बघेलखण्ड की लोककथा: पंछी बोला चार पहर – रामकान्त दीक्षित [panchhi bola char pahar]
बघेलखण्ड की लोककथा: पंछी बोला चार पहर – रामकान्त दीक्षित दोस्तों, पुराने समय की बात है। एक राजा था। वह बड़ा समझदार था और हर नई बात को जानने को इच्छुक रहता था। उसके महल के आंगनमें एक बकौली का पेड़ था। रात को रोज नियम से एक पक्षी उस …