श्याम वस्तुएं एवं कृष्णिका विकिरण – Black objects and black body radiation
श्याम वस्तु (BLACK BODY) वह होती हैं जो उन सभी विकिरणों को पूर्णतया अवशोषित कर लेती हैं । जो विकिरणें उस पर गिरती हैं या आपतित ( incident ) होती हैं , विकिरणें चाहे रंगीन हों या रंगहीन , श्याम वस्तुएँ उन्हें न तो परावर्तित और न ही पारगत ( transmit ) करती हैं ।
यही कारण है कि श्याम वस्तुएँ सदैव काली ( श्याम ) रंग की दिखाई देती हैं । श्याम वस्तु (BLACK BODY) को पूर्ण रेडियेटर या विकिरक ( complete radiator ) भी कह सकते हैं।
सभी वस्तएँ जो किसी उच्च तापमान तक गर्म की जाती हैं , ऊर्जा का विकिरित ( radiate ) करती हैं , जिनमें श्याम वस्तु (BLACK BODY) द्वारा विकिरित की गई ऊर्जा सर्वाधिक ( maximum ) होती है । अतः श्याम वस्तुओं को पूर्ण रेडियेटर ( complete radiator ) कहा जाता है ।
श्याम वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित होने वाला विकिरण, कृष्णिका विकिरण ( BLACK BODY RADIATION ) कहलाता है।
श्याम वस्तु (BLACK BODY) द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल में विकिरित की गई ऊर्जा , श्याम वस्तु (BLACK BODY) के तापमान पर निर्भर करती है , लेकिन किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित होने वाली विकिरणों की तरंगदैर्ध्य , एक ही मान वाली तरंगदैर्घ्य नहीं होती ।
श्याम वस्तु विकिरण वक्र ( black body radiation curves ) |
किसी श्याम वस्तु (BLACK BODY) द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की तरंगदैर्ध्य के स्पेक्ट्रम ( चित्र 1.1 ) से स्पष्ट होता है । कि यह चित्र किसी निश्चित तापमान ( 6000K ) पर ऊर्जा घनत्व ( energy density ) और उत्सर्जित तरंगदैर्ध्य में सहसम्बन्ध बताता है ।
श्याम वस्तु (BLACK BODY) द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की तरंगदैर्ध्य के स्पेक्ट्रम ( वक्र ) के निम्नलिखित अभिलक्षण ( characteristic ) होते हैं –
1. श्याम वस्तु (BLACK BODY) द्वारा किसी निश्चित तापमान पर उत्सर्जित विकिरणों की ऊर्जा या तीव्रता ( intensity ) एक समान नहीं होती है , वरन् किसी निश्चित तापमान के लिए एक निश्चित तरंगदैर्घ्य पर उत्सर्जित ऊर्जा का मान उच्चतम होता है । चित्र में यह विन्दु A से दर्शाया गया है ।
2. विभिन्न तापमानों पर इस प्रकार के भिन्न – भिन्न स्पेक्ट्रम ( वर्क ) प्राप्त होते हैं । ( जैसे चित्र 1.2 में )
3. श्याम वस्तु द्वारा उत्सर्जित कुल ऊर्जा , उस वस्तु के तापमान के अनुसार भिन्न – भिन्न होती है । ( जैसा कि चित्र 1.2 में )
4. उच्च तापमानों पर उच्चतम ( maximum ) अधिक स्पष्ट होता जाता है तथा तापमान में वृद्धि के साथ उच्चतम ( maximum ) की स्थिति कम तरंगदैर्ध्य वाले क्षेत्र में स्थानान्तरित हो जाती है ।