A ) जीवन की मौलिक इकाई अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्य
- कोशिका की खोज 1665 में रॉबर्ट हुक ने वृक्ष की छाल से प्राप्त कॉर्क में की थी ।
- जीवित कोशिका की खोज ल्यूवेनहाँक ने 1674 में की थी ।
- रॉबर्ट ब्राउन ने 1831 में कोशिका में केन्द्रक की खोज की थी ।
- जे . ई . पुरकिन्जे ने कोशिका में स्थित तरल जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम दिया ।
- एम . स्लीडन एवं टी . श्वान ने कोशिका सिद्धान्त प्रतिपादित किया ।
- कोशिका जीवन की मूलभूत संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है ।
- ऐसे जीव जो केवल एक कोशिका के बने होते हैं , एककोशिक जीव कहलाते हैं । इसके विपरीत बहुकोशिक जीवों की रचना अनेक कोशिकाओं में होती है ।
- कोशिका का संगठन प्लाज्मा झिल्ली , केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य द्वारा होता है ।
- प्लाज्मा झिल्ली कोशिका की सबसे बाहरी परत है जो लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती है । यह वर्णात्मक पारगम्य होती है । यह पदार्थों की गति को कोशिका के भीतर तथा बाहरी वातावरण से नियमित करती है ।
- पादप कोशिकाओं में प्लाज्मा झिल्ली के बाहर की ओर कोशिका भित्ति पायी जाती है ।
- कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है । यह पौधे को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करती है ।
- प्राय : प्रत्येक कोशिका में एक दोहरी परत द्वारा घिरा केन्द्रक होता है । यह कोशिका की जीवन प्रक्रियाओं को निर्देशित करता है ।
- केन्द्रक के अन्दर ही क्रोमोसोम्स पाये जाते हैं ।
- क्रोमोसोम्स द्वारा आनुवंशिक गुण माता – पिता से सन्तानों में जीन्स के माध्यम से पहुंचते हैं ।
- ऐसी कोशिकाएँ , जिनमें केन्द्रकीय क्षेत्र सुस्पष्ट हो अर्थात् चारों ओर से केन्द्रकीय झिल्ली से घिरा हो , यूकैरियोटिक कोशिकाएँ कहलाती हैं ।
- ऐसी कोशिकाएँ , जिनमें केन्द्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है अर्थात् इनमें केन्द्रक झिल्ली नहीं होती , प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ कहलाती हैं ।
- प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में कोई भी झिल्ली युक्त अंगक नहीं होता , केवल छोटे राइबोसोम अंगक के रूप में पाये जाते हैं ।
- यूकैरियोटिक कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अनेक झिल्ली युक्त का अंगक ; जैसे – अंतर्द्रव्यी जालिका , गॉल्जी उपकरण , लाइसोसोम , माइटोकॉण्ड्रिया , प्लास्टिड आदि पाये जाते हैं ।
- अंतर्द्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है – खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका तथा चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका ।
- खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका की सतह पर राइबोसोम पाये जाते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करते हैं जबकि चिकनी अन्तर्द्रव्यी जालिका वसा अथवा लिपिड अणुओं के बनाने में सहायता करती है ।
- गॉल्जीकाय झिल्ली युक्त पुटिकाओं का स्तम्भ है । यह कोशिका में बने पदार्थों का संचयन , रूपान्तरण एवं पैकेजिंग करता है ।
- लाइसोसोम को ‘ आत्मघाती थैली ‘ कहते हैं । इनमें पाचक एन्जाइम्स पाये जाते हैं ।
- माइटोकॉण्ड्यिा को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं क्योंकि ये विभिन्न जैविक क्रियाओं को चलाने के लिए ऊर्जा ATP ( ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट ) के रूप में प्रदान करते हैं ।
- प्लास्टिड पादप कोशिकाओं में पाये जाते हैं । ये प्रमुख रूप से दो प्रकार के होते हैं – क्रोमोप्लास्ट तथा ल्यूकोप्लास्ट ।
- ल्यूकोप्लास्ट का कार्य भोज्य पदार्थों का संचय करना है । ऐसे क्रोमोप्लास्ट जो हरे रंग के होते हैं , क्लोरोप्लास्ट कहलाते हैं ये प्रकाश – संश्लेषण करते हैं ।
- माइटोकॉण्ड्रिया तथा क्लोरोप्लास्ट दोनों में अपना स्वयं का DNA एवं राइबोसोम्स होते हैं ।
- पादप कोशिकाओं में एक बड़ी रसधानी होती है । यह कोशिका की स्फीति को बनाए रखती है तथा अपशिष्ट पदार्थों सहित अनेक महत्वपूर्ण पदार्थों का संचय स्थल है ।
क्रियाकलाप 5.2 ( पृष्ठ संख्या 65 )
प्रश्न – क्या सभी कोशिकाएँ आकार तथा आकृति की दृष्टि से एक जैसी दिखाई देती हैं ?
उत्तर – किसी अंग विशेष की सभी कोशिकाएँ आकार तथा आकृति में एक जैसी दिखती हैं परन्तु विभिन्न अंगों में इनका आकार तथा आकृति भिन्न – भिन्न होती है ।
प्रश्न – क्या सभी कोशिकाओं की संरचना एक जैसी दिखाई देती है ?
उत्तर – हाँ , सभी कोशिकाओं की मूलभूत संरचना एक जैसी दिखाई देती है ।
प्रश्न – क्या पादप के विभिन्न भागों में पायी जाने वाली कोशिकाओं में कोई अन्तर है ?
उत्तर – नहीं ।
प्रश्न – हमें कोशिकाओं में क्या समानताएँ दिखाई देती हैं ।
उत्तर – सभी कोशिकाओं में कोशिका भित्ति , केन्द्रक तथा जीवद्रव्य पाया जाता है । इसके अतिरिक्त सभी में एक ही प्रकार कोशिकांग पाये जाते हैं ।
( C ) पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर प्रश्न शृंखला # 01 ( पृष्ठ संख्या 66 )
प्रश्न 1. कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर – कोशिका की खोज 1665 में रॉबर्ट हुक ने वृक्ष की छाल से प्राप्त कॉर्क में स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी द्वारा की ।
प्रश्न 2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
उत्तर – प्रत्येक कोशिका एक स्वायत्त इकाई के रूप में कार्य करती है तथा जीवन की सभी मूलभूत क्रियाओं को स्वतन्त्र रूप से संचालित करती है । इसी कारण इसे जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कहते हैं ।
• प्रश्न शृंखला # 02 ( पृष्ठ संख्या 68 )
प्रश्न 1.CO , तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका में कैसे अन्दर तथा बाहर जाते हैं ? इस पर चर्चा करें ।
उत्तर: कोशिका में CO , तथा पानी जैसे पदार्थ विसरण तथा परासरण द्वारा कोशिका के अन्दर तथा बाहर जाते हैं । जब किसी कोशिका में CO , की सान्द्रता बाह्य वातावरण से अधिक हो जाती तो उसी समय उच्च सान्द्रता से निम्न सान्द्रता की ओर विसरण द्वारा CO , कोशिका के बाहर निकल जाती है । किसी कोशिका में पानी की कमी होने पर या उसे तनु विलयन में रखने पर जल के अणु बाह्य माध्यम से कोशिका के भीतर परासरण द्वारा चले जाते हैं ।
प्रश्न 2. प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर – प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अन्दर अथवा बाहर आने – जाने देती है तथा अन्य पदार्थों की गति को रोकती है । इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं ।
प्रश्न श्रृंखला # 03 ( पृष्ठ संख्या 70 )
प्रश्न 1. प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर –
प्रश्न श्रृंखला # 04 ( पृष्ठ संख्या 73 )
प्रश्न 1. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है ?
उत्तर – माइटोकॉण्ड्रिया तथा प्लास्टिड्स ऐसे कोशिका अंगक हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है ।
प्रश्न 2. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है , तो | क्या होगा ?
उत्तर – कोशिका नष्ट हो जायेगी ।
प्रश्न 3. लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं
उत्तर– लाइसोसोम में पाचक एन्जाइम्स पाये जाते हैं कोशिकीय उपापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है तो उसके लाइसोसोम फट जाते हैं तथा उसके पाचक एन्जाइम्स अपनी ही कोशिका का पाचन कर देते हैं इसलिए इन्हें ‘ आत्मघाती थैली ‘ कहते हैं ।
प्रश्न 4. कोशिका के अन्दर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर : खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका पर पाये जाने वाले राइबोसोम में प्रोटीन का संश्लेषण होता है ।
( D ) पाठान्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. पादप कोशिका तथा जन्तु कोशिका में तुलना कीजिए ।
उत्तर –
प्रश्न 2. प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं ?
उत्तर–
प्रश्न शृंखला 03 के अन्तर्गत प्रश्न 1 का उत्तर देखें । कहने का अर्थ है कि इस प्रश्न के उत्तर के रूप में प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर लिखना है। जो हम ऊपर बता चुके हैं।
प्रश्न 3. यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा ?
उत्तर – प्लाज्मा झिल्ली बाह्य वातावरण से गैसों तथा अन्य पदार्थों को विसरण द्वारा कोशिका में पहुँचाती है । इसके फट जान अथवा टूट जाने पर इन पदार्थों में परिवहन का नियमन नहीं हो पायेगा तथा कोशिका का कोशिकाद्रव्य बाह्य वातावरण के सोधे सम्पर्क में आ जायेगा जिससे कोशिका की मृत्यु हो जायेगी ।
प्रश्न 4. यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा ?
उत्तर– गॉल्जी उपकरण कोशिका में बने पदार्थों का संचय , रूपान्तरण तथा पैकेजिंग का कार्य करते हैं । इनके उपस्थित न पर ये क्रियाएँ नहीं हो पायेंगी ।
प्रश्न 5. कोशिका का कौन – सा अंगक बिजलीघर है और क्यों ?
उत्तर– माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं क्योंकि ये विभिन्न जैविक क्रियाओं को चलाने के लिए ऊर्जा ATP ( ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट ) के रूप में प्रदान करते हैं । ATP कोशिका की ऊर्जा है जिसका उपयोग कोशिका नये रासायनिक यौगिकों को बनाने तथा यान्त्रिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए करती है ।
प्रश्न 6. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर – कोशिका झिल्ली को बनाने वाले . लिपिड का संश्लेषण चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका द्वारा तथा प्रोटीन का संश्लेषण खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका पर उपस्थित राइबोसोम्स में होता है
प्रश्न 7. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर – अमीबा एककोशिकीय जीव है । इसके जीवन की सभी क्रियाएँ एक कोशिका द्वारा ही पूरी होती हैं । जब यह किसी भोज्य पदार्थ के सम्पर्क में आता है तो उसकी प्लाज्मा झिल्ली उस भोज्य पदार्थ को चारों ओर से घेर लेती है और धीरे – धीरे अपने भीतर ले लेती है । इस क्रिया को एण्डोसाइटोसिस कहते हैं । इस प्रकार एक खाद्य रिक्तिका बन जाती है । इसका पाचन लाइसोसोम द्वारा होता है ।
प्रश्न 8. परासरण क्या है ?
उत्तर– परासरण ऐसी क्रिया है जिसमें अर्द्धपारगम्य झिल्ली प्लाज्मा झिल्ली ) द्वारा अलग किये गये भिन्न सान्द्रता वाले दो विलयनों जल अथवा किसी दूसरे विलायक के अणुओं का विसरण कम सान्द्रता वाले विलयन से अधिक सान्द्रता वाले विलयन की ओर होता है ।
प्रश्न 9. निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें छिले हुए आधे – आधे आलू के चार टुकड़े लो , इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ । इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है । आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो । अब
( a ) कप ‘ A ‘ को खाली रखो ,
( b ) कप ‘ B ‘ में एक चम्मच चीनी डालो ,
( c ) कप ‘ C ‘ में एक चम्मच नमक डालो , तथा
( d ) उबल आलू से बनाए गए कप ‘ D ‘ में एक चम्मच चीनी डालो ।
आलू के इन चारों कपों को दो घण्टे तक रखने के के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों के उत्तर दो
( i ) ‘ B ‘ तथा ‘ C ‘ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया ? इसका वर्णन करो ।
( ii ) ‘ A ‘ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
( ii ) ‘ A ‘ तथा ‘ D ‘ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ ? इसका वर्णन करो ।
उत्तर-
( i ) ‘ B ‘ तथा ‘ C ‘ के खाली भाग में जल एकत्र हो गया क्योंकि उनके खाली भाग में चीनी एवं नमक होने के कारण बाहरी वातावरण से उसकी सान्द्रता अधिक हो गई , जिससे जल परासरण द्वारा उनके भीतर गया ।
( ii ) ‘ A ‘ आलू इस प्रयोग के लिए नियन्त्रित सेट – अप का कार्य कर रहा है ।
( iii ) ‘ A ‘ आलू में पानी एकत्र नहीं हुआ क्योंकि वह भीतर से खाली था । उसने इस प्रयोग में एक नियन्त्रित सेट – अप की तरह कार्य किया ।
‘ D ‘ आलू के खाली भाग में भी जल नहीं एकत्र हुआ क्योंकि आलू को उबालने से उसकी प्लाज्मा झिल्ली नष्ट हो गयी जबकि परासरण के लिए अर्द्धपारगम्य झिल्ली का होना आवश्यक है , अतः यहाँ परासरण की क्रिया नहीं हुई ।
प्रश्न 10. कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताइए ?
उत्तर – कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु समसूत्री विभाजन की आवश्यकता होती है । इस विभाजन का औचित्य जीवों के आकार वृद्धि , विभिन्न टूट – फूट की मरम्मत करना , घावों को भरना तथा केन्द्रक – कोशिकाद्रव्य अनुपात को सन्तुलित बनाए रखना है ।
प्रश्न 11. युग्मकों के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है ? इस विभाजन का महत्व बताइए ।
उत्तर – युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्री कोशिका विभाजन होता है । इस कोशिका विभाजन द्वारा गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका की आधी हो जाती है जो नई पीढ़ी में युग्मक संलयन द्वारा पुनः मातृ कोशिका के समान हो जाती है । इस प्रकार ये पीढ़ी – दर – पीढ़ी स्थिर बनी रहती है । इस कोशिका विभाजन द्वारा नये संयोजन बनते हैं ।
अतिरिक्त लघु – उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1 – कोशिका किसे कहते है ?
उत्तर – शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं ।
प्रश्न 2 – कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर – कोशिका का सबसे पहले पता राबट हुक ने 1665 में लगाया था । उसने कोशिका को पतली काट में अनगढ़ सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा ।
प्रश्न 3 – CO , तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका के अंदर और बाहर कैसे आते हैं ?
उत्तर – विसरण प्रक्रिया द्वारा ।
प्रश्न 4- अमीबा अपना भोजन कैसे ग्रहण करता हैं ?
उत्तर – एन्डोसाइटोसिस प्रक्रिया द्वारा ।
प्रश्न 5- एन्डोसाइटोसिस क्या हैं ?
उत्तर – एक कोशिकीय जीवों में कोशिका झिल्ली के लचीलेपन के कारण जीव बाह्य पर्यावरण से अपना भोजन ग्रहण करते हैं और कोशिका झिल्ली पुनः अपने पूर्व अवस्था में आ जाता हैं । इसके बाद कोशिका पदार्थ ग्रहण कर पचा जाता हैं । इस प्रक्रिया को एन्डोसाइटोसिस कहते हैं ।
प्रश्न 6- प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते है ?
उत्तर – प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अंदर अथवा बाहर जाने देती हैं । यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है । प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते है ।
प्रश्न 7- परासरण क्या है ?
उत्तर – जल के अणुओ की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं ।
प्रश्न 8- सेल्युलोज क्या है ? सेल्युलोज कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर – सेल्युलोज एक बहुत जटिल पदार्थ है । जो पौधो में पाया जाता है । पादप कोशिका भिति मुख्यतः सेल्युलोज की बनी होती है ।
प्रश्न 9 – जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते है
उत्तर – जब किसी पादप कोशिका में परासरण द्वारा पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित हो जाते है । इस घटना को जीबद्रव्य कुंचन कहते है ।
प्रश्न 10- DNA का पुरा नाम लिखो ।
उत्तर – DNA का पुरा नाम डिऑक्सी राइबों न्यूक्लीक एसिड है ।
प्रश्न 11- ATP क्या है ? ATP का पूरा नाम लिखें ।
उत्तर – ATP का पूरा नाम ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट है । यह एक प्रकार का कोशिका का ऊर्जा है ।
प्रश्न 12- कोशिका के किस अंगक में आनुवांशिक गुण होता है ?
उत्तर – क्रोमोसोम में ।
प्रश्न 13- ऐसे दो अंगकों का नाम बताइए जिनमें अपना आनुवांशिक पदार्थ होता है ?
उत्तर 1. माइटोकॉड्रिया ( जन्तुओं में ) 2. प्लैस्टिड ( पादपों में )
प्रश्न 14- लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यो कहते है ?
उत्तर – कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती हैं , तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिका को पाचित कर देते हैं इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती थैली कहते हैं ।
प्रश्न 15- कोशिका के अंदर प्रोटिन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर – माइटोकॉन्ड्रिया में ।
NCERT Solution Variousinfo
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