Class 12th maths notes chapter 1 Relationship and function Miscellaneous

Mp board class 12th maths book solution chapter 1 relation and function (संबंध एवं फलन) exercises 1.3

इस लेख में, हमने MP board class 12th maths book solution chapter 1 relation and function pdf साझा की हैं, ये हल 12वीं गणित के छात्रों के लिए अति महत्वपूर्ण है। ये समाधान नवीनतम एमपी बोर्ड पुस्तकों के विषय विशेषज्ञों द्वारा हल किए गए हैं।

MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 1 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली

यहाँ हम 12वीं गणित अध्याय 1 संबंध एवं फलन का अभ्यास विविध प्रश्नावली का हल प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि आगे आने वाली अभ्यासों का आधार बनायेगा। आइये शुरू करते हैं।

प्रश्न 1.

Table of Contents

मान लीजिए कि f: R → R, f(x) = 10x + 7 द्वारा परिभाषित फलन है। एक ऐसा फलन g: R → R ज्ञात कीजिए, जिसके लिए gof = fog = IR हो।

हल:
यहाँ f: R → R इस प्रकार है कि f(x) = 10x + 7
माना y = 10x + 7

अतः f व्युत्क्रमणीय है, जो g : Y → X, g(y) = y710से परिभाषित है

प्रश्न 2.

मान लीजिए कि f: W → W, f(n) = n – 1, यदि ॥ विषम है तथा f (n) = n + 1, यदि n सम है, द्वारा परिभाषित है। सिद्ध कीजिए कि f व्युत्क्रमणीय है। f का प्रतिलोम ज्ञात कीजिए। यहाँ के समस्त पूर्णांकों का समुच्चय

हल:
दिया है : f: W → W को

मान लीजिए कि f: W → W, f(n) = n – 1, यदि ॥ विषम है तथा f (n) = n + 1, यदि n सम है, द्वारा परिभाषित है। सिद्ध कीजिए कि f व्युत्क्रमणीय है। f का प्रतिलोम ज्ञात कीजिए। यहाँ के समस्त पूर्णांकों का समुच्चय

यदि n1 विषम n2 दोनों सम हों तो
f(n1) = f(n2) ⇒ n1 – 1 = n2 + 1
या n1 – n2 = 2, जो सम्भव नहीं है।
यदि n1 और n2 विषम हों तो
f(n1)= f(n2) ⇒ n1 – 1 = n2 – 1
⇒ n1 = n2
यदि n1 और n2 दोनों सम हों, तो
n1 + 1 = n2 + 1 ⇒ n1 = n2
अतः f एकैकी भी है।
सहप्रान्त में प्रत्येक अवयव 2r + 1, प्रान्त का 2 प्रतिबिम्ब है। इसी प्रकार कोई भी सम संख्या प्रान्त का 2r + 1 का प्रतिबिम्ब है।
इस प्रकार सहप्रान्त का प्रत्येक अवयव प्रान्त के किसी – न – किसी अवयव का प्रतिबिम्ब है।
∴ f आच्छादक तथा व्युत्क्रमणीय है।
अतः f – 1(y) = g(y) इस प्रकार है कि

अतः का प्रतिलोम स्वयं है।

प्रश्न 3.

यदि f : R → R जहाँ f(x) = x2 – 3x + 2 द्वारा परिभाषित है तो fIf (x)] ज्ञात कीजिए।

हल:
यहाँ f: R → R, f(x) = x2 – 3x + 2 द्वारा परिभाषित है।
∴ [f(x)] = f(x2 – 3x + 2)
= (x2 – 3x + 2)2 – 3(x2 – 3x + 2) + 2
= (x4 + 9x2 + 4 – 6x3 – 12x + 4x2) + (- 3x2 + 2x – 6) + 2
= x4 – 6x3 + 10x2 – 3x

प्रश्न 4.

सिद्ध कीजिए कि
f: R → {x ϵ R: – 1 < x < 1} जहाँ f(x) = x1+|x|, x ϵ R द्वारा परिभाषित फलन एकैकी तथा आच्छादक है।

हल:
यहाँ f: R → {x ϵ R : – 1 < x < 1} तथा f(x)= x1+|x|द्वारा परिभाषित है।
(a) माना x ≥ 0, |x| = x

⇒ x1(1 + x2) = x2(1 + x1)
या x1 + x1x2 = x2 + x2x1
जब x < 0 |x| = – x, f(x) = x1x
f(x1) = f(x2) ⇒ x11x1=x21x2
⇒ x1 (1 – x2) = x2(1 – x1)
⇒ x1 – x1x2 = x2 – x2x1
∴ x1 = x2
अतः f एकैकी है।

अतः दोनों ही अवस्था में सहप्रान्त का प्रत्येक अवयव प्रान्त के किसी – न – किसी अवयव का प्रतिबिम्ब है।
∴ f आच्छादक है।
अत: f एकैकी तथा आच्छादक है।

प्रश्न 5.

सिद्ध कीजिए कि f(x) = x3 द्वारा प्रदत्त फलन f: R → R एकैक (Injective) है।

हल:
यहाँ f: R → R, f(x) = x3 द्वारा परिभाषित है।
f(x1) = f(x2) ⇒ x13 x23
⇒ x1 = x1
अतः f एकैकी है।

प्रश्न 6.

दो फलनों f: N → Z तथा g : Z → Z के उदाहरण दीजिए जो इस प्रकार हों कि gof एकैक है परन्तु g एकैक नहीं है।

हल:
(i) यहाँ f: N → Z तथा g: Z → Z द्वारा परिभाषित है।
f(x) = – x, g(x) = |x| से,
g(x)= |x|, – 1, 1 दोनों का प्रतिबिम्ब 1 है। .
∴ g एकैक नहीं है।
परन्तु g[f(x)] =g (- x) = |-x| = |x|
x ϵ N, g[(fx)] = |x|x = x
अतः gof एकैकी है।

(ii) f(x) = -2x, g(x) = |2x|


प्रश्न 7.

दो फलनों f: N → N तथा g: N → N के उदाहरण दीजिए, जो इस प्रकार हों कि gof आच्छादक है किन्तु f आच्छादक नहीं है।

हल:
(i) यहाँ f : N → N तथा g : N → N

f(x) = y = x + 1
∴ x = y – 1
यदि y – 1, x = 0 जो कि प्राकृत संख्या नहीं है।
अतः f आच्छादक नहीं है।
यदि x > 1,
gof (x) = g[f(x)] =g (x + 1) = (x + 1) – 1 = x
अतः gof आच्छादक है।

प्रश्न 8.

एक अरिक्त समुच्चय X दिया हुआ है। P(X) जो कि के समस्त उपसमुच्चयों का समुच्चय है, पर विचार कीजिए। ‘निम्नलिखित तरह से P(X) में एक सम्बन्ध R परिभाषित कीजिए-

P(x) में उपसमुच्चयों, A, B के लिए ARB, यदि और केवल यदि A⊂B है। क्या R,P(X) में एक तुल्यता सम्बन्ध है? अपने उत्तर का औचित्य भी लिखिए।
हल:
(i) यहाँ A ⊂ A ⇒ R स्वतुल्य है। .
(ii) A ⊂ B, B ⊄ A ⇒ R सममित नहीं है।
(iii) A ⊂ B, B ⊂ C ⇒ A ⊂ C ⇒ R संक्रामक है।
अतः R तुल्यता सम्बन्ध नहीं है।

प्रश्न 9.

किसी प्रदत्त अरिक्त समुच्चय x के लिए एक द्विआधारी संक्रिया* : P(X) × P(X) → P(X) पर विचार कीजिए, जो A * B = A ∩ B, ∀ A, B ϵ P(X) द्वारा परिभाषित है, जहाँ P(X) समुच्चय x का घात समुच्चय (Power set) है। सिद्ध कीजिए कि इस संक्रिया का तत्समक अवयव X है तथा संक्रिया के लिए P(X) में केवल x व्युत्क्रमणीय अवयव है।

हल:
दिया है : P(X) × P(X) → P(X)
तथा A * B = A ∩ B
∴ X * A = X ∩ A = A, सभी A के लिए
इसी प्रकार A * X = A ∩ X = A.
∴X एक तत्समक अवयव है तथा व्युत्क्रमणीय अवयव है। माना I एक दूसरा तत्समक अवयव है।
∴ I ∩ A = A सभी A के लिए
तथा x ϵ X, I ∩ {x} = {x}
⇒ x ϵ I ⇒ x ⊂ I और I ⊂ x
∴ I = X

प्रश्न 10.

समुच्चय {1, 2, 3,…., n} से स्वयं तक के समस्त आच्छादक फलनों की संख्या ज्ञात कीजिए।

हल:
माना Y : 1 2 3….n
तथा X : 1 2 3…..n
समुच्चय – Y का प्रत्येक अवयव समुच्चय X में किसी – न – किसी अवयव का प्रतिबिम्ब है।
इस प्रकार x और Y के अवयवों में सम्बन्ध
n (n – 1)(n – 2)… 3 2 1 = n! तरीकों से हो सकता है।
अतः द्विआधारी संक्रियाओं की संख्या n! है।

प्रश्न 11.

मान लीजिए कि S = {a, b, c} तथा T = {1, 2, 3} है। S से T तक के निम्नलिखित फलनों F के लिए F-1 ज्ञात कीजिए, यदि उसका अस्तित्व है :

(i) F = {(1, 3), (b, 2), (c, 1)}
(ii) F = {(a, 2), (b, 1), (c, 1)}
हल:
(i) यहाँ S = {a, b, c},T = {1, 2, 3}
तथा F = {(a, 3), (b, 2), (c, 1)}
F(a)= 3, F(b)= 2, F(c)=1
∴ F-1(3)= a, F-1 (2) = F-1 (1) = c
∴ F-1 = {(3, a),(2, b), (1, c)}
(ii) F = {(a, 2),(b, 1), (c, 1)}
फलन F में b तथा c का प्रतिबिम्ब 1 है।
∴ यह एकैकी नहीं है।
अत: यह फलन व्युत्क्रमणीय नहीं है।

प्रश्न 12.

a * b=|a – b| तथा a o b = a, ∀ a, b ϵ R द्वारा परिभाषित द्विआधारी संक्रियाओं* : R × R → R तथा 0: R × R → R पर विचार कीजिए। सिद्ध कीजिए कि * क्रमविनिमेय है परन्तु साहचर्य नहीं है, . साहचर्य है परन्तु क्रमविनिमेय नहीं है। पुनः सिद्ध कीजिए कि सभी a, b, c ϵ R के लिए a * (b o c) = (a * b) o (a * c) है। [यदि ऐसा होता है तो हम कहते हैं कि संक्रिया * संक्रिया o पर वितरित (Distributes) होती है। क्या o संक्रिया * पर वितरित होती है? अपने उत्तर का औचित्य भी बतलाइए।

हल:
दिया है : a * b = |a – b| और a o b = a
(i) (a) a * b = |a – b|, |b * a| = |b – a| = |a – b|
अतः यह क्रमविनिमेय संक्रिया है।
(b) a * b = |a – b|, b * c = |b – c|
⇒ a * c ≠ |a – c|
अत: यह साहचर्य संक्रिया नहीं है।

(ii) (a) a o b = a, b o a = b ⇒ a ≠ b
अतः o क्रमविनिमेय संक्रिया नहीं है।
a o b = a, b o c = b, a o c = a
अतः o एक साहचर्य संक्रिया है।

(iii) सिद्ध करना है :
a * (boc)= (a * b) 0 (b * c)
L.H.S. = a * (boc)= a * b = |a – b|
R.H.S. = (a * b) 0 (b * c)
= |a – b| o |b – c| = |a – b|
∴ L.H.S. = R..S.
अतः A * (boc)= (a * b) o (b * c)

(iv) क्या a o (b * c) और (a o b) * (a0c) बराबर है?
L.H.S. = a 0 * (b * c) = ao |b – c| = a
R.H.S. = (aob) * (aoc) = a * a = |a – a|= 0
∴ L.H.S. ≠ R.H.S.
अतः संक्रिया o संक्रिया * पर वितरण संक्रिया नहीं है।

प्रश्न 13.

किसी प्रदत्त अरिक्त समुच्चय x के लिए मान लीजिए कि * : P(X) × P(X) → P(X), जहाँ A * B = (A – B) ∪ (B – A), ∀A, B ϵ P(X) द्वारा परिभाषित है। सिद्ध कीजिए कि रिक्त समुच्चयक ϕ, संक्रिया * का तत्समक है तथा P(X) के समस्त अवयव A व्युत्क्रमणीय हैं, इस प्रकार कि A-1 = A.

हल:
यहाँ * : P(X) × P(X) → P(X) जो इस प्रकार परिभाषित है।
A * B = (A – B) ∪ (B – A)
दिया है : A * B = (A – B) ∪ (B – A)
जब B = ϕ क रखने पर,
A * ϕ = (A – ϕ) ∪ (ϕ – A)
= A ∪ ϕ = A
ϕ * A = (ϕ – A) ∪ (A – ϕ) = ϕ ∪ A = A
⇒ A * ϕ = ϕ * A = A
अतः ϕ तत्समक अवयव है।

(ii) A * A = (A – A) ∪ (A – A) = ϕ
A * A = ϕ = A-1 = A

प्रश्न 14.

निम्नलिखित प्रकार से समुच्चय {0, 1, 2, 3, 4, 5} में एक द्विआधारी संक्रिया * परिभाषित कीजिए।

सिद्ध कीजिए कि शून्य (0) इस संक्रिया का तत्समक है तथा समुच्चय का प्रत्येक अवयव a ≠ 0 व्युत्क्रमणीय है, इस प्रकार कि 6 – c, a का प्रतिलोम है।

हल:
यहाँ संक्रिया समुच्चय A = {0, 1, 2, 3, 4, 5} पर

(i) e तत्समक अवयव है, यदि a * e = e * a = a
अब, माना e = 0, a * e = a + 0 = a
e* a = 0 + a = a
∴ a * e = e * a = a
अतः O तत्समक अवयव है।

(ii) b अवयव a का व्युत्क्रम है, यदि a * b = b * a = e
a * (6 – a)= a + (6 – a) – 6 = a + 6 – a – 6 = 0
(6 – a) * a = (6 – a) + a – 6 = 0
∴ a * (6 – a) = (6 – a) * a = 0
अतः A के प्रत्येक अवयव a का 6 – a व्युत्क्रम है।

प्रश्न 15.

मान लीजिए कि A ={ – 1, 0, 1, 2}, B = { – 4, – 2, 0, 2} और f, g: A → B, क्रमशः f(x) = x2 – x, x ϵ A तथा g(x) = 2xx12 – 1. x ϵ A द्वारा परिभाषित फलन हैं क्या है तथा g समान हैं? अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए।

हल:
यहाँ, यदि A = { – 1, 0, 1, 2) B = { – 4, – 2, 0, 2}
और f, g . A → B फलन की f(x) = x2 – x, x ϵ A और g(x)= x12. 1, x ϵ A द्वारा परिभाषित है।

प्रश्न 16.

यदि A = {1, 2, 3} हो तो ऐसे सम्बन्ध जिनमें अवयव (1, 2) तथा (1, 3) हों और जो स्वतुल्य तथा सममित हैं किन्तु संक्रामक नहीं है, की संख्या है

(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
हल:
यहाँ, A = {1, 2, 3}
वह सम्बन्ध जिसमें (1, 2) और (1, 3) हों तथा सम्बन्ध स्वतुल्य व सममित हो तथा संक्रामक न हो,
{(1, 2), (1, 3), (1, 1), (2, 2), (3, 3), (2, 1), (3, 1)}
∴ ऐसा एक ही सम्बन्ध है।
अतः विकल्प (A) सही है।

प्रश्न 17.

यदि A= {1, 2, 3} हो तो अवयव (1, 2) वाले तुल्यता सम्बन्धों की संख्या है

(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
हल:
यहाँ, A = {1, 2, 3}
तुल्यता सम्बन्ध जिसमें (1, 2) सम्मिलित हो ऐसे 2 सम्बन्ध हो सकते हैं।
अतः विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 18.

मान लीजिए कि f :R → R है तब निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित चिह्न फलन (signum Function) है।

तथा g : R → R, g(x) = [x] द्वारा प्रदत्त महत्तम पूर्णांक फलन है, जहाँ [x], x से कम या x के बराबर पूर्णांक है तो क्या fog तथा gof, अन्तराल [0, 1] में सम्पाती (coincide) हैं?

हल:
यहाँ f: R → R, जो

से परिभाषित है।

तथा g: R → R जो g(x) = [x] से परिभाषित है।
∴ x ϵ [0, 0, f(x) = 1, g(x) = 0.
gof (x) = g [f(x)] = g(1) = 1
तथा fog(x) = f(0)= 0
इस प्रकार fog ≠ gof
अतः अन्तराल (0, 1) में fog तथा gof सम्पाती नहीं हैं।

प्रश्न 19.

समुच्चय {a, b} में द्विआधारी संक्रियाओं की संख्या है

(A) 10
(B) 16
(C) 20
(D) 8
हल:
यहाँ समुच्चय {a, b}
समुच्चय A में 2 अवयव हैं।
द्विआधारी संक्रियाओं की संख्या = 24 = 16
अतः विकल्प (B) सही है।

NCERT Solution Variousinfo

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Originally posted 2021-01-13 13:30:00.

See also  Class 12th maths notes chapter 3 Matrix Ex 3.3
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