का अपवर्तनांक लिखिए ।
उत्तर: अपवर्तनांक: किसी माध्यम (जैसे जल, हवा, कांच आदि) का अपवर्तनांक (रिफ्रैक्टिव इण्डेक्स) वह संख्या है जो बताती है कि उस माध्यम में विद्युतचुम्बकीय तरंग (जैसे प्रकाश) की चाल किसी अन्य माध्यम की अपेक्षा कितने गुना कम या अधिक है।
यदि प्रकाश के सन्दर्भ में बात करें तो सोडा-लाइम कांच का अपवर्तनांक लगभग 1.5 है जिसका अर्थ यह है कि कांच में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल की अपेक्षा 1.5 गुना कम अर्थात (1/1.5 = 2/3) हो जाता है।
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो दोनो माध्यमों का अपवर्तनांक अलग-अलग होने की दशा में प्रकाश की किरण अपने पथ से मुड़ जाती है। यह मुड़ना किस तरफ होगा - यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस माध्यम का अपवर्तनांक कम और किसका अधिक है। यह मुड़ना स्नेल के नियम (Snell's Law) का पालन करता है।
प्रकाश संश्लेषण से आप क्या समझते है ? इसका समीकरण लिखिए ।
उत्तर: सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं।
रासायनिक समीकरण
6 CO2 + 12 H2O + प्रकाश + क्लोरोफिल → C6H12O6 + 6 O2 + 6 H2O + क्लोरोफिल कार्बन
इस रासायनिक क्रिया में कार्बनडाइऑक्साइड के 6 अणुओं और जल के 12 अणुओं के बीच रासायनिक क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप ग्लूकोज के एक अणु, जल के 6 अणु तथा ऑक्सीजन के 6 अणु उत्पन्न होते हैं। इस क्रिया में मुख्य उत्पाद ग्लूकोज होता है तथा ऑक्सीजन और जल उप पदार्थ के रूप में मुक्त होते हैं।
इस प्रतिक्रिया में उत्पन्न जल कोशिका द्वारा अवशोषित हो जाता है और पुनः जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं में लग जाता है। मुक्त ऑक्सीजन वातावरण में चली जाती है। इस मुक्त ऑक्सीजन का स्रोत जल के अणु है कार्बनडाइऑक्साइड के अणु नहीं। अभिक्रिया में सूर्य की विकिरण ऊर्जा का रूपान्तरण रासायनिक ऊर्जा में होता है। जो ग्लूकोज के अणुओं में संचित हो जाती है। प्रकाश-संश्लेषण में पौधों द्वारा प्रति वर्ष लगभग 100 टेरावाट की सौर्य ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में भोज्य पदार्थ के अणुओं में बाँध दिया जाता है।
इस ऊर्जा का परिमाण पूरी मानव सभ्यता के वार्षिक ऊर्जा खर्च से भी 7 गुणा अधिक है। यह ऊर्जा यहाँ स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहती है। अतः प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को ऊर्जा बंधन की क्रिया भी कहते हैं। इस प्रकार प्रकाश-संश्लेषण करने वाले सजीव लगभग 10,00,00,00,000 टन कार्बन को प्रति वर्ष जैव-पदार्थों में बदल देते हैं,
पौधो में उत्सर्जन तंत्र अधिक विकसित नही होता क्यों ?
उत्तर: पादप में उत्सर्जन पादप उत्सर्जन के लिए जंतुओं से बिलकुल भिन्न युक्तियाँ प्रयुक्त करते हैं । प्रकाश संश्लेषण में जनित ऑक्सीजन भी अपशिष्ट उत्पाद कही जा सकती है । पौधे अतिरिक्त जल से वाष्पोत्सर्जन द्वारा छुटकारा पा सकते हैं । पादपों में बहुत से ऊतक मृत कोशिकाओं के बने होते हैं और वे अपने कुछ भागों , जैसे पत्तियों , का क्षय भी कर सकते हैं । बहुत से पादप अपशिष्ट उत्पाद कोशिकीय रिक्तिका में संचित रहते हैं । पौधों से गिरने वाली पत्तियों में भी अपशिष्ट उत्पाद संचित रहते हैं । अन्य अपशिष्ट उत्पाद रेजिन तथा गोंद के रूप में विशेष रूप से पुराने जाइलम में संचित रहते हैं । पादप भी कुछ अपशिष्ट पदार्थों को अपने आसपास की मृदा में उत्सर्जित करते हैं ।
मनुष्य के नर जनन तंत्र में वृषण का क्या कार्य है ?
उत्तर: वृषण पुरुष यह पुरुषों का प्राथमिक प्रजनन अंग होता है। वृषण का काम नर यौन कोशिका या नर युग्मक जिन्हें शुक्राणु कहते हैं, बनाना है। साथ ही इसका काम नर यौन हार्मोन– टेस्टोस्टेरोन बनाना भी है। एक मनुष्य का वृषण यौवन आने के बाद से आजीवन यौन युग्मक या शुक्राणु का निर्माण करता रहता है।
अमीबा में द्विविखण्डन का सचित्र वर्णन कीजिए ।
उत्तर: अमीबा ( Amoeba ) : अमीबा में , कोशिका में पाया जाने वाला केन्द्रक लम्बा होकर बीच से दो भागों में बँट जाता है ।
केन्द्रक के विभाजन के पश्चात् कोशिका कला ( Cell membrane ) अन्दर की ओर सकर , दो भागों में बँट जाती है । इस विभाजन के साथ कोशिका द्रव्य भी विभाजित हो जाता है । पैतृक अमीबा का दो सन्तति अमीबा में निर्माण होता है प्रत्येक सन्तति अमीबा स्वतंत्र होकर अपना जीवन व्यतीत करता है ।
अम्ल और क्षार में कोई चार अंतर लिखिए ।
उत्तर: अम्ल और क्षार में अंतर | Difference Between Acid and Base
अम्ल (Acid)
क्षार(Base)
अम्ल जलीय विलयन में घुलने के पश्चात हाइड्रोजन आयन (H+) देते हैं
क्षार जलीय विलयन में घुलने के पश्चात हाइड्रा ऑक्साइड आयन (OH-) देते हैं
अम्ल का PH मान 7 से कम होता हैं।
क्षार का PH मान 7 से अधिक होता हैं।
अम्ल का स्वाद खट्टा होता है।
क्षार का स्वाद थोड़ा कसैला होता है।
अम्ल नीले लिटमस पेपर को लाल कर देता है।
क्षार लाल लिटमस पेपर को नीला कर देता है।
दैनिक जीवन में PH- का महत्व समझाइये ।
उत्तर: दैनिक जीवन में पीएच का महत्व-
हमारे शरीर में होने वाली जैव रासायनिक क्रियाओं की पीएच परास 7 से लेकर 7.8 तक ही होती है। इसमें थोड़ा भी परिवर्तन हमारे शरीर पर बहुत घातक प्रभाव डालता है।
अम्लीय वर्षा में जल का ph मान 5.6 से कम होता है। इस जल के फल स्वरुप नदियों का PH मान भी कम हो जाता है जो कि जलीय जीवो पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
उपजाऊ मिट्टी का पीएच मान भी एक निश्चित परास में होता है जो न तो अधिक अम्लीय तथा न ही अधिक क्षारीय होता है।
विभिन्न प्रकार के मसालेदार भोजन पेट की अम्लता को बढ़ाते हैं जिसकी वजह से एसिडिटी तथा गैस की समस्या होती है। इसे दूर करने के लिए क्षारीय प्रकृति वाले मिल्क ऑफ मैग्नीशिया का प्रयोग किया जाता है।
मधुमक्खी के डंक में मेथेनॉइक अम्ल होता है जोकि अम्लीय प्रकृति का होता है और जलन उत्पन्न करता है। इसे शांत करने के लिए क्षारीय प्रकृति के बेकिंग सोडा का प्रयोग किया जाता है।
दांत का इनामेल कैल्शियम सल्फेट का बना होता है जो कि हमारे शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। दांतों की सफाई नहीं करने पर बैक्टीरिया के सड़ने से अम्लों की उत्पत्ति होती है जिनसे मुंह की लार का पीएच 5.5 से कम चला जाता है और इनामेल को नुकसान पहुंचाता है।
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है क्यों ?
उत्तर: मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है जो मनुष्य को भोजन से प्राप्त होती है। खाद्य पदार्थ पाचन के दौरान छोटे-छोटे टुकड़ों में विभक्त हो जाता है। ब्रेड चावल आलू इत्यादि पदार्थों में पाए जाने वाला कार्बोहाइड्रेट पाचन की क्रिया के फलस्वरुप टूटकर ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है तथा यह ग्लूकोस हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाई जाने वाली ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करता है। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया श्वसन कहलाती है।
अतः श्र्वसन की क्रिया में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है। चूंकि, हम जानते हैं ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया वह अभिक्रिया है जिसमें ऊष्मा उत्सर्जित होती है। अतः स्पष्ट है कि श्र्वसन की क्रिया ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
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