कंप्यूटर एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करता है. एक ऐसा इलेक्ट्रोनिक यंत्र है, जिसे बनाया गया है जानकारी के साथ काम करने के लिए. यह शब्द Computer, Latin के शब्द “computare” से लिया गया है. इसका अर्थ है Calculation करना या गणना करना।
इसका मुख्य तोर से तीन काम है. पहला डाटा को लेना जिसे हम Input भी कहते है, दूसरा काम उस डाटा को Processing करने का होता है और आखरी काम उस processed डाटा को दिखाने का होता है जिसे Output भी कहते हैं.
कम्प्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ( electronic device ) है । जिसमें निम्नलिखित क्षमताएँ होती हैं-
( 1 ) मानव या यूजर ( User ) द्वारा प्रदत्त ( Supplied ) डाटा को स्वीकार ( Accept ) करना ।
( 2 ) इनपुट ( Input ) , संग्रह या स्टोर ( Store ) करके निर्देशों को क्रियान्वित करना ।
( 3 ) गणितीय क्रियाओं ( Mathematical operations ) व तार्किक क्रियाओं ( Logical operations ) को क्रियान्वित करना ।
( 4 ) मानव या यूजर को आवश्यकतानुसार आउटपुट या परिणाम देना ।
Computer के निम्नलिखित भाग या इकाइयाँ ( units ) होती हैं
( 1 ) कम्प्यूटर हार्डवेयर ( Computer Hardware ) – कम्प्यूटर के यांत्रिक ( Mechanical ) , वैद्युत ( Electrical ) तथा इलेक्ट्रॉनिक ( Electronic ) भाग कम्प्यूटर हार्डवेयर कहलाते हैं ।
( 2 ) कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर ( Computer Software ) – ये वे प्रोग्राम हैं जो कम्प्यूटर को यह निर्देश देते हैं कि किस प्रकार डाटा प्रोसेस ( Process ) किया जाये और आवश्यक सूचना ( Informa tion ) जनित ( Generate ) की जाये ।
( 3 ) कम्प्यूटर पर्सनल ( Computer Personal ) या यूजर ( User ) – वे लोग जो कम्प्यूटरीकृत ( Computerized ) डाटा तैयार करते हैं , प्रोग्राम ( Program ) लिखते हैं , कम्प्यूटर को चलाते हैं और आउटपुट प्राप्त करते हैं , कम्प्यूटर पर्सनल या कम्प्यूटर यूजर कहलाते हैं ।
कम्प्यूटर की विशेषताएँ ( Characteristics of Computer or Capability )
कम्प्यूटर का उपयोग व्यापक है । विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटर विभिन्न लोगों की सहायता कर रहा है । इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं ।
( 1 ) गति ( Speed ) –
कम्प्यूटर किसी भी कार्य को बहुत तेजी से कर सकता है । कम्प्यूटर गुणा / भाग और जोड़ / घटाने जैसी क्रियाएँ आसानी से बहुत ही कम समय में कर सकता है ।
बहुत से प्रोग्राम को कुछ ही सेकण्डों में हल करके रिजल्ट प्रदान करता है ।
( 2 ) स्वचालन ( Automation ) –
कम्प्यूटर अपना कार्य , प्रोग्राम के एक बार लोड हो जाने पर स्वतः करता रहता है । उदाहरण किसी डेटा एन्ट्री प्रोग्राम पर कार्य कर रहे ऑपरेटर को स्वयं रिपोर्ट तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती अपित कम्प्युटर प्रविष्ट डेटा के आधार पर स्वयं ही रिपोर्ट देते रहता है ।
( 3 ) शुद्धता ( Accuracy ) –
कम्प्यूटर अपना कार्य बिना किसी गलती के करता है । कम्प्यूटर द्वारा गलती किये जाने पर कई उदाहरण सामने आते हैं , लेकिन इन सभी गलतियों में या तो गलती कम्प्यूटर में डेटा प्रविष्ट करते समय की गयी होती है या यह कभी प्रोग्राम के विकास के समय को होती है । कम्प्यूटर कभी – भी स्वयं गलती नहीं करता है ।
( 4 ) सार्वभौमिकता ( Versatility ) –
कम्प्यूटर अपनी सार्वभौमिकता के गुण के कारण बड़ी तेजी से सारी दुनिया पर छाता जा रहा है । कम्प्यूटर गणितीय कार्यों को सम्पन्न करने के साथ साथ व्यावसायिक कार्यों के लिए प्रयोग किया जाने लगा है । कम्प्यूटर में प्रिंटर संयोजित करके सभी प्रकार की सूचनाएँ कई रूपों में प्रस्तुत की जा सकती हैं ।
( 5 ) उच्च संग्रहण क्षमता ( High Storage capacity ) –
एक कम्प्यूटर सिस्टम की डाटा संग्रहण क्षमता अत्यधिक होती है । कम्प्यूटर में संग्रहण क्षमता अच्छी होती है यह डेटा को लम्बे समय तक संग्रह करके रख सकता है ।
( 6 ) कर्मठता ( Diligence ) –
आम आदमी किसी भी कार्य को निरंतर करते हुए थक जाता है परंतु कम्प्यूटर विना रुके कई घंटों तक निरंतर कार्य कर सकता है । इसके कार्य करने की क्षमता में न तो कमी आती है और न ही कार्य के परिणाम की शुद्धता घटती है ।
( 7 ) विश्वसनीयता ( Reliability ) –
पहले उल्लेख किया जा चुका है कि कम्प्यूटर में संग्रहण , स्वचालन डेटा की यथास्थिति में पुनः प्राप्ति , कर्मठता तथा उच्च गति जैसी क्षमताएँ विद्यमान हैं ।
( 8 ) याद रखने की शक्ति ( Power of Remembrance ) – कम्प्यूटर सारी बातें , चाहे वह महत्वपूर्ण हो या न हो को संगृहीत करके रखता है तथा बाद में कभी – भी किसी भी सूचना को आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध कराता है ।