Class 11th Biology Revision Test Solve Pdf Download
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पाँच जगताय वर्गीकरण किस वैज्ञानिक ने दिया ।
उत्तर: लीनियस
एगार का उत्पादन किया जाता है ।
उत्तर: शैवाल से
केन्द्रक की खोज किसने की ।
उत्तर: रॉबर्ट ब्राउन ने
प्रोटीन में अमीनों अम्ल किस बंध से जुड़े होते है ।
उत्तर: पेप्टाइड बंध से
यीस्ट को कोशिका चक्र को पूर्ण होने में कितना समय लगता है ।
उत्तर: 90 मिनिट
1. अवपंक कवक ..........प्रोटिस्टा है ।
उत्तर: एककोशिकीय
2. लिवरवर्ट ........... वर्ग का सदस्य हैं ।
उत्तर: प्रायोफायटा
3. सबसे छोटी कोशिका ........... हैं ।
उत्तर: शुक्राणु
4. सभी एंजाइम .........होते हैं ।
उत्तर: प्रोटीन
5. भारत बहुकेंद्रिकी कोशिका को ........कहते हैं ।
उत्तर: यूकैरियोटिक
1. दो युग्मकों के प्रोटोप्लाज्म के संलयन को प्लैज्मोगैमी कहते है ।
उत्तर: सत्य
2. द्विनिषेचन के एंजियोस्पर्ग का अद्वितीय गुण है ।
उत्तर: सत्य
3. राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करते हैं ।
उत्तर: सत्य
4. डी.एन.ए. में न्यूरेसिल नामक सार पाया जाता है ।
उत्तर: असत्य
5. जाइगोटीन अवस्था में कियाज्मेटा का निर्माण होता है ।
उत्तर: असत्य
प्र 04 सही जोड़ियाँ बनाकर लिखिए कॉलम
1. एस्कोमाइसिटीज ( क ) जिम्नोस्पर्म
2. सिलैजिनेला ( ख ) सेल्यूलोज ( कोशिका मिति )
3. पादप कोशिका ( ग ) पेनिसीलियम
4. स्टार्च ( घ ) डी.एन.ए. प्रतिकृति
5. S प्रावस्था ( ड ) कार्बोहाइड्रेट
उत्तर:
1. एस्कोमाइसिटीज पेनिसीलियम
2. सिलैजिनेला जिम्नोस्पर्म
3. पादप कोशिका सेल्यूलोज ( कोशिका मिति )
4. स्टार्च कार्बोहाइड्रेट
5. S प्रावस्था डी.एन.ए. प्रतिकृति
प्र 05 मोनेरा जगत के लक्ष्ण बताइये । ( कोई -2 )
उत्तर:
(1) इस जगत में एकलकोशिकीय जीव होते है जिनकी कोशिका प्रोकेर्योटिक होती है ।
(2) DNA द्विकुंडलित गोलाकार होता है ।
प्र 06 का अथवा
प्रोटीन के दो मुख्य कार्य लिखिए ।
उत्तर:
1. शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना करना।
2. इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं का संचालन करना है।
3. शरीर को आवश्यकतानुसार ऊर्जा प्रदान करना।
प्र 07 कोशिका की परिभाषा लिखिए ।
उत्तर:
कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं।
प्र 08 का अथवा
सूक्ष्मकणिका ( माइटोकॉण्ड्रिया ) को कोशिका का ऊर्जा क्यों कहा जाता हैं ?
उत्तर: कोशिका का का पावर हाउस माईटोकान्ड्रिया को कहा जाता हैं क्योंकि माईटोकान्ड्रिया ऊर्जा को ATP के रूप में इखट्टा करके रखता है। माइटोकॉन्ड्रिया रासायनिक ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किए जाने वाले एडेनोसिन ट्राइफ़ॉस्फेट (एटीपी) की अधिकांश सेल की आपूर्ति करते हैं। इस प्रकार माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर या पावर हाउस भी कहते हैं।
प्र 09 सूत्री विभाजन को सम विभाजन क्यों कहते है ?
उत्तर: सूत्री विभाजन को सम-विभाजन कहा जाता है, क्योंकि विभाजन के अंत में दो ऐसी कोशिकाएँ बनती हैं जिसमें गुणसूत्रों की संख्या जनक कोशिका के बराबर होती है।
इस विभाजन में जनक कोशिका के आनुवंशिक गुण पुत्री कोशिका में पहुँचते हैं । अतः इस विभाजन से आनुवंशिक समानता बनी रहती है।
प्र 10 अर्ध सूत्री विभाजन का क्या महत्त्व हैं ?
उत्तर:
अर्द्धसूत्री विभाजन का महत्त्व-
( a ) इसके कारण पीढ़ी - दर पीढ़ी कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या एकसमान बनी रहती है ।
( b ) इस विभाजन के कारण जनक के समान ही कोशिकाएँ पैदा होती हैं ।
( c ) इस विभाजन में जीन विनिमय होने के कारण यह नये गुणों के बनने में सहायता करता है ।
( d ) इसके कारण विभिन्नता पैदा होती है , जो जैव विकास के लिए आवश्यक है ।
( e ) इसके कारण एक द्विगुणित कोशिका से चार अगुणित कोशिकाएँ बनती हैं ।
प्र 011 का अथवा
साइनोबैक्टिरिया क्या है ?
उत्तर: नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया)
नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) एक जीवाणु फायलम होता है, जो प्रकाश संश्लेषण से ऊर्जा उत्पादन करते हैं। यहां जीवाणु के नीले रंग के कारण इसका नाम सायनो (यूनानी में काएनोस अर्थात नीला) से पड़ा है।
नील हरित काई वायुमंडलीय नाइट्रोजन यौगिकीकरण कर, धान के फसल को आंशिक मात्रा में की नाइट्रोजन पूर्ति करता है। यह जैविक खाद नत्रजनधारी रासायनिक उर्वरक का सस्ता व सुलभ विकल्प है जो धान के फसल को, न सिर्फ 25-30 किलो ग्राम नत्रजन प्रति हैक्टेयर की पूर्ति करता है, बल्कि उस धान के खेत में नील हरित काई के अवशेष से बने सेन्द्रीय खाद के द्वारा उसकी गुणवत्ता व उर्वरता कायम रखने में मददगार साबित होती है।
प्र 012 का अथवा
विषम बीजाणुता क्या हैं ? समझाइये ।
उत्तर: विषम बीजाणुकता (Heterospory) दो प्रकार के बीजाणु (Spores) बनने की प्रक्रिया है, जैसे कि छोटा लघुबीजाणु (Microspore) तथा बड़ा दीर्घबीजाणु (Megaspore) विषम बीजाणुकता को सर्वप्रथम टेरिडोफाइट्स सिलैजिनेला (Selaginella) में देखा गया। साल्विनिया में भी विषम बीजाणुकता पायी जाती है। बड़े दीर्घबीजाणु (मादा) तथा छोटे लघु बीजाणु (नर) से क्रमशः मादा और नर युग्मकोद्भिद बन जाते हैं। ऐसे पौधों में मादा युग्मकोद्भिद अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए पैतृक स्पोरोफाइट से जुड़ा रहता है।
प्र 13 कोशिका के चार मुख्य कोशिकांग के नाम लिखिये एवं प्रत्येक के एक - एक कार्य भी बताइये ।
उत्तर:
(1) केंद्रक
कार्य: केन्द्रक कोशिका विभाजन सहायक होता है।
(2) कोशिका भित्ति
कार्य: कोशिका को आकृति प्रदान करना एवं प्रोटोप्लाज्म की रक्षा करना है।
(3) कोशिका झिल्ली
कार्य: कोशिकांग की सुरक्षा करती है तथा ER का निर्माण करती है ।
और पदार्थो के आवागमन में सहायक होती है ।
(4) केंद्रक झिल्ली
कार्य: केन्द्रक के अन्दर की सामग्री को कोशिकाद्रव्य से पृथक रखती है।
प्र 14
चार प्रोटीन के नाम लिखिये एवं उनके कार्य भी बताइये ।
उत्तर:
1. कोलेजन (collagen)
कार्य: कोलेजन शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला प्रोटीन है और शरीर में हमारे बालों, त्वचा, नाखून, हड्डियों, लिगामेंट्स (ligaments) और टेनडंस (tendons) को संरचना देने में मदद करता है. इसका मुख्य कार्य है कि यह तंतुमय (रेशेदार) संयोजी ऊतक के निर्माण में प्रयुक्त होता है. अस्थि व कार्टिलेज के आधार पदार्थ का भी निर्माण करता हैं।
2. फ़ाइब्राइन (Fibroin)
कार्य: फ़ाइब्राइन मकड़ियों द्वारा बनाई गई रेशम में एक अघुलनशील प्रोटीन है अर्थार्त यह रेशम या मकड़ियों के धागे का निर्माण करता है।
3. केराटिन (Keratin)
कार्य: केराटिन तंतुमय (रेशेदार) संरचनात्मक प्रोटीन में से एक है. केराटिन प्रोटीन क्षति या तनाव से उपकला कोशिकाओं (epithelial cells) की सुरक्षा करता है. यह मानव त्वचा की बाहरी परत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. केराटिन प्रोटीन का मुख्य कार्य है कि यह त्वचा, बाल, नाखून, सींग, खुर के निर्माण में सहायक होते है।
4. इलास्टिन (Elastin)
कार्य: यह भी तंतुमय प्रोटीन है, जो लिगामेंट्स व रुधिर वाहिनियों के पीले ऊतक में मिलता है. इलास्टिन संयोजी ऊतकों में भी पाया जाता है परन्तु कोलेजन की तुलना में एक अलग प्रकार का प्रोटीन है. इसमें लचीलेपन की प्रॉपर्टी होती है. यह शरीर में ऊतकों को बढ़ाकर या अनुबंधित होने के बाद अपने मूल आकार में "वापस स्नैप" में आजाता है।
प्र 015 पादप कोशिका का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइये ।
उत्तर:
पादप कोशिका का स्वच्छ नामांकित चित्र
प्र 16 का अथवा
आकार के आधार पर बैक्टिरिया ( जीवाणु ) के प्रकार बताइये ।
उत्तर: आकार के अनुसार बैक्टीरिया के प्रकार
- गोल आकार के बैक्टीरिया (उदहारण, कोकस)
- रॉड जैसे आकार के बैक्टीरिया (उदहारण, बेसिलस)
- कॉमा के आकार वाले बैक्टीरिया (उदहारण, विब्रियो)
- सर्पिल आकार के बैक्टीरिया (उदहारण, स्पिरिला या स्पिरोचेट)
प्र 017 का अथवा
शैवालों का आर्थिक महत्त्व लिखिये । ( कोई -4 )
उत्तर: शैवालों का आर्थिक महत्त्व:
1. भोजन के रूप में :- शैवाल की अनेक जातियाँ भोजन के रूप में प्रयोग की जाती है। इनमें कार्बोहाइड्रेट अकार्बनिक यौगिकों एवं विटामिन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। शैवाल में विटामिन A, C, D एवं E पायी जाती हैं। शैवालों का भोजन के रूप में प्रयोग विश्व में सर्वाधिक जापान में होता है। आयरलैंड में शैवाल कान्ड्र्स -क्रिस्पस को सुखाकर खाया जाता है। एलेरिया-एस्कलेण्टा शैवाल को आइसलैण्ड, आयर लैण्ड तथा डेनमार्क में स्वादिष्ट माना जाता है। नास्टाक कम्यून को चीन में खाया जाता है।
2. चारे के रूप :- नॉर्वे, फ्रांस, डेनमार्क, अमेरिका था न्यूजीलैंड आदि देशों में समुद्री शैवालों का चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। बहुत सी मछलियां लिन्जबया शैवालों पर आश्रित रहती हैं। अन्य देशों में कुछ लाल शैवालों को भेड़ो तथा मुर्गियों के लिए भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है। लैमिनेरिया तथा फ्यूकस शैवालों को गाय तथा बैलों आदि को खिलाया जाता हैं। चीन में सारगासम को चारे के रूप में मान्यता दी गई है।
3. कृषि में उपयोग:- जैसा की हम सब जानते हैं कि बैक्टेरिया, कवक शैवाल तथा दूसरे अन्य सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं। इनमे पाये जाने वाले में नील हरित शैवाल सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इनमें नाइट्रोजन यौगिकीकरण की क्षमता होती है। यह यौगिक मृदा की क्षमता एवं पौधों की वृद्धि को बढ़ाते हैं।
4. औषधि के रूप में उपयोग:- एक कोशीय हरित शैवाल क्लोरेला एक एंटीबायोटिक का संश्लेषण करता है जिसे क्लोरेलिन कहते हैं। कारा एवं नाइटेला जल कुंड में उपस्थित मच्छरों को नष्ट कर देते हैं यह मच्छरों की रोकथाम में उपयोगी हैं।
5. भूमि सुधार में प्रयोग:- वर्षा ऋतु में नास्टाक साइटोनीमा एवं एनाबिना आदि ऊसर भूमि पर की सतह पर वृद्धि करते हैं। इन शैवालों के कारण भूमि का pH 9.7 से 7.6 हो जाता है। तथा इसकी जल रोक सकने की क्षमता 40% बढ़ जाती है। और नाइट्रोजन की मात्रा में 30% से 38% तक वृद्धि होती है।
प्र 18 प्रोकेरियोटिक एवं यूकैरियोटिक कोशिका में क्या अंतर हैं ? ( कोई -5 )
उत्तर: प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर ( Difference In Prokaryotic and Eukaryotic Cell )
प्रोकैरियोटिक कोशिका
1. इनमें प्रारंभी अविकसित केंद्रक होता है ।
2. यह आदिम कोशिकाएं हैं ।
3. कोशिका द्रव्य पूर्ण कोशिका में फैला रहता है ।
4. केंद्रक कला तथा केंद्रिका अनुपस्थित होती है ।
5. डीएनए हिस्टोन प्रोटीन रहित होता है।
यूकैरियोटिक कोशिका
1. इनमें पूर्ण विकसित केंद्रक होता है।
2. ये सुविकसित कोशिकाएँ है ।
3. कोशिका एवं कोशिका कला के बीच सीमित रहता है
4. केंद्रक कला तथा केंद्रिका उपस्थित होती है ।
5. डीएनए हिस्टोन प्रोटीन जुड़ी होती है ।
Note: कृपया आप टेबल बना कर लिखें । तो बहुत अच्छा दिखेगा।
प्र 19 अर्ध सूत्री विभाजन एवं समसूत्री विभाजन में क्या अंतर हैं
उत्तर:
अर्ध सूत्री विभाजन एवं समसूत्री विभाजन में अंतर
thank you
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