कंप्यूटर का उद्भव और विकास कैसे हुआ [ Development Of Computer ]

नमस्कार दोस्तों ! इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर के उद्भव और विकास (Development Of Computer) के बारे में बात करने वाले हैं। यहां कंप्यूटर के विकास से संबंधित समस्त पीढ़ियां और जिस जिस प्रकार से कंप्यूटर के विकास को विभाजित किया जा सकता है । उन सभी का विस्तृत विश्लेषण संक्षिप्त शब्दों में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। आशा करते हैं यह आर्टिकल आपको अवश्य पसंद आएगा और जानकारी अत्यंत रोचक लगेगी। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िए और कंप्यूटर के उद्भव तथा विकास से संबंधित समस्त प्रश्नों के उत्तर पा लीजिए। तो आइए शुरू करते हैं

कंप्यूटर का उद्भव और विकास कैसे हुआ Development Of Computer

कम्प्यूटर का विकास कैसे हुआ – Computer Ka vikas kaise hua

1. अबेकस ( The Abacus )

यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका आविष्कार प्राचीन बेबीलोन में अंकों की गणना के लिए किया गया था । इसे संसार का प्रथम गणक यंत्र कहा जाता है। इसमें तारों ( wires ) में गोलाकार मनके ( beads ) पिरोयी जाती है जिसकी सहायता से गणना को आसान बनाया गया ।

अबेकस ( The Abacus ) यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका आविष्कार प्राचीन बेबीलोन में अंकों की गणना के लिए किया गया था । इसे संसार का प्रथम गणक यंत्र कहा जाता है। इसमें तारों ( wires ) में गोलाकार मनके ( beads ) पिरोयी जाती है जिसकी सहायता से गणना को आसान बनाया गया ।
The abacus
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2 . पास्कलाइन ( Pascaline )

फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ( Blaise Pascal ) ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन ( Mechanical Calculator ) का आविष्कार किया । यह केवल जोड़ व घटा सकती थी । अतः इसे एडिंग मशीन ( Adding Machine ) भी कहा गया ।

पास्कलाइन ( Pascaline ) फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ( Blaise Pascal ) ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन ( Mechanical Calculator ) का आविष्कार किया । यह केवल जोड़ व घटा सकती थी । अतः इसे एडिंग मशीन ( Adding Machine ) भी कहा गया ।
Pascaline

3. डिफरेंस इंजन ( Difference Engine ) और एनालिटिकल इंजन ( Analytical Engine ) 

ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ( Charles Babbage ) ने 1822 में डिफरेंस इंजिन का आविष्कार किया जो भाप से चलता था तथा गणनाएं कर सकता था । 1842 में चार्ल्स बैवेज ने एक स्वचालित मशीन एनालिटिकल इंजन बनाया जो पंचकार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करती थी तथा मूलभूत अंकगणितीय गणनाएं ( जोड़ , घटाव , गुणा , भाग ) कर सकती थी । लेडी एडा आगस्टा ( Ada Augusta ) ने एनालिटिकल इंजन में पहला प्रोग्राम डाला । अतः उन्हें दुनिया का प्रथम प्रोग्रामर ( Programmer ) भी कहा जाता है । उन्हें दो अंकों की संख्या प्रणाली बाइनरी प्रणाली ( Binary System ) के आविष्कार का श्रेय भी है ।

डिफरेंस इंजन ( Difference Engine ) और एनालिटिकल इंजन ( Analytical Engine )  ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ( Charles Babbage ) ने 1822 में डिफरेंस इंजिन का आविष्कार किया जो भाप से चलता था तथा

Extra Facts
चार्ल्स बैबेज ( Charles Babbage ) को कम्प्यूटर के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ‘आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक ‘ ( Father of Modem Computers ) कहा जाता है ।

4 . सेंसस टेबुलेटर ( Census Tabulator ) 

1890 में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ( Herman Hollerith ) ने इस विद्युत चालित यंत्र का आविष्कार किया जिसका प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया गया । इन्हें कम्प्यूटर के अनुप्रयोग के लिए मेमोरी के रूप में पंचकार्ड ( Punch Card ) के आविष्कार का श्रेय भी दिया जाता है । पंचकार्ड कागज का बना एक कार्ड है जिसमें पंच द्वारा छेद बनाकर कम्प्यूटर डाटा तथा प्रोग्राम स्टोर किया जाता था । पंचकार्ड रीडर द्वारा पंचकार्ड पर स्टोर किए गए डाटा को पढ़ा जाता था । कम्प्यूटर के लिए डाटा स्टोर करने से पहले पंचकार्ड का उपयोग टैक्स्टाइल उद्योग में कपड़ा बुनने की मशीनों को नियंत्रित करने के लिए किया गया था ।

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सेंसस टेबुलेटर ( Census Tabulator )  1890 में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ( Herman Hollerith )
Censor tabulator

5. मार्क -1 (Marc – 1) 

1937 से 1944 के बीच आईबीएम ( IBM – International Businees Machine ) नामक कम्पनी के सहयोग तथा वैज्ञानिक हावर्ड आइकेन ( Haward Aikan ) के निर्देशन में विश्व के प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक ( Electro – mechanical ) गणना यंत्र का आविष्कार किया गया । इसे मार्क -1 नाम दिया गया ।

मार्क -1 (Marc - 1)  1937 से 1944 के बीच आईबीएम ( IBM - International Businees Machine )

6. ए.बी.सी. ( ABC – Atanasoff – Berry Computer ) 

1939 में जॉन एटनासॉफ और क्लिफोर्ड बेरी नामक वैज्ञानिकों ने मिलकर संसार का पहला ‘ इलेक्ट्रानिक डिजिटल कम्प्यूटर ‘ Electronic Digital Computer ) का आविष्कार किया । इन्हीं के नाम पर इसे एबीसी ( ABC ) का नाम दिया गया ।

ए.बी.सी. ( ABC - Atanasoff - Berry Computer )

7. एनिएक ( ENIAC – Electronic numerical Integrator and Calculater ) 

1946 में अमेरिकी वैज्ञानिक जे . पी . एकर्ट ( J.PEckert ) तथा जॉन मुचली ( John Mauchly ) ने सामान्य कार्यों के लिए प्रथम पूर्ण इलेक्ट्रानिक ( Fully Electronic ) कम्प्यूटर का आविष्कार किया जिसे एनिएक नाम दिया गया ।

8 . इडवैक ( EDVAC – Electronic discreteness Automatic Computer ) 

एनिएक कम्प्यूटर में प्रोग्राम में परिवर्तन कठिन था । इससे निपटने के लिए वान न्यूमेन ( Van Neumann ) ने संग्रहित प्रोग्राम Stored Program ) की अवधारणा दी तथा इडवैक का विकास किया । क्या आप जानते हैं ? आधुनिक कम्प्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान अमेरिका के डॉ . वान न्यूमेन ( Van Neumann ) का है । इन्हें डाटा और अनुदेश ( Instructions ) दोनों को बाइनरी प्रणाली ( 0 और 1 ) में संग्रहित करने का श्रेय दिया जाता है ।

9. यूनीवैक ( UNIVAC – Universal Automatic Computer ) 

यह प्रथम कम्प्यूटर था जिसका उपयोग व्यापारिक और अन्य सामान्य कार्यों के लिए किया गया । प्रथम व्यापारिक कम्प्यूटर यूनीवैक I ( UNIVAC – I ) का निर्माण 1954 में जीइसी ( GEC – General Electric Corporation ) ने किया ।

10 . माइक्रो प्रोसेसर ( Micro Processor ) 

1970 में इंटेल कम्पनी द्वारा प्रथम माइक्रो प्रोसेसर ” इंटेल 4004 ” के निर्माण ने कम्प्यूटर क्षेत्र में क्रांति ला दी । इससे छोटे कम्प्यूटर का निर्माण संभव हुआ जिन्हें माइक्रो कम्प्यूटर ( Micro Computer ) कहा गया । इंटेल , पेंटियम , सेलेरॉन तथा एएमडी वर्तमान में कुछ प्रमुख माइक्रो प्रोसेसर उत्पादक ब्रांड है । 

माइक्रो प्रोसेसर ( Micro Processor )

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11 . एप्पल- II ( Apple – II ) 

1977 में प्रथम व्यवसायिक माइक्रो कम्प्यूटर ( First Business Micro Computer ) का निर्माण किया गया जिसे एप्पल- II नाम दिया गया ।

कम्प्यूटर के विकास का वर्गीकरण ( Classification of Developmnt of Computer ) 

कम्प्यूटर का वर्गीकरण ( Classification of Computers ) निम्न प्रकार से किया जा सकता है।

हार्डवेयर के उपयोग के आधार पर 

( i ) पहली पीढ़ी 

( ii ) दूसरी पीढ़ी 

( iii ) तीसरी पीढ़ी 

( iv ) चौथी पीढ़ी 

( v ) पांचवीं पीढ़ी 

(vi) अगली पीढ़ी

कार्य पद्धति के आधार पर 

( i ) एनालॉग कम्पयूटर 

( ii ) डिजिटल कम्पयूटर 

( iii ) हाइब्रिड कम्पयूटर

कम्पयूटर आकार और कार्य के आधार पर 

( i ) मेन फ्रेम कम्प्यूटर 

( ii ) मिनी कम्प्यूटर 

( iii ) माइक्रो कम्प्यूटर 

( iv ) सुपर कम्प्यूटर 

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