Typhoid Se Kaise Bache? – टाइफाइड कैसे होता है, टाइफाइड के लक्षण व इलाज
टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से होने वाली एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। यह रोग पाचन तंत्र और रक्तप्रवाह में जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। गलत खान-पान या संक्रमित पानी से टाइफाइड जैसी समस्या हो जाती है। टाइफाइड को आम भाषा में मोतीझरा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी चीजें खाने-पीने से बचें जिनसे टाइफाइड होने का खतरा हो। टाइफाइड से कैसे बचे यह जानना चाहते हैं, तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।
वर्तमान समय में व्यक्ति ऐसी खतरनाक बीमारियों से घिरा हुआ है, जिसका यदि समय पर उपचार न किया गया तो व्यक्ति की स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है। इसलिए हम आपको एक ऐसी खतरनाक बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके सामान्य लक्षणों का पता लगाना बेहद मुश्किल है। इस बीमारी का नाम टाइफाइड है जो किसी भी व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार होता है। कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर टाइफाइड से काफी हद तक बचा जा सकता है। तो इस लेख में जाने टाइफाइड क्या है, टाइफाइड बुखार किसके द्वारा होता है और टाइफाइड से बचने के उपाय।
टाइफाइड क्या है
टाइफाइड एक प्रकार का बुखार है जो शरीर में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया के संक्रमण के फैलने के कारण होता है। यह एक संक्रामक रोग है जिसमें घर के किसी एक व्यक्ति को टाइफाइड हो जाता है, तो यह परिवार के अन्य सदस्यों को भी हो सकता है। टाइफाइड बुखार होने पर शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। यदि टाइफाइड का इलाज समय पर नहीं किया गया तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
दुनिया में हर साल लाखों लोग टाइफाइड से प्रभावित होते हैं और इससे कई लोगों की मौत हो जाती है। टाइफाइड में बुखार शुरुआत में हल्का होता है, इसलिए इसके लक्षणों को पहचानने में कुछ समय लगता है। यह रोग साल्मोनेला नामक जीवाणु के फैलने से होता है।
टाइफाइड बुखार के लक्षण
जब बैक्टीरिया शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं, तो टाइफाइड के लक्षण 5 से 20 दिनों के बाद प्रकट होते हैं, उनकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। आगे हम आपको बता रहे हैं कि टाइफाइड के क्या लक्षण होते हैं, जिससे आप यह पहचान पाएंगे कि व्यक्ति को टाइफाइड है या नहीं।
- सिरदर्द- रोगी को बुखार के साथ-साथ तेज सिरदर्द होता है और यह दर्द लगातार बना रहता है।
- बुखार – शरीर में बैक्टीरिया के आने से ठंड लगने के साथ बुखार आता है और यह बुखार बढ़ता और बढ़ता ही जाता है।
- थकान महसूस – सारा शरीर थका हुआ महसूस करने लगता है।
- बेचैन – कोई भी काम करने का मन नहीं करता और मन घबराने लगता है।
- भूख में कमी- टाइफाइड के कारण भूख कम लगती है और कमजोरी महसूस होने लगती है।
- बदन दर्द – पूरे शरीर में दर्द होने लगता है। टाइफाइड से प्रभाव अंग में बहुत दर्द होता है।
टाइफाइड किसके कारण होता है
टाइफाइड एक ऐसी बीमारी है जो बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी प्रभावित करती है। ऐसे में टाइफाइड के करण होने के कई कारण होते हैं, जिससे ऐसा होता है। आइए जानते हैं टाइफाइड क्यों होता है और क्या है इसका कारण।
- टाइफाइड की बीमारी दूषित पानी पीने से होती है। यदि कोई नदी या पानी का ऐसा कोई स्रोत है जहां अधिक मात्रा में गंदगी है, तो पानी में साल्मोनेला बैक्टीरिया पनपता है जो टाइफाइड का कारण बनता है।
- अगर हम लंबे समय तक रखा हुआ खाना खाते हैं तो शरीर में साल्मोनेला बैक्टीरिया भी फैल जाता है।
- अगर सामान्य ठंड खांसी या फिर बुखार हो जाता है और उसकी ठीक से देखभाल नहीं की जाती है, तब भी यह बैक्टीरिया शरीर में पनपने लगता है।
टाइफाइड से नुक्सान
अगर किसी व्यक्ति को टाइफाइड हो जाए तो यह कई तरह के नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं टाइफाइड से होने वाले नुकसान क्या हैं।
- टाइफाइड बुखार के कारण रोगी को पेट में तेज दर्द होता है।
- रोगी की आंतों से रक्त भी बहने लगता है।
- टाइफाइड में रोगी बहुत कमजोर हो जाता है।
- टाइफाइड के रोगी को भूख भी लगना बंद हो जाती है।
- इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को अनेक रोग हो जाते हैं। टाइफाइड से होने वाली बीमारी में मेनिनजाइटिस, निमोनिया, किडनी में संक्रमण आदि शामिल हैं।
टाइफाइड से कैसे बचे
टाइफाइड से बचने के घरेलु उपाए किया जा सकता है। यह टाइफाइड के इलाज का एक स्वदेशी तरीका है। आइए जानते हैं घरेलू नुस्खों की मदद से टाइफाइड से कैसे छुटकारा पाएं।
- पुदीना और अदरक का काढ़ा:- टाइफाइड से बचने के उपाय के रूप में रोगी को पुदीना और अदरक का काढ़ा पिलाने से टाइफाइड ठीक हो जाता है। इस काढ़े को रोगी को देने के बाद हवा न जाने दें।
- सेब का सिरका:- टाइफाइड बुखार को दूर करने का यह सबसे अच्छा तरीका है। यह रोगी के शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
- मुनक्का :- सूखे अंगूर भी टाइफाइड को ठीक करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। यह टाइफाइड को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है।
- पानी का अधिक सेवन :- खूब पानी और जूस पिएं।
- लहसुन:- लहसुन की कली को घी में भूनकर और उस पर सेंधा नमक लगाकर खाने से भी टाइफाइड ठीक हो जाता है।
टाइफाइड बुखार का इलाज
टाइफाइड के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है। टाइफाइड बुखार की दवा को 15 दिन तक लेना है। साथ ही संयम रखने पर भी ध्यान देना होगा। टाइफाइड के उपचार में टाइफाइड बुखार को एंटीबायोटिक दवाओं, और इंजेक्शन से ठीक किया जा सकता है।
टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए
अगर आपको टाइफाइड है तो आपको खान-पान का भी ध्यान रखना चाहिए। आहार ऐसा होना चाहिए कि यह आपको नुकसान न पहुंचाए।
- मिर्च मसाले का सेवन पूरी तरह बंद कर दें, नहीं तो टाइफाइड की दवा का शरीर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- उन पदार्थों का सेवन न करें जिनसे गैस बनती है।
- तले हुए खाने से भी दूरी बनाकर रखें, जिसमें तेल और घी की मात्रा अधिक हो।
निष्कर्ष
अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को टाइफाइड बुखार हो गया है तो सबसे पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। इस पोस्ट में हमने आपको जो टाइफाइड से बचने का तारिका बताया है, वह टाइफाइड बुखार को कम करने में आपकी काफी मदद करेगा।
अस्वीकरण: प्रदान की गई सामग्री केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य चिकित्सक की सिफारिश नहीं करता है। इसलिए हमारा आपसे एक ही अनुरोध है कि कोई भी उपाय करने से पहले आप किसी योग्य चिकित्सक की सलाह और परामर्श अवश्य लें। हम इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करती है।(alert-warning)
Final Words
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