First Revision Test 2020-21 class 10 Subject Hindi solution: दोस्तों यदि आप कक्षा 10 वीं के प्रथम रिवीजन टेस्ट हिंदी – 2020-21 का हल खोज रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर पहुंच चुके हैं। यहाँ हमने प्रथम रिवीजन टेस्ट – 2020-21 कक्षा 10 विषय हिंदी पूरा हल प्रस्तुत किया है। इस पोस्ट का उद्देश्य केवल विद्यार्थियों में डिजिटल लर्निंग की रुचि बढ़ाना है। हम नकल या चोरी के सख्त खिलाफ है।
‘सूरसागर’ का सबसे चर्चित प्रसंग कौन सा है ?
उत्तर: भ्रमरगीत
‘परम्परा बनाम आधुनिकता ‘ पाठ के लेखक कौन हैं ?
उत्तर: हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर: अमरकंटक
उत्तर: तत्पुरूष समास
अद्भूत रस का स्थायी भाव क्या है ?
उत्तर: विस्मय
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चतुर चितेरे कूर पंक्ति किस कवि द्वारा लिखित है ?
उत्तर: बिहारी
आधुनिकता किसका का विरोध करती है ।
उत्तर: सम्प्रदाय
सुश्रुत संहिता में शल्ययंत्रों की संख्या कितनी बताई गई है ।
उत्तर: 101
अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं ।
उत्तर: 8
जिसके प्रति स्थायीभाव उत्पन्न हो , वह क्या कहलाता है ।
उत्तर: आलम्बन
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साधु से क्या नहीं पूछना चाहिए ?
उत्तर: साधु से उसकी जाति नहीं पूछना चाहिए
पंजाब केसरी के नाम से कौन प्रसिद्ध हैं ?
उत्तर: लाला लाजपतराय
शल्य चिकित्सा कि प्रवर्तक कौन हैं ?
उत्तर: शुश्रुत
उपासना करने वाला क्या कहलाता है ?
उत्तर: उपासक
‘ रस ‘ के कितने अंग होते हैं ?
उत्तर: चार
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‘विनय पत्रिका के लेखक कौन है ?
उत्तर: तुलसीदास
‘गेहूँ और गुलाब ‘ के लेखक कौन है ?
उत्तर: रामवृक्ष बेनीपुरी
‘लोकसंस्कृति की स्मृति रेखाः नर्मदा कौनसी विधा है ?
उत्तर: यात्रा – वृत्तांत
करूण रस का स्थायी भाव क्या है ?
उत्तर: शोक
वक्रोक्ति क्या है ?
उत्तर: अलंकार
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सूरदास ने निर्गुण की अपेक्षा सगुण को श्रेयकर क्यों माना हैं ?
उत्तर: सूरदास ने निर्गुण की अपेक्षा सगुण को श्रेयस्कर इसलिए माना है कि निर्गुण का कोई भी रूप रंग, आकार-प्रकार, गुण-जाति नहीं होती अतः इसका कोई आधार नहीं होता जबकि सगुण का रूप रंग, आकार-प्रकार, गुण-जाति होती है इसकी आराधना पद्धति आसान है अतः निर्गुण की अपेक्षा सगुण श्रेयस्कर है |
बालक राम की कौनसी क्रियाओं से माताएँ प्रसन्न होती हैं
उत्तर: माता कौशल्या राम के सुंदर रूप को देखकर प्रसन्न होती हैं। जब श्रीराम किलकारी मार्कल हंसते हैं, उस समय मां कौशल्या आंचल की ओट से अपने पुत्र को हंसते हुए देख कर बहुत प्रसन्न होते हैं और आनंद का अनुभव करते हैं।
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पीताम्बरधारी श्रीकृष्ण के सौन्दर्य का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
उत्तर: पीतांबरधारी श्याम वण श्री कृष्ण की शोभा ऐसी लग रही थी मानो नीलमणि के पर्वत पर प्रभात के सूर्य की किरण पड़ रही है श्री कृष्ण नीलमणि के समान है और पीतांबर प्रातः की धूप के समान है
बालक राम का मुख – सौन्दर्य कैसा है ?
उत्तर: माताएँ बालक राम की चन्द्रमा की माँग करने की, कभी अपनी परछाईं से डरने की और कभी करताल बजाकर नाचने की चेष्टाओं से प्रसन्न होती हैं। बालक राम का मुख सौन्दर्य अरविन्द पुष्प जैसा शोभित हो रहा है।
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रीतिकाल के दो प्रमुख कवियों के नाम एवं उनकी दो – दो रचनाओं के नाम लिखिए ।
उत्तर:
- कवि: चिंतामणि , रचना : कविकुल कल्पतरु, रस विलास
- कवि: भिखारी दास , रचना : काव्य निर्णय, श्रृंगार निर्णय
भारतेन्दुयुगीन काव्य की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर: भारतेन्दु – युगीन काव्य की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं .
1. राष्ट्रीयता की भावना : इस युग के कवियों ने देश – प्रेम की रचनाओं के माध्यम से जन – मानस में राष्ट्रीय भावना का बीजारोपण किया ।
2. सामाजिक चेतना का विकास: – इस काल का काव्य सामाजिक चेतना का काव्य है । इस युग के कवियों ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं सामाजिक रूढ़ियों को दूर करने हेतु कविताएँ लिखीं ।
3. हास्य व्यंग्य :- हास्य व्यंग्य शैली को माध्यम बनाकर पश्चिमी सभ्यता , विदेशी शासन तथा सामाजिक अंधविश्वासों पर करारे व्यंग्य प्रहार किए गए ।
4. अंग्रेजी शिक्षा का विरोध: – भारतेन्दु युगीन कवियों ने अंग्रेजी भाषा तथा अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार – प्रसार के प्रति अपना विरोध कविताओं में प्रकट किया है ।
5. विभिन्न काव्य रूपों का प्रयोग : – इस काल में काव्य के विविध रूप दिखाई देते हैं जैसे – मुक्तक – काव्य , प्रबन्ध काव्य आदि ।
6. काव्यानुवाद की परम्परा: – मौलिक लेखन के साथ – साथ संस्कृत तथा अंग्रेजी से काव्यानुवाद भी हुआ है ।
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‘शमेशर्म भवेत्तात ‘ वाक्य कृष्ण ने किससे कहा ?
उत्तर: यह कथन श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से कहा था ।
श्रीकृष्ण यह चाहते थे कि दोनों पक्षों में बिना वीरों का नाश हुए समझौता हो जाय इसलिए वे पाण्डवों की ओर से संधि प्रस्ताव लेकर दुर्योधन के पास गये और उन्होंने कहा शान्ति से ही तुम्हरा और इस संसार का कल्याण होगा अर्थात शमेशर्म भवेत्तात।
भाषा की प्राप्ति किस प्रकार होती है ?
उत्तर: भाषा की प्राप्ति हमें परंपरा से होती है। यह भाषा कल प्रभाह में बहती हुई ,समकालीन सन्दर्भो को बिखेरेती हुई , नए उपादान को ग्रहण करते हुई आज हमे प्राप्त हुई है.
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गद्य की प्रमुख विधाएँ कौन – कौन सी है ?
उत्तर: हिंदी गद्य की विधाओं को दो भागों में बांटा गया है:
- प्रमुख विधाएं
- गौण या प्रकीर्ण विधाएँ
इसमें से पहला वर्ग प्रमुख विधाओं का है जिसमें नाटक, एकांकी, उपन्यास, कहानी, निबंध, और आलोचना को रखा जा सकता है। दूसरा वर्ग गौण या प्रकीर्ण गद्य विधाओं का है। इसके अंतर्गत जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत, गद्य काव्य, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेंटवार्ता, पत्र साहित्य, आदि का उल्लेख किया जा सकता है।
उपन्यास और कहानी में कोई दो अंतर लिखिए ।
उत्तर: 1. उपन्यास में पूर्ण जीवन काल का चित्रण किया जाता है परंतु कहानी में जीवन के किसी एक भाग का ही चित्रण किया जाता है।
2. उपन्यास में लंबे और दार्शनिक व्याख्यान होते हैं किंतु कहानी में लघु और पूर्ण संवाद होते हैं। उपन्यास में पात्रों की संख्या अधिक होती है जबकि कहानी में कम होती है।
3. उपन्यास में लंबे और दार्शनिक व्याख्यान होते हैं किंतु कहानी में लघु और पूर्ण संवाद होते हैं। उपन्यास में पात्रों की संख्या अधिक होती है जबकि कहानी में कम होती है।
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‘माई की बगिया’ का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर: ‘माई की बगिया’ नर्मदा के उत्स कुण्ड से थोड़ा ऊपर है। माई की बगिया पहाड़ी ढलान पर है। यह बगिया पहाड़ी को काटकर बनाई गयी है। यहाँ एक जल धारा भी प्रवाहित होती है। यहाँ पर अनेक मन्दिर भी हैं। बगीची का रूप सुव्यवस्थित नहीं है। यहाँ गुलबकावली के फूल खिले हुए हैं। माई की बगिया ऐतिहासिक तथ्यों की ओर संकेत करती है।
एक बात का बहुत आश्चर्य है माई तो नर्मदा नदी ही है। नर्मदा बचपन में अपने सखियों के साथ खेलने आती थीं। वे नाराज होकर पश्चिम की ओर गतिशील हो गयीं, तब उनकी सहेलियाँ उनके वियोग में गुलबकावली बन गयीं। यह एक सुन्दर और मनोहर स्थान है। यहाँ फूलों की एक विशेष प्रकार की दवा बनायी जाती है। यह दवा आँखों को ठण्डक पहुँचाती है और नेत्रों को निरोगी बनाती है।
‘सुश्रुत संहिता’ का संक्षिप्त परिचय लिखिए ।
उत्तर: सुश्रुत संहिता’ का सामान्य परिचय और उसकी विषयवस्तु की संक्षिप्त जानकारी। सुश्रुत संहिता आयुर्वेद एवं शल्यचिकित्सा का प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ है। इसके रचयिता सुश्रुत हैं जो छठी शताब्दी ईसापूर्व काशी में जन्मे थे। सुश्रुतसंहिता आयुर्वेद के तीन मूलभूत ग्रन्थों में से एक है। आठवीं शताब्दी में इस ग्रन्थ का अरबी भाषा में ‘किताब-ए-सुस्रुद’ नाम से अनुवाद हुआ था। सुश्रुतसंहिता में 184 अध्याय हैं जिनमें 1120 रोगों, 700 औषधीय पौधों, खनिज-स्रोतों पर आधारित 64 प्रक्रियाओं, जन्तु-स्रोतों पर आधारित 57 प्रक्रियाओं, तथा आठ प्रकार की शल्य क्रियाओं का उल्लेख है।
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निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए ।
( 1 ) मोहन राजगढ़ में रहता है । ( निषेधवाचक वाक्य बनाइये)
उत्तर: मोहन राजगढ़ में नही रहता है ।
( 2 ) मीरा सुन्दर है । ( विस्मयादि सूचक वाक्य बनाइये )
उत्तर: अरे वाह ! मीरा बहुत सुन्दर है ।
‘ द्वन्द्व समास ‘ की उदाहरण सहित परिभाषा लिखिए ।
उत्तर: द्वंद्व समास की परिभाषा
जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे:
द्वंद्व समास के उदाहरण:
अन्न-जल : अन्न और जल
अपना-पराया : अपना और पराया
राजा-रंक : राजा और रंक
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वक्रोक्ति अलंकार की उदाहरण सहित परिभाषा लिखिए ।
उत्तर:
वक्रोक्ति अलंकार जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। जहाँ किसी के कथन का कोई दूसरा पुरुष श्लेष या काकु (उच्चारण के ढंग) से दूसरा अर्थ करे, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।
उदाहरण: वक्रोक्ति अलंकार का उदाहरण
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’।
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’।सुनि कह कोउ ‘भोले भवहिं भाव चाहिए ? मित्त’ ।।
किसी ने कहा-भव (शिव) वर देते हैं; पर चित्त में भाव होना चाहिये।
यह सुन कर दूसरे ने कहा- अरे मित्र, भोले भव के लिए ‘भाव चाहिये’ ?
अर्थात शिव इतने भोले हैं कि उनके रिझाने के लिए ‘भाव’ की भी आवश्यकता नहीं।
रस की परिभाषा एवं उसके प्रकार लिखिए ।
उत्तर: रस का शाब्दिक अर्थ है ‘आनन्द’। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है।
रस के प्रकारों (Types of ras in Hindi) की यदि बात की जाए तो मुख्य रूप से रस नौ प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं इसलिए इनकी संख्या 11 मानी गई है-
श्रृंगार रस (Shringar Ras in Hindi)
हास्य रस (Hasya Ras in Hindi)
रौद्र रस (Raudra Ras in Hindi)
करुण रस (Karun Ras in Hindi)
वीर रस (Veer Ras in Hindi)
अद्भुत रस (Adbhut Ras in Hindi)
वीभत्स रस (Veebhats Ras in Hindi)
भयानक रस (Bhayanak Ras in Hindi)
शांत रस (Shant Ras in Hindi)
वात्सल्य रस (Vatsalya Ras in Hindi)
भक्ति रस (Bhakti Ras in Hindi)
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नर्मदा और सोन से संबंधित लोककथा लिखिए
उत्तर:
भारतीय चिकित्सा विज्ञान का ‘ स्वर्णयुग ‘ किसे कहा जाता है और क्यों ? लिखिए ।
उत्तर:
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भरसक , बाललीला , चिन्तामुक्त शब्दों का समास विग्रह कर , समास का नाम लिखिए ।
उत्तर:
( 1 ) भरसक का समास विग्रह : शक्ति भर ( अव्ययीभाव समास)
( 2 ) बाललीला का समास विग्रह : बाल की लीला (तत्पुरुष समास)
( 3 ) चिन्तामुक्त का समास विग्रह : चिंता से मुक्त (तत्पुरुष समास)
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए ।
( 1 ) मन के भाव – मनोभाव
( 2 ) निरन्तर चलने वाला – शास्वत
( 3 ) महिमा से परिपूर्ण – महिमापूर्ण
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रस के अंगों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए ।
उत्तर:
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महाकवि सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए ( i ) दो रचनाएँ ( ii ) भावपक्ष ( ii ) कलापक्ष ( iv ) साहित्य में स्थान
उत्तर:
गोस्वामी तुलसीदास की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए ( i ) दो रचनाएँ ( ii ) भावपक्ष ( ii ) कलापक्ष ( iv ) साहित्य में स्थान
उत्तर:
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हजारी प्रसाद द्विवेदी का साहित्य परिचय निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए ( i ) दो रचनाएँ ( ii ) भाषा ( iii ) शैली ( iv ) साहित्य में स्थान
उत्तर:
रामवृक्ष बेनी कन्हैया लाल मिश्र का साहित्य परिचय निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए
( i ) दो रचनाएँ ( ii ) भाषा ( iii ) शैली ( iv ) साहित्य में स्थान
उत्तर:
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निम्नलिखित पद्यांश की व्याख्या संदर्भ , प्रसंग सहित लिखिए
लिखन चैठि जाकी सबी , गहि – गहि गरब गरूर । भए न केते जगत के , चतुर चितेरे कूर ।।
निम्नलिखित पद्यांश की व्याख्या संदर्भ , प्रसंग सहित लिखिए
वर दंतकी पंगति कुंदकली अधराधर – पल्लव खोलन की । चपला चमक घन बीच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की ।।
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निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ , प्रसंग सहित लिखिए –
इतिहास साक्षी है , बहुत बार अकेले चने ने ही भाड़ फोड़ा है ; और ऐसा फोड़ा है कि भाड़ में खिल – खिल ही नहीं हो गया , उसका निशान तक ऐसा छूमन्तर हुआ कि कोई यह भी न जान पाया कि वह बेचारा आखिर था कहाँ ?
निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ , प्रसंग सहित लिखिए –
गोदोहन से लेकर रातस्य – यज्ञ में पुरोहितों के चरण धोने तक तथा सुदामा की मैत्री से लेकर युद्ध भूमि में गीता के उपदेश तक उनकी ऊँचाई का एक पैमाना है , जिस पर सूर्य की किरणों की रंग – बिरंगी पेटी की तरह हमें आत्मिक विकास के हर एक स्वरूप दर्शन होता हैं ।
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निम्नलिखित अपठित गद्या को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है । उसे पग – पग पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है । फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही बदल गया है । यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है । देवता भी उनसे ईर्ष्या करते हैं । मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है । धन्य है मनुष्य का जीवन ।
प्रश्न- ( i ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ।
( ii ) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए ।
( ii ) मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया है ?
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अपने विद्यालय के प्राचार्य को शाला – शुल्क से मुक्ति हेतु आवेदन पत्र लिखिए ।
कोरोना संक्रमण का सामना कर रहे अपने मित्र को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होने की सांत्वना देते हुए पत्र लिखो।
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22 ( अ ) निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 250 शब्दों में निबंध लिखिये ।
( iii ) कोविड -19 का मानव – जीवन पर प्रभाव
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( ब ) निम्नलिखित में से किसी एक विषय की रूपरेखा लिखिये । लिखिए ।
पुस्तकालय का महत्त्व विषय की रूपरेखा
1. प्रस्तावना
2. पुस्तकालय का महत्व
3. समय बिताने का एक आदर्श स्थान
4. ज्ञान में वृद्धि
5. उपसंहार
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बचे हुए प्रश्न उत्तर सीघ्र अपलोड होंगे