हेल्लो दोस्तों, इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान के खोज से संबंधित बहुत से Question अक्सर Exam में पूछे जाते हैं ! लेकिन हम अक्सर भूल जाते है कि इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान की खोज किसने की है ज्यादा डाउट खोजकर्ता के नाम पर ही होता है कहने का अर्थ है कि याद होने पर भी हम भ्रमित हो जाते हैं! तो आज हम आपको इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान की खोज को याद रखने की ट्रिक बताऐंगे ! और साथ इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान के बारे में कुछ अन्य जानकारी भी साझा करेंगे !
हमारे द्वारा बताई जाने वाली इस ट्रिक को जानने से पहले आवश्यक है कि आपको इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान के बारे मे कुछ बेसिक नॉलेज होना चाहिए। तो जानते हैं ।
इलेक्ट्रॉन – Electron
● इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत उपपरमाणविक कण है। यह परमाणु में नाभिक के चारो ओर चक्कर लगाता हैं। इसका द्रव्यमान सबसे छोटे परमाणु (हाइड्रोजन) से भी हजारगुना कम होता है। परम्परागत रूप से इसके आवेश को ऋणात्मक माना जाता है और इसका मान -1 परमाणु इकाई (e) निर्धारित किया गया है।
● इलेक्ट्रॉन पर -1.6E-19 कूलाम्ब परिमाण का ऋण आवेश होता है। इसका द्रव्यमान 9.11E−31 किग्रा होता है जो प्रोटॉन के द्रव्यमान का लगभग 1836 वां भाग है। किसी उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या और प्रोटानों की संख्या समान होती है।
● इलेक्ट्रॉन की आंतरिक संरचना ज्ञात नहीं है इसलिए इसे प्राय:मूलभूत कण माना जाता है। इनकी आंतरिक प्रचक्रण १/२ होती है, अतः यह फर्मीय होते हैं।
● इलेक्ट्रॉन का प्रतिकण पोजीट्रॉन कहलाता है। द्रव्यमान के अलावा पोजीट्रॉन के सारे गुण यथा आवेश इत्यादि इलेक्ट्रॉन के बिलकुल विपरीत होते हैं। जब इलेक्ट्रॉन और पोजीट्रॉन की टक्कर होती है तो दोंनो पूर्णतः नष्ट हो जाते हैं एवं दो फोटॉन उत्पन्न होती है।
● इलेक्ट्रॉन, लेप्टॉन परिवार के प्रथम पीढी का सदस्य है, जो कि गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकत्व एवं दुर्बल प्रभाव सभी में भूमिका निभाता है।
● इलेक्ट्रॉन कण एवं तरंग दोनो तरह के व्यवहार प्रदर्शित करता है। बीटा-क्षय के रूप में यह कण जैसा व्यवहार करता है, जबकि यंग का डबल स्लिट प्रयोग (Young’s double slit experiment) में इसका किरण जैसा व्यवहार सिद्ध हुआ। चूंकि इसका सांख्यिकीय व्यवहार फर्मिऑन होता है और यह पॉली एक्सक्ल्युसन सिध्दांत का पालन करता है।
● आइरिस भौतिकविद जॉर्ज जॉनस्टोन स्टोनी (George Johnstone Stoney) ने 1894 में एलेक्ट्रों नाम का सुझाव दिया था। इलेक्ट्रॉन की कण के रूप में पहचान में जे जे थॉमसन (J J Thomson) और उनकी विलायती भौतिकविद दल ने की थी।
● कई भौतिकीय घटनाएं जैसे-विध्युत, चुम्बकत्व, उष्मा चालकता में इलेक्ट्रॉन की अहम भूमिका होती है। जब इलेक्ट्रॉन त्वरित होता है तो यह फोटान के रूप मेंऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन करता है।प्रोटॉन व न्यूट्रॉन के साथ मिलकर यह्परमाणु का निर्माण करता है।
● परमाणु के कुल द्रव्यमान में इलेक्ट्रॉन का हिस्सा कम से कम् 0.06 प्रतिशत होता है। इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बीच लगने वाले कुलाम्ब बल (coulomb force) के कारण इलेक्ट्रॉन परमाणु से बंधा होता है। दो या दो से अधिक परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों के आपसी आदान-प्रदान या साझेदारी के कारण रासायनिक बंध बनते हैं।
● ब्रह्माण्ड में अधिकतर इलेक्ट्रॉनों का निर्माण बिग-बैंग के दौरान हुआ है, इनका निर्माण रेडियोधर्मी समस्थानिक (radioactive isotope) से बीटा-क्षय और अंतरिक्षीय किरणो (cosmic ray) के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान उच्च ऊर्जा टक्कर के कारण भी होता है।
प्रोटॉन – Proton
● प्रोटॉन एक धनात्मक विद्युत आवेशयुक्त मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन के साथ पाया जाता हैं। इसे p प्रतिक चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है।
● इस पर 1.602E−19 कूलाम्ब का धनावेश होता है। इसका द्रव्यमान 1.6726E−27 किग्रा होता है जो इलेक्ट्रॉन के द्रब्यमान के लगभग 1847 गुना है।
● प्रोटॉन तीन प्राथमिक कणो दो अप-क्वार्क और एक डाउन-क्वार्क से मिलकर बना होता है। स्वतंत्र रूप से यह हाइड्रोजन आयन H+ के रूप में पाया जाता है। प्रोटोन की खोज गोल्डस्टीन ने की थी।
● प्रोटॉन फर्मिऑन होते है, जिनकी प्रचक्रण १/२ होती है और यह तीन क्वार्क से मिलकर बने होते है अर्थात यह बेर्यॉन ( हेड्रॉन का एक प्रकार ) के रूप में होते है। इनके दो अप-क्वार्क एवं एक डाउन-क्वार्क आपस में सशक्त बल (strong force) से जुडे होते है जो ग्लुऑन द्वारा लागू होते है।
● प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का।जोडा न्युक्लिऑन कहलाता है जो कि परमाणु नाभिक में नाभकीय बल (nuclear force) से आपस में बंधे होते है। हाइड्रोजन ही एक मात्र ऐसा तत्व है जिसके परमाणु नाभिक में प्रोटॉन अकेला पाया जाता है अन्यथा अन्य सभी परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन, न्यूट्रॉन के साथ पाया जाता है।● हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक में केवल एक प्रोटॉन होता है न्यूट्रॉन नहीं होता है जबकि इसके दो भारी समस्थानिक ड्यूटेरियम में एक प्रोटॉन व एक न्यूट्रॉन एवं ट्रिटियम में एक प्रोटॉन व दो न्यूट्रॉन होते है।
● प्रोटोन ग्रीक शब्द प्रोटोस protos से विकसित हुआ है जिसका अर्थ होता है। “प्रथम्”। १९२० में रदरफोर्ड ने इसका नामकरण किया था।
न्यूट्रॉन – Neutron
● न्यूट्रॉन की खोज जेम्स चैडविक ने 1931 में की थी।
● न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। इसे n से दर्शाया जाता है।
अभी तक आपने इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान के बारे में बहुत कुछ जान लिया है। अब आपको हम अपनी बेहतरीन ट्रिक ( Easy Gk Trick ) को समझाने की कोशिश करते हैं ।
इलेक्ट्रान , प्रोटोन व न्युट्रान के खोजकर्ता ( Detectors of electron, proton and neutron )
Explanation
ईंट = ई – इलेक्ट्रान को ट – टामसन ने
पर = प – प्रोटान को र – रदरफोर्ड ने
नाच = ना – न्युट्रान को च – चैडविक ने
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