बघेलखण्ड की लोककथा: पंछी बोला चार पहर – रामकान्त दीक्षित [panchhi bola char pahar]

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बघेलखण्ड की लोककथा: पंछी बोला चार पहर – रामकान्त दीक्षित दोस्तों, पुराने समय की बात है। एक राजा था। वह बड़ा समझदार था और हर नई बात को जानने को इच्छुक रहता था। उसके महल के आंगनमें एक बकौली का पेड़ था। रात को रोज नियम से एक पक्षी उस …

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बघेलखण्ड की लोककथा : मनुष्य का मोल – लखनप्रताप सिंह [Manushya ka mol]

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बघेलखण्ड की लोककथा : मनुष्य का मोल विक्रमाजीत नाम के एक राजा थे। वह बड़े न्यायी थे। उनके न्याय की प्रशंसा दूर-दूर तक फैली थी। एक बार देवताओं के राजा इंद्र ने विक्रमाजीत की परीक्षा लेनी चाही, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं ऐसा न हो कि अपनी न्यायप्रियता के …

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