ग्राम सभा | ग्राम पंचायत | ग्राम सचिव | ग्राम सभा की भूमिका | ग्राम पंचायत के काम | ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत | पंचायत के तीन स्तर | पंचायत संबंधी कानून

Ashok Nayak
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• लोग जब अपना प्रतिनिधि चुन लेते हैं तो उसके बाद क्या होता है ?
• ग्रामीण क्षेत्र में चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा निर्णय कैसे लिए जाते हैं ?

ग्राम सभा क्या होती है?

ग्राम सभा एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा होती है । हो सकता है कि उसमें सिर्फ एक गाँव हो या एक से ज्यादा । कई राज्यों में हर गाँव की ग्राम सभा की बैठक अलग होती है ।
कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे ज्यादा हो , जिसे वोट देने का अधिकार प्राप्त हो और जिसका नाम गाँव की मतदाता सूची में हो , वह ग्राम सभा का सदस्य होता है ।

ग्राम पंचायत क्या होती है?

एक ग्राम पंचायत कई वार्डो ( छोटे क्षेत्र ) में बँटी हुई होती है । प्रत्येक वार्ड अपना एक प्रतिनिधि चुनता है जो वार्ड पंच के नाम से जाना जाता है । इसके साथ पंचायत क्षेत्र के लोग मिलकर सरपंच को चुनते हैं , जो पंचायत का मुखिया होता है ।

वार्ड पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन पाँच साल के लिए करते हैं । ग्राम पंचायत का एक सचिव होता है जो ग्राम सभा का भी सचिव होता है । सचिव का चुनाव नहीं होता , उसकी सरकार द्वारा नियुक्ति की जाती है ।

सचिव का काम है ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की बैठक बुलाना और जो भी चर्चा एवं निर्णय हुए हों उनका रिकॉर्ड रखना ।

ग्राम पंचायत पूरे गाँव के हित में निष्पक्ष रूप से काम कर सके इसमें ग्राम सभा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है । ग्राम सभा की बैठक में ग्राम पंचायत अपनी योजनाएँ लोगों के सामने रखती है । ग्राम सभा पंचायत को मनमाने ढंग से काम करने से रोक सकती है । 

साथ ही , पैसों का दुरुपयोग एवं कोई गलत काम न हो , इसकी निगरानी भी करती है । इस तरह से ग्राम सभा चुने हुए प्रतिनिधियों पर नजर रखने और लोगों के प्रति उन्हें जिम्मेदार एवं जवाबदेह बनाने में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
• ग्राम पंचायत की नियमित रूप से बैठक होती । 
• उसका मुख्य काम उसके क्षेत्र में आने वाले गाँवों में विकास कार्यक्रम लागू करवाना होता है । 
• ग्राम सभा ही पंचायत के काम को स्वीकृति देती है।

ग्राम सभा की भूमिका क्या है?

कुछ राज्यों में ग्राम सभाएँ काम करवाने के लिए समितियाँ बनाती हैं , उदाहरण के लिए निर्माण समिति । मान लीजिए कि गाँव में एक सामुदायिक केंद्र का भवन बनवाना है तो यह काम निर्माण समिति करेगी । इन समितियों में कुछ सदस्य ग्राम सभा के होते हैं और कुछ पंचायत के । ये दोनों मिलकर गाँव के विकास के लिए काम करते हैं ।

ग्राम पंचायत के काम क्या है?

ग्राम पंचायत के काम में सड़कों , नालियों , स्कूलों , भवनों , पानी के स्रोतों और अन्य सार्वजनिक उपयोग के भवनों का निर्माण और रख - रखाव स्थानीय कर लगाना और इकट्ठा करना , गाँव के लोगों को रोजगार देने संबंधी सरकारी योजनाएँ लागू करना होता है।

ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत 

• घरों एवं बाजारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि । 
• विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलायी गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है । 
• समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान ।

पंचायत के तीन स्तर

पंचायती राज व्यवस्था एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोग अपनी सरकार में भाग लेते हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत लोकतांत्रिक सरकार का पहला स्तर है । ग्राम पंचायत ग्राम सभा के प्रति जवाबदेह होती है क्योंकि ग्राम सभा के लोग ही उसको चुनते हैं ।

● पंचायती राज व्यवस्था में लोगों की भागीदारी दो और स्तरों पर होती है । 
● ग्राम पंचायत के बाद दूसरा स्तर विकासखंड का होता है । इसे जनपद पंचायत या पंचायत समिति कहते हैं ।

एक पंचायत समिति में कई ग्राम पंचायतें होती हैं । पंचायत समिति के ऊपर जिला पंचायत या जिला परिषद् होती है । यह तीसरा स्तर होता है । जिला परिषद् एक जिले के स्तर पर विकास की योजनाएँ बनाती है ।
• पंचायत समिति की मदद से जिला परिषद सभी पंचायतों में आबंटित राशि के वितरण की व्यवस्था करती है ।

संविधान में दिए हुए निदेशों के आधार पर देश के हर राज्य ने पंचायत से जुड़े कानून बनाए हैं । इसीलिए पंचायत संबंधी कानून हर राज्य में कुछ अलग - अलग हो सकते हैं । इसके पीछे मुख्य विचार यही है कि अपने गाँव की व्यवस्था में लोगों की भागीदारी बढ़े और उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें ।

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