भारतीय संविधान के बारे में 100 रोचक तथ्य
भारतीय संविधान, जिसे विश्व का सबसे लंबा और विस्तृत संविधान माना जाता है, भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का आधार है। इसकी संरचना, कार्यक्षमता, और इतिहास से जुड़े अनेक तथ्य इसे विशेष बनाते हैं। यहां भारतीय संविधान से जुड़े 100 रोचक तथ्यों को प्रस्तुत किया जा रहा है।
1-25: संविधान सभा और प्रारूप निर्माण
- भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
- इसे तैयार करने में 2 साल, 11 महीने, और 18 दिन लगे।
- संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था।
- संविधान सभा में 389 सदस्य थे।
- विभाजन के बाद संविधान सभा के सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गई।
- संविधान का प्रारूप 4 नवंबर 1947 को पेश किया गया।
- प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे।
- संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
- भारतीय संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखा गया था।
- इसे लिखने में 6 महीने का समय लगा।
- संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने लिखा।
- संविधान की मूल प्रति को शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया।
- संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया।
- 26 जनवरी को लागू करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि 1930 में इसी दिन पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर को “भारतीय संविधान का जनक” कहा जाता है।
- संविधान का मसौदा तैयार करने में 63 लाख रुपए खर्च हुए।
- प्रारूप समिति में 7 सदस्य थे।
- संविधान सभा में कुल 11 समितियां थीं।
- जवाहरलाल नेहरू ने “उद्देश्य प्रस्ताव” प्रस्तुत किया था।
- संविधान सभा ने कुल 114 दिन बैठक की।
- संविधान सभा की बैठकें जनता के लिए खुली थीं।
- डॉ. अंबेडकर ने संविधान को “एक जीवंत दस्तावेज़” कहा था।
- संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं (मूल रूप में)।
- संविधान को लिखने के लिए दुनिया के कई संविधानों से प्रेरणा ली गई।
- संविधान का मसौदा 2,000 से अधिक संशोधनों के बाद अंतिम रूप में तैयार हुआ।
26-50: संविधान की विशेषताएं
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- इसमें वर्तमान में 25 भाग, 470 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं।
- भारतीय संविधान को एक “लचीला और कठोर” संविधान माना जाता है।
- संविधान की प्रस्तावना को “संविधान की आत्मा” कहा जाता है।
- भारत को “संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य” घोषित किया गया।
- समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द 1976 में जोड़े गए।
- संविधान ने भारत को संघीय व्यवस्था प्रदान की।
- भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं।
- 42वां संशोधन संविधान को “मिनी संविधान” कहा जाता है।
- संविधान को समझने के लिए इसे हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया।
- संविधान में मौलिक कर्तव्यों को 1976 में 42वें संशोधन के जरिए जोड़ा गया।
- संविधान में “हम भारत के लोग” से शुरुआत होती है।
- भारत का संविधान एक संसदीय प्रणाली प्रदान करता है।
- केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन संविधान में दिया गया है।
- संविधान में नीति-निर्देशक तत्व शामिल हैं।
- मौलिक अधिकारों को “गैर-भंग” माना जाता है।
- भारतीय नागरिकता के प्रावधान संविधान के भाग 2 में हैं।
- संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है।
- राष्ट्रपति भारतीय राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है।
- संविधान में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय की स्थापना की गई।
- 73वें और 74वें संशोधन ने स्थानीय स्वशासन को मजबूत किया।
- भारतीय संविधान ने लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग की स्थापना की।
- संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा का प्रावधान है।
- संशोधन प्रक्रिया को भाग 20 में शामिल किया गया है।
- 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी कानून जोड़ा।
51-75: संविधान से प्रेरित विदेशी मॉडल
- भारतीय संविधान पर ब्रिटिश, अमेरिकी, आयरिश, और कनाडाई संविधान का प्रभाव है।
- मौलिक अधिकार अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
- नीति-निर्देशक तत्व आयरलैंड के संविधान से लिए गए हैं।
- संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से प्रेरित है।
- संघीय व्यवस्था कनाडा के संविधान से प्रेरित है।
- मौलिक कर्तव्य सोवियत संघ से लिए गए हैं।
- न्यायिक पुनरावलोकन अमेरिकी संविधान से लिया गया है।
- राष्ट्रपति के आपातकालीन अधिकार वीमर गणराज्य (जर्मनी) से लिए गए हैं।
- स्वतंत्र न्यायपालिका और न्यायिक समीक्षा अमेरिकी संविधान से प्रेरित है।
- संविधान में राजभाषा से संबंधित प्रावधान भाग 17 में हैं।
- हिंदी और अंग्रेजी भारत की राजभाषा हैं।
- राज्यों को अपनी क्षेत्रीय भाषा का उपयोग करने का अधिकार है।
- भारतीय संविधान ने धर्मनिरपेक्षता को प्रमुख स्थान दिया है।
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल है।
- अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान हैं।
- भारतीय संविधान ने जाति-आधारित भेदभाव को समाप्त किया।
- संविधान में महिला और बच्चों के अधिकार सुरक्षित हैं।
- विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान हैं।
- अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई।
- पंचायती राज प्रणाली को संविधान में शामिल किया गया।
- संविधान ने समता और समानता का अधिकार सुनिश्चित किया।
- शिक्षा का अधिकार (आरटीई) संविधान के 86वें संशोधन से जोड़ा गया।
- संविधान ने समान नागरिक संहिता का सिद्धांत प्रस्तुत किया।
- पर्यावरण संरक्षण को नीति-निर्देशक तत्वों में शामिल किया गया।
- “जीवन का अधिकार” सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 21 में शामिल किया।
76-100: संविधान का प्रभाव और महत्व
- भारतीय संविधान को “एक जीवित दस्तावेज़” कहा जाता है।
- इसे अब तक 100 से अधिक बार संशोधित किया जा चुका है।
- पहला संशोधन 1951 में किया गया था।
- 101वां संशोधन जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) से संबंधित था।
- संविधान के अनुच्छेद 368 में संशोधन प्रक्रिया दी गई है।
- सर्वोच्च न्यायालय संविधान का संरक्षक है।
- राष्ट्रपति संविधान की शपथ लेते हैं।
- संविधान की मूल प्रति संसद पुस्तकालय में सुरक्षित है।
- संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है।
- 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाया।
- संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है।
- भारत के राष्ट्रपति संविधान की कसम लेकर पद ग्रहण करते हैं।
- संविधान ने आपातकालीन प्रावधानों का प्रावधान किया है।
- राज्यपाल राज्यों का संवैधानिक प्रमुख होता है।
- संसद का गठन संविधान के भाग 5 में किया गया है।
- संविधान में “समान कार्य के लिए समान वेतन” का सिद्धांत शामिल है।
- संविधान में राज्य नीति-निर्देशक तत्व को गैर-न्यायसंगत माना गया है।
- अनुच्छेद 32 को “संविधान का हृदय और आत्मा” कहा गया है।
- संविधान में “लोकतंत्र के लिए लोकपाल” की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- भारतीय संविधान में चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है।
- संविधान में वित्त आयोग की स्थापना का प्रावधान है।
- 8वीं अनुसूची में भारत की 22 भाषाओं को शामिल किया गया है।
- संविधान ने भारतीय संघ को “भारत” और “इंडिया” दोनों नाम दिए।
- भारतीय संविधान विश्व के सबसे अनोखे संविधानों में से एक है।
- यह संविधान भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है।
निष्कर्ष
भारतीय संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज़ है, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक और सामाजिक मूल्यों का प्रतीक भी है
Originally posted 2020-01-29 15:14:00.