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प्र 01 सही विकल्प चुनिये –
1. आंध्रप्रदेश और उड़ीसा के डेल्टा क्षेत्रों तथा गंगा के मैदानों में सामान्यतः कौन – सी मिट्टी पाई जाती है ?
( अ ) लाल मिट्टी ( ब ) जलोढ़ मिट्टी ( स ) काली मिट्टी ( द ) लेटेराइट मिट्टी
उत्तर: ( स ) काली मिट्टी
2. 1857 के स्वतंत्रा संग्राम के समय भारत के गवर्नर जनरल कौन थे।
( अ ) डलहौजी ( ब ) विलियम बैंटिंक ( स ) लार्ड रिपन ( द ) लार्ड कैनिंग
उत्तर: ( द ) लार्ड कैनिंग
3. भारत के संविधान में कितने अनुच्छेद है ?
( अ ) 370 ( ब ) 345 ( स ) 320 ( द ) 395
उत्तर: ( द ) 395
4. भारत की प्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा किस वर्ष में की गई
( अ ) 1947 ( ब ) 1951 ( स ) 1948 ( द ) 1952
उत्तर: ( स ) 1948
5. मुम्बई बंदरगाह के दबाव को कम करने हेतु विकसित बंदरगाह है
( अ ) पारद्वीप ( ब ) हल्दिया ( स ) न्हावाशेवा ( द ) कांडला
उत्तर: ( स ) न्हावाशेवा
प्र 02 एक वाक्य में उत्तर दीजिए
1. पेड़ – पौधे और जीव – जन्तुओं के सड़े – गले अवशेषों को क्या कहते हैं
उत्तर: जीवाश्म
2. भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना कब लागू की गयी ?
उत्तर: 1951
3. मध्यप्रदेश की विधानसभा की सदस्य संख्या कितनी है ?
उत्तर: 230
4. 1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण क्या था ?
उत्तर: सैनिक विद्रोह
5. संविधान में नागरिकों को कितने मूल अधिकार प्रदान किये गये है ?
उत्तर: 6
प्र 03 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये
1. सूती वस्त्र उत्पादन में भारत में राज्य प्रथम स्थान …… पर है ।
उत्तर: गुजरात
2. इण्टर नेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम ……है
उत्तर: INTERNET
3. संयुक्त वन प्रबंधन व्यवस्था में…….. का महत्वपूर्ण स्थान है
उत्तर: 1988 की राष्ट्रीय वन नीति
4. दिल्ली की जनता ने …. को भारत का सम्राट घोषित किया
उत्तर: बहादुर शाह द्वितीय
5. स्व – सहायता समूह में सदस्यों की अधिकतम संख्या …… होती है।
उत्तर: 20
सही जोड़ी बनाइए
1. अनर्त्य सेन. ( अ ) रामकृष्ण मिशन
2. चाय. ( ब ) 100 दिवस
3. रवामी विवेकानंद. ( स ) डॉ .सच्चिदानंद सिन्हा
4. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना ( द ) असम
5. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष ( इ ) आर्थिक कल्याण
उत्तर:
1. अनर्त्य सेन. ( इ ) आर्थिक कल्याण
2. चाय. ( द ) असम
3. रवामी विवेकानंद. ( अ ) रामकृष्ण मिशन
4. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना ( ब ) 100 दिवस
5. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष ( स ) डॉ .सच्चिदानंद सिन्हा
प्र. 05 भौग जल पाने के स्त्रोत क्या है ?
उत्तर: भौम जल पाने के मुख्य स्रोत कुएँ एवं ट्यूबवेल ( नलकूप ) हैं ।
प्र 06 1857 की क्रांति के प्रमुख केन्द्र कौन – कौन से है ?
उत्तर: बंगाल , मेरठ , दिल्ली , अवध , कानपुर , रुहेलखण्ड झाँसी , अलीगढ़ , मथुरा , आगरा , बदायूँ , बिहार के अधिकांश भागों , कोटा , जोधपुर आदि नगरों में सन् 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम व्यापक रूप से हुआ ।
प्र 07 का अथवा प्रतिव्यक्ति आय क्या है ? इसकी गणना का सूत्र भी लिखिये ?
उत्तर: किसी देश की राष्ट्रीय आय को जब उस देश की कुल जनसंख्या से भाग दे दिया जाये तो हमें प्रति व्यक्ति आय प्राप्त होती है । इसे ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय / देश की कुल जनसंख्या
प्र.08 का अथवा मानव जीवन में मृदा का क्या महत्व है ?
उत्तर: मानव जीवन में मृदा का महत्त्व बहुत अधिक है । समस्त मानव जीवन मृदा पर निर्भर करता है । समस्त प्राणियों का भोजन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मृदा से ही प्राप्त होता है । हमारे वस्त्र भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से मृदा से ही प्राप्त होते हैं । भारत में लाखों घर मिट्टी के बने हुए हैं । हमारा पशुपालन उद्योग , कृषि और वनोद्योग मृदा पर ही आधारित है । इस प्रकार मृदा हमारे जीवन का मुख्य आधार है ।
प्र 09 लाल मिट्टी एवं लैटेराइट मिट्टी में कोई तीन अंतर लिखिये ।
उत्तर: लाल मिट्टी एवं लैटेराइट मिट्टी में अन्तर
1 . लाल मिट्टी शुष्क और तर जलवायु में प्राचीन रवेदार और परिवर्तित चट्टानों की टूट – फूट से बनती है । जबकि लैटेराइट मिट्टी शुष्क और तर मौसम में लैटेराइट चट्टानों के टूटने से बनती है ।
2 . लाल मिट्टी लाल , भूरे , चॉकलेटी , पीले व काले रंग की होती है । जबकि लैटेराइट मिट्टी लाल व सफेद रंग की होती है ।
3 . लाल मिट्टी में लोहा , ऐलुमिनियम और चूना अधिक होता है। जबकि लैटेराइट मिट्टी में लोहा ऑक्साइड और पोटाश की मात्रा अधिक होती है ।
4 . लाल मिट्टी में बाजार की फसल अच्छी पैदा होती है तथा यह कपास , गेहूँ , दालें और मोटे अनाज के लिए उपयुक्त है । जबकि लैटेराइट मिट्टी चावल , कपास , गेहूँ , दाल , मोटे अनाज , सिनकोना , चाय व कहवा आदि फसलों के लिए उपयुक्त है ।
5. लाल मिट्टी मुख्य रूप से मध्य प्रदेश , झारखण्ड , प . बंगाल , मेघालय , नागालैण्ड , उत्तर राजस्थान , तमिलनाडु व महाराष्ट्र में मिलती । जबकि लैटेराइट मिट्टी मुख्य रूप से तमिलनाडु के पहाड़ी भागों और निचले क्षेत्रों , कर्नाटक के कुर्ग जिले केरल के चौड़े समुद्री तट , महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले , प . बंगाल व ओडिशा में मिलती है ।
प्र 10 सन् 1857 के संग्राम को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहा जाता है ?
उत्तर: 1857 में भारत की जनता , सैनिकों व देशी रियासतों ने विदेशी शासन से मुक्ति पाने के लिए बहादुरी से व्यापक स्तर पर संघर्ष किया जिसकी व्यापकता और शक्ति के सामने ब्रिटिश शासन की नींव डगमगा उठी थी । इस कारण इसे सन् 1857 का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम कहा जाता है ।
प्र 11 स्वामित्व के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर: – स्वामित्व के आधार पर उद्योग चार प्रकार के होते हैं
( i ) निजी उद्योग – जो व्यक्तिगत स्वामित्व में आते हैं ।
( ii ) सरकारी उद्योग – जो सरकारी स्वामित्व में आते हैं ।
( iii ) सहकारी उद्योग – जो सहकारी स्वामित्व में आते हैं ।
( iv ) मिश्रित उद्योग – जो उपर्युक्त में से किन्हीं दो या दो से अधिक के स्वामित्व में होते हैं ।
प्र 12 का अथवा ब्रिटिश शासन से भारतीय शासकों में असंतोष के कोई चार कारण लिखिये ?
उत्तर: लॉर्ड वेलेजली की सहायक सन्धि व्यवस्था और लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति के कारण अनेक राज्यों को जबरदस्ती अंग्रेजी साम्राज्य में विलय कर दिया गया । सरकार ने अवध , तंजौर , कर्नाटक के नवाबों की राजकीय उपाधियाँ समाप्त कर राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न कर दी । अन्तिम मुगल सम्राटों के प्रति अंग्रेजों का व्यवहार अनादरपूर्ण होता चला गया । इन परिस्थितियों में शासन – परिवारों में घबराहट फैल गई जो अन्ततः भारतीय शासकों में असन्तोष का कारण बनी ।
प्र 13 भारत का संविधान लिखित एवं विस्तृत क्यों है ? संक्षेप में लिखिये ।
उत्तर: किसी देश का संविधान , उस देश की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढाँचा निर्धारित करता है । संविधान में शासन के सभी अंगों ( व्यवस्थापिका , कार्यपालिका , न्यायपालिका ) की रचना , शक्तियाँ , कार्यों और दायित्वों का उल्लेख होता है । संविधान शासन के अंगों और नागरिकों के मध्य सम्बन्धों को भी विनियमित करता है । भारतीय संविधान केवल एक राजनीतिक प्रलेख ( दस्तावेज ) ही नहीं है , अपितु इससे बहुत अधिक है ।
भारत का संविधान भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय अस्मिता को अपने अन्दर समेटे हुए हैं । भारतीय संविधान देश के आदर्शों को भी प्रकट करता है । संविधान जनता की सामाजिक , राजनीतिक और आर्थिक प्रकृति , आस्था एवं आकांक्षाओं पर आधारित है ।
प्र 14 का अथवा मुद्रा के प्रमुख कार्य लिखिये ?
उत्तर: मुद्रा के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं
विनिमय माध्यम – वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय – विक्रय मुद्रा के माध्यम से होता है । उत्पादक अपनी वस्तु को बेचकर मुद्रा प्राप्त करता है और तत्पश्चात् प्राप्त मुद्रा के द्वारा वह अपनी आवश्यकता की वस्तुओं को खरीदता है ।
मूल्य का मापन – वर्तमान में प्रत्येक वस्तु एवं सेवा का मूल्य मुद्रा में ही मापा जाता है । बाजार में सभी वस्तुओं का मूल्य मुद्रा में ही व्यक्त किया जाता है । यह मुद्रा का महत्वपूर्ण कार्य है ।
क्रयशक्ति का हस्तान्तरण – मुद्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सरलता से भेजा जा सकता है । किसी स्थान से वस्तुएँ खरीदने की स्थिति में उनके मूल्य का भुगतान मुद्रा द्वारा या बैंक ड्राफ्ट , चेक , मनीआर्डर आदि के द्वारा किया जाता है । बैंकों के माध्यम से रुपए को सरलता से एक स्थान से दूसरे स्थान को भेजा जा सकता है ।
क्रय शक्ति का संचय – मनुष्य स्वभाव से भावी विपत्तियों से निपटने के लिए बचत करता है । मुद्रा के माध्यम से बचत करके भविष्य के लिए रखना सरल हो गया है । बैंक एवं पोस्ट ऑफिस में रुपये जमा करके क्रयशक्ति का संचय करना एक आम बात हो गई है ।
इसके साथ ही मुद्रा के माध्यम से उधार लेन – देन की प्रक्रिया बहुत सरल हो गई है । उपभोक्ता मुद्रा के माध्यम से ही अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त करता है तथा उत्पादक अपने उत्पादन की मात्रा को बढ़ाता है । संक्षेप में , मनुष्य के जीवन में मुद्रा अनेक महत्वपूर्ण कार्य करती है ।
प्र 15 निर्यात संवर्द्धन एवं आयात प्रतिस्थापन का अर्थ स्पष्ट कीजिये ?
उत्तर:
अथवा आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएं कौन – कौन सी है ? लिखिये ।
उत्तर:
प्र 16 का अथवा भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान को लिखिये ।
उत्तर: महात्मा गाँधी “ जीवन कृषि पर निर्भर करता है । जहाँ कृषि लाभदायक नहीं है वहाँ स्वयं जीवन भी लाभदायक नहीं हो सकता है । कृषि हमारा प्राचीन और प्राथमिक व्यवसाय है । इसमें फसलों की खेती तथा पशुपालन दोनों ही सम्मिलित हैं । भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्त्वपूर्ण स्थान व योगदान निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है
( 1 ) भारतीय कृषि जहाँ अपनी 2/3 जनसंख्या का भरण पोषण करती है वहीं भारतीय कृषि से संसार की लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या का पोषण हो रहा है ।
( 2 ) भारतीय कृषि में लगभग 2/3 श्रम शक्ति लगी हुई है । इसके द्वारा अप्रत्यक्ष रूप में भी अनेक लोगों को रोजगार मिला है । लोग या तो दस्तकारी में लगे हैं या गाँवों में कृषि उत्पादों पर आधारित छोटे – छोटे उद्योग – धन्धों में लगे हैं ।
( 3 ) देश में वस्त्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कच्चा माल कृषि से ही मिलता है । कपास , जूट , रेशम , ऊन एवं लकड़ी की लुग्दी से ही वस्त्रों का निर्माण होता है । चमड़ा उद्योग भी कृषि क्षेत्र की ही देन है । कृषि उत्पादों पर निर्भर प्रमुख उद्योग वस्त्र उद्योग , जूट उद्योग , खाद्य तेल उद्योग , चीनी एवं तम्बाकू उद्योग आदि हैं । कृषि उत्पादों पर आधारित आय में कृषि का योगदान लगभग 34 प्रतिशत है ।
( 4 ) भारतीय कृषि देश की बढ़ती जनसंख्या का भरण [ -पोषण कर रही है । कृषि पदार्थों से ही भोजन में कार्बोहाइड्रेट , सन्तुलित आहार हेतु प्रोटीन , वसा , विटामिन आदि प्राप्त होते हैं । संक्षेप में , भारतीय कृषि देश की अर्थव्यवस्था की महत्त्वपूर्ण आधारशिला हैं । इसकी सफलता या विफलता का प्रभाव देश की खाद्य समस्या , सरकारी आय , आन्तरिक व विदेशी व्यापार तथा राष्ट्रीय आय पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है । इसीलिए कहा जाता है कि मानव जीवन में जो महत्त्व आत्मा का है वही भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का है ।
प्र 17 भारतीय संविधान की कोई पाँच विशेषताओं का वर्णन कीजिये ?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार
( 1 ) लिखित एवं विशाल संविधान – भारत का संविधान लिखित संविधान है । भारत का संविधान विश्व का सबसे विशाल संविधान है । भारत के संविधान में 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं जो 22 भागों में विभाजित हैं ।
( 2 ) कठोर एवं लचीलेपन का सम्मिश्रण – भारत के संविधान में संशोधन की तीन प्रक्रियाओं का उल्लेख है , जिसके अनुसार संविधान के कुछ प्रावधान संसद के साधारण बहुमत से , कुछ प्रावधानों में विशिष्ट बहुमत से तथा महत्त्वपूर्ण शेष प्रावधानों में संसद के विशिष्ट बहुमत के साथ – साथ आधे राज्यों के अनुसमर्थन से बदले जा सकते हैं । इस दृष्टि से भारत का संविधान लचीला व कठोर का सम्मिश्रण है ।
( 3 ) सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न – सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न का अर्थ है कि भारत अपनी आन्तरिक व विदेश नीति का निर्धारण स्वयं करेगा । भारत पर किसी विदेशी सत्ता का अधिकार नहीं है । भारत अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी इच्छानुसार आचरण कर सकता है ।
( 4 ) समाजवादी एवं पंथ निरपेक्षता – भारतीय व्यवस्था समाज के समतावादी ढाँचे ‘ पर आधारित होगी तथा प्रत्येक भारतीय की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी । राज्य सभी पंथों की समान रूप से रक्षा करेगा और स्वयं किसी भी पंथ को राज्य के धर्म के रूप में नहीं मानेगा । सरकार द्वारा नागरिकों के मध्य पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा ।
( 5 ) संसदीय शासन प्रणाली – इस शासन प्रणाली में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियाँ मन्त्रिपरिषद् में निहित होती हैं तथा राष्ट्रपति नाममात्र का शासक होता है ।
प्र 18 जल संसाधन के प्रमुख स्त्रोत क्या है ? जल संसाधन का मानव जीवन में क्या महत्व है ?
उत्तर: जल एक मूल्यवान संसाधन है । इसके प्रमुख चार स्रोत निम्नलिखित हैं
( 1 ) पृष्ठीय जल – नदियों , झीलों व छोटे – बड़े जलाशयों का जल पृष्ठीय जल कहलाता है । पृष्ठीय जल के प्रमुख स्रोत नदियाँ , झीलें व तालाब आदि हैं । भारत में नदियाँ व सहायक नदियाँ देश के हर भाग में पाई जाती हैं ।
( 2 ) भौमजल – वर्षा जल का कुछ भाग भूमि द्वारा सोख लिया जाता है । इसका 60 प्रतिशत ही मिट्टी की ऊपरी सतह तक पहुँच पाता है । शेष सोखा हुआ जल धरातल के नीचे अभेद्य चट्टानों तक पहुँचकर एकत्रित हो जाता है । इसे कुओं व ट्यूबवेलों के दारा धरातल पर लाया जाता है ।
( 3 ) वायुमण्डलीयजल – यहजलवाष्पकेरूपमेंवायुमण्डल में उपस्थित रहता है , जो संघनित होकर हमें वर्षा के रूप में प्राप्त होता है ।
( 4 ) महासागरीय जल – हमारे देश के पश्चिमी में अरब सागर , पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण में हिन्द महासागर है ।
मानव जीवन में जल का महत्त्व
पृथ्वी पर जीवन का आधार जल ही है । मनुष्य के शरीर में 70 प्रतिशत जल होता है । इससे हमारी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होती है । कृषि व वनस्पति उत्पादन में इसका योगदान महत्त्वपूर्ण होता है । जल का प्रयोग मुख्यतः पीने , सिंचाई , जल विद्युत् उत्पादन , उद्योग , जल परिवहन , मत्स्योद्योग , सफाई , भोजन तथा मनोरंजन आदि के लिए होता है । संक्षेप में जल मानव के जीवन व दिनचर्या का आधार है ।
प्र 19 दूरदर्शन संचार का सबसे उपयुक्त माध्यम है ? स्पष्ट कीजिये ?
उत्तर: भारत में टेजीविजन सेवा का नियमित प्रसारण सन् 1965 से शुरू हुआ तथा सन् 1976 में इसे आकाशवाणी से अलग कर ‘ दूरदर्शन ‘ नामक अलग संगठन बनाया गया । अब देश की लगभग 87 प्रतिशत से अधिक जनता 1,042 स्थल ट्रान्समीटरों के माध्यम से दूरदर्शन के कार्यक्रम देख सकती है । सन् 1982 से दूरदर्शन ने रंगीन कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारम्भ कर दिया । डी . डी . – 1 एवं डी . डी . – 2 दिल्ली से शुरू किये गये । तत्पश्चात् 11 क्षेत्रीय भाषाओं के उपग्रह चैनल शुरू किये गये । फरवरी 1987 से दूरदर्शन की प्रात : कालीन सभा शुरू की गई । 26 जनवरी , 1989 से दोपहर की सेवा प्रारम्भ की गई ।
इस प्रकार दूरदर्शन की तीनों सभाएं संचालित करके सभी वर्गों के लिए कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं । खेल सम्बन्धी गतिविधियों के लिए डी . डी . स्पोर्ट्स चैनल , गुणवत्तायुक्त शिक्षा तक पहुँच बनाने हेतु सन् 2000 में डी . डी . ज्ञान दर्शन शैक्षिक चैनल आरम्भ किया गयो । अन्तर्राष्ट्रीय दर्शकों को भारतीय सामाजिक , सांस्कृतिक , राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों की जानकारी देने के लिए इण्डिया चैनल शुरू किया गया है । इस प्रकार इसकी दिन – प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता एवं उपयोगिता से स्पष्ट है कि दूरदर्शन वर्तमान में संचार का सबसे उपयुक्त माध्यम है ।
प्र 20 1857 की क्रांति की असफलता के कोई पाँच कारण लिखिये ।
उत्तर: प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की असफलता के कारण
1857 की गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम चाहे तात्कालिक रूप से सकारात्मक न रहे हों किन्तु इसके दूरगामी परिणाम सामने आये । यह स्वतन्त्रता संग्राम निम्नलिखित कारणों से सफल नहीं हो सका
1 . संगठन और एकता का अभाव : 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के असफल रहने के पीछे संगठन और एकता का अभाव प्रमुख रूप से उत्तरदायी रहा । इस क्रान्ति की न तो कोई सुनियोजित योजना ही तैयार की गई न ही कोई ठोस कार्यक्रम था । इसी कारण यह सीमित और असंगठित बन कर रह गया ।
2 . नेतृत्व का अभाव : 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम आंदोलन की सशक्त रणनीति बनाने में योग्य नेतृत्व का अभाव असफलता का एक बड़ा कारण था । इस आंदोलन का किसी एक व्यक्ति ने नेतृत्व नहीं किया जिस कारण से यह आंदोलन अपने उद्देश्य में पूर्णतः सफल नहीं हो सका ।
3 . परम्परावादी हथियार : प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में भारतीय सैनिकों के पास आधुनिक हथियार नहीं थे जबकि अंग्रेज सैनिक पूर्णतः आधुनिक हथियार व गोला – बारूद का उपयोग कर रहे थे । भारतीय सैनिक अपने परम्परावादी हथियार- तलवार , तीर – कमान , भाले – बरछे आदि के सहारे ही युद्ध के मैदान में कूद पड़े थे जो उनकी पराजय का कारण बना ।
4. सामन्तवादी स्वरूप : 1857 के संग्राम में एक ओर अवध , रुहेलखण्ड आदि उत्तरी भारत के सामन्तों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया तो दूसरी ओर पटियाला , जींद , ग्वालियर व हैदराबाद के शासकों ने विद्रोह के उन्मूलन में अंग्रेजी हुकूमत को सहयोग किया । इस तरह यह स्वतन्त्रता संग्राम अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सका ।
5. बहादुरशाह द्वितीय की अनभिज्ञता : क्रान्तिकारियों द्वारा बहादुरशाह द्वितीय को अपना नेता घोषित करने के बावजूद भी बहादुरशाह के लिए यह क्रान्ति उतनी ही आकस्मिक थी जितनी कि अंग्रेजों के लिए थी । यही कारण था कि अंततः बहादुरशाह को लेफ्टीनेण्ट हडसन ने बंदी बना कर रंगून भेज दिया ।
6. समय से पूर्व और सूचना प्रसार में असफल क्रान्ति – 1857 की क्रान्ति का एक बड़ा कारण यह समय से पूर्व और सूचना प्रसार में असफल क्रान्ति भी था कि यह क्रान्ति समय से पूर्व ही प्रारम्भ हो गयी । यदि यह क्रान्ति एक निर्धारित कार्यक्रम के तहत लड़ी जाती तो इसकी सफलता के अवसर ज्यादा होते । इसी तरह आंदोलन के प्रसार – प्रचार में भी क्रांतिकारी नेतृत्व असफल रहा । इसका असर 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम पर गहराई से पड़ा ।
7. स्थानीयता – 1857 की क्रान्ति में स्थानीय उद्देश्य होने से आम भारतीयों का व्यापक जुड़ाव इसमें नहीं हो सका । इस समय केवल उन्हीं शासकों ने क्रान्ति में हिस्सा लिया जिनके हित सामने आ रहे थे । 1857 की असफलता का यह भी एक कारण था ।
8. सम्पर्क भाषा का अभाव – 1857 की क्रान्ति की असफलता का एक महत्वपूर्ण कारण क्रान्तिकारियों में सम्पर्क भाषा का अभाव भी था । तत्कालीन समय में अंग्रेजों की एक भाषा थी जिसका उद्देश्य वे सूचना – संदेश पहुँचाने में करते थे किन्तु एक राष्ट्र भाषा के अभाव में भारतीय क्रान्तिकारियों के बीच आपसी सूचनाएँ समय पर पहुंचने के बाद भी संदेशों से वे परिचित नहीं हो पाते थे । 1857 की असफलता का यह महत्वपूर्ण कारण था ।
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