kapalbhati kaise karte hain – जरूर जानें कपालभाति करने की विधि और फायदे हिंदी में!

kapalbhati kaise karte hain – जरूर जानें कपालभाति करने की विधि और फायदे हिंदी में!

आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कपालभाति कैसे करते हैं इसके बारे में बताएंगे। कपालभाति एक ऐसा प्राणायाम है जो पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। सभी योग-आसनों में इसे अत्यंत चमत्कारी माना गया है। इस प्राणायाम को करने से इसके फायदे बहुत ही कम समय में दिखने लगते हैं।

तो दोस्तों आप कपालभाति प्राणायाम अपने शरीर को स्वस्थ और मन को खुश रखने के लिए जरूर करें लेकिन अगर आपको नहीं पता कि कपालभाति करने की विधि क्या है तो आज के हमारे इस पोस्ट में आप इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।

जीवनशैली लगातार बदल रही है, जिससे हमारे खान-पान में बदलाव आया है, जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है और शरीर कई तरह की बीमारियों से घिर जाता है। योग और प्राणायाम ऐसी क्रियाएं हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में हमारी मदद करती हैं। और कपालभाति एक ऐसा प्राणायाम है, जिसे अगर आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे तो आपको अपने शरीर में कई फायदे देखने को मिलेंगे।

तो अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कपालभाति कैसे किया जाता है और कपालभाती कब करनी चाहिए, तो इसके लिए हमारी पोस्ट कपालभाति कैसे करें को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें। तभी आप कपालभाति करने का तारिका को अच्छे से जान और समझ पाएंगे।

kapalbhati kaise karte hain – जरूर जानें कपालभाति करने की विधि और फायदे हिंदी में!

कपालभाति क्या है

Kapalbhati यह एक प्रकार का योग आसन है। यह शरीर के कई प्रकार के रोगों को दूर करता है। यह एक बहुत ही आसान प्राणायाम है जिसे कोई भी स्वस्थ व्यक्ति आसानी से कर सकता है। कपाल का संबंध हमारे सिर से और भाती का संबंध कांति से है। यदि यह योग नियमित रूप से किया जाए तो यह सिर पर आभा लाता है।

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कपालभाति कैसे करते हैं

Kapalbhati ऐसा करने के लिए आपको इसकी सही विधि पता होनी चाहिए, तभी आपको इस योग का लाभ मिलेगा। नीचे आपको कपालभाति करने का तरीका बताया गया है।

  • ध्यान की मुद्रा में बैठकर पद्मासन में बैठना ज्यादा फायदेमंद होता है।
  • रीढ़ को सीधा रखते हुए हाथों को घुटनों पर रखें।
  • अब आपनी आंखें बंद करके पूरे शरीर को बहुत हल्का छोड़ दें।
  • गहरी सांस लें (इस समय आपका पेट बाहर की ओर होना चाहिए
  • सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचे।
  • एक क्रम में 20 बार श्वास लें और छोड़ें।
  • कपालभाति की समाप्ति के बाद 1 मिनट के लिए शांत अवस्था में बैठें और मन में शांति का अनुभव करें।

कपालभाति प्राणायाम के नियम

अगर आप यह प्राणायाम करते हैं तो आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी होंगी। आइए जानते हैं क्या है कपालभाति की सीमाएं

  • खाना खाने के तुरंत बाद और 4 घंटे बाद कपालभाति प्राणायाम करना हानिकारक हो सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था के बाद इस प्राणायाम को न करें। मासिक धर्म के समय भी महिलाओं को कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप, चक्कर आना, हरनियामिर्गी, दौरे, हृदय रोग और गैस्ट्रिक अल्सर के रोगियों को कपालभाति क्रिया नहीं करनी चाहिए।
  • अगर आपको कमर दर्द है तो कपालभाति चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें 
  • अगर आप यह प्राणायाम करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि कपालभाति कब करनी है क्योंकि हर समय इस प्राणायाम को करने से कोई फायदा नहीं होता है।
  • कपालभाति करने का समय सुबह होना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर इस प्राणायाम को खाली पेट करें।
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कपालभाती के फ़ायदे

वैसे तो कपालभाति के फ़ायदे बहुत हैं। लेकिन हम आपको कुछ प्रमुख कपालभाति के लाभ बता रहे हैं जो इस प्राणायाम को करने से प्राप्त होते हैं।

  • कपालभाति योग वजन कम करने में मदद करता है। ये आपके पेट की चर्बी कम करता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  • मधुमेह यह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है
  • यह अस्थमा के रोग को जड़ से खत्म करने में सहायक है।
  • कपालभाति शरीर की नसों को शुद्ध करती है।
  • कपालभाति योग करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
  • कपालभाति योग रक्त के संचार को ठीक करता है, जिससे चेहरे की आभा बढ़ती है।
  • कफ संबंधी समस्याओं को ठीक करता है, फेफड़ों की क्षमता में सुधार करता है।
  • कपालभाति योग मन को शांति प्रदान करता है।
  • कपालभाति योग शरीर को फुर्तीला बनाता है। यह थकान को कम करने में भी फायदेमंद होता है।

कपालभाति योग के नुकसान

अगर आपका Kapalbhati करने का तरीका गलत है तो आपको कपालभाति का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

  • अगर आप बंद कमरे में, गर्म वातावरण में, धूल भरी जगह में कपालभाति योग करते हैं तो इसका आप पर गलत प्रभाव भी पड़ सकता है।
  • पेट की सर्जरी होने पर यह प्राणायाम न करें।
  • हृदय कुंजी रोग वालो को कपालभाति क्रिया नहीं करनी चाहिए।
  • अगर आपको रीढ़ की हड्डी की समस्या है तो यह योग न करें।
  • यदि आप मासिक धर्म के दौरान कपालभाति प्राणायाम करती हैं, तो आप भी कपालभाति से पीड़ित हो सकती हैं।

तो दोस्तों कई बीमारियों से दूर रहने के लिए कपालभाति प्राणायाम की विधि जरूर अपनाएं। अगर आप अपने व्यस्त जीवन में प्राणायाम को थोड़ा समय दें तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। अस्पताल में महंगे इलाज से बचने के लिए इस सरल कपालभाति प्राणायाम को अपने जीवन में शामिल करें और अपने परिवार और दोस्तों को भी बताएं कि कपालभाति से क्या होता है और कपालभाति कैसे करते हैं।

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Final Words

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