विकास के लिए परिवर्तन कैसे आवश्यक है ? (vikaas ke lie parivartan kaise aavashyak hai)

प्रत्येक मानव में पूर्ण विकास की सम्भावना उपस्थित है और हमें उसके लिए जागरूक रहना चाहिए । विकास के लिए परिवर्तन आवश्यक है । परिवर्तन के मार्ग में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं । हमें सकारात्मक विचारों द्वारा उन पर विजय प्राप्त करनी है । इस प्रकार हम नित नए मानव बनते जाएंगे ।

प्रत्येक मानव के अन्दर पूर्ण विकास की सम्भावना स्थित रहती है । इस दिशा में प्रगति कई बातों पर निर्भर रहती है , जैसे कल्पना करने की क्षमता , कल्पना के विषय में दृष्टिकोण की स्पष्टता , लक्ष्य की प्राप्ति का निश्चय , व्यक्ति का अपने में और लक्ष्य में विश्वास तथा इस सम्बन्ध में किया गया प्रयास । हममें से प्रत्येक को कुछ उपकरणों का वरदान समान रूप से प्राप्त हुआ है , जैसे दो हाथ , दो पैर , दो आँखें इत्यादि । 

मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को जानते हुए भी जो लोग इस दिशा में कठिन परिश्रम करते हैं और जिन्हें अपने प्रति विश्वास होता है उन्हें सफलता अवश्य मिलती है । सफलता का अर्थ स्वप्न का साकार होना है । आत्मविश्वास , दृढ़ निश्चय , अबाध शक्ति के साथ कार्य सम्पन्न करना । इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति जो कुछ करना चाहता है उसका स्पष्ट चित्र उसके सामने उपस्थित हो , उसके साथ उसका भावात्मक सम्बन्ध जुड़े और साथ ही उसको प्राणपन से करने की इच्छा हो । 

जीवन में तीन चीजें ऐसी हैं जिनका यदि समय पर उपयोग न किया जाए तो वह सदा के लिए हाथ से चली जाती हैं- 

( 1 ) समय , 

( 2 ) अवसर तथा 

( 3 ) उच्चरित शब्द । 

अतएव आवश्यक है कि व्यक्ति सदैव पूरी तरह से जागरूक बना रहे , समय नष्ट न करे , अवसर पर चूके नहीं और कोई बात कहने के पहले अच्छी तरह से विचार कर ले तथा दूसरों की बातों को ध्यानपूर्वक सुने परमात्मा हमको नित्य इच्छानुसार कार्य करने का अवसर प्रदान करता है । हम इस अवसर को बुद्धिमत्तापूर्वक उपयोग करें । कुछ लोग यह कहकर अवसर गँवा देते हैं कि मुझे समय नहीं मिला । उन्हें समझ लेना चाहिए कि समय न मिलने की शिकायत व्यर्थ है ।

 जीवन में उपलब्धि का मापदण्ड समय नहीं है , बल्कि मापदण्ड यह है कि अपनी योग्यताओं का प्रयोग करते हुए क्या और किस प्रकार करते हैं । 

See also  श्रद्धा , शक्ति , सम्मान स्वरूपा नारी का महत्व जानिये

पास्टल नामक विचारक ने ठीक ही कहा है कि ” जो हमारी आज की उपलब्धि है वह कल के समग्र विचारों का परिणाम है । कल के विचार के अनुसार आज आप हैं और आज के विचारों के अनुसार आप कल बनेंगे । ” वास्तविक महत्व हमारे विचारों का है जो व्यवहार में लाए जाते हैं । मात्र इरादे हमारी कोई सहायता नहीं करते हैं जब तक कि उनके अनुसार व्यवहार न किया जाए ।

 कृषि भूमि से फसल प्राप्त करने के पहले उसकी तैयारी के लिए अनेक कदम उठाने पड़ते हैं । भूमि पर हल चलाना होता है , बीज बोने होते हैं , सिंचाई करनी होती है और खरपतवार को निकालकर फेंकना होता है । हममें से प्रत्येक अपने जीवन में विकास विभिन्न स्तर पर करता है । कुछ लोग फसल प्राप्त करने की स्थिति में होते हैं , क्योंकि उनका प्रत्येक कार्य योजनाबद्ध तरीके से सम्पन्न हुआ है ।

 वस्तुतः तैयारी करना विशेष महत्वपूर्ण होता है । उसी के अनुसार खेत में फसल होती है और हमारे जीवन में विकास का स्तर निश्चित होता है । केवल विचार करने से और उन्हें व्यवहार में न लाने से सफलता की आशा व्यर्थ है । यह तो ऐसा ही है जैसे बिना पानी में कूदे तैरना सीखने की आशा करना । तैयारी का अर्थ है । धैर्यपूर्वक कठिन परिश्रम करना और व्यावहारिक रूप से आचरण करना । अपने प्रति पूरी तरह से ईमानदार होना बहुत महत्वपूर्ण है । प्रत्येक परिवर्तन के लिए प्रयत्न करना होता है और मनुष्य का स्वभाव प्रत्येक परिवर्तन का विरोध करना है , वह परिवर्तन को यथाशक्ति रोकना चाहता है । हमें परिवर्तन के लिए स्वयं ही प्रयत्न करना होगा , कोई अन्य व्यक्ति आकर हमारे अन्दर परिवर्तन नहीं करेगा ।

 कुछ व्यक्ति अपनी वर्तमान स्थिति से सन्तुष्ट होते हैं और अपने को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं समझते हैं । सामान्य व्यक्ति की सामान्यतः यही प्रकृति होती है । इसके विरुद्ध कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पूरी निष्ठा के साथ परिवर्तन के लिए समय , शक्ति तथा अपनी समस्त वृत्तियों का उपयोग करते हैं । ऐसे व्यक्ति अपने भाग्य के स्वामी होते हैं , समस्त कठिनाइयों और कष्टों पर विजय प्राप्त करते हैं तथा अज्ञान की बेडियों से अपने आपको दूर रखते हैं । 

See also  पुस्तकों को मातृरूप में देखना चाहिए - निबंध हिंदी में [ Pustakon Ko Matrirup Me Dekhna Chahiye ]

क्या हम अपनी आदतों को बदलने के लिए तथा कुछ सुखद बातों को छोड़ने के लिए तैयार हैं , क्योंकि परिवर्तन के लिए यह परम आवश्यक है । परिवर्तन के लिए नियमपूर्वक अभ्यास और दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है । इस मार्ग पर चलकर प्रत्येक व्यक्ति अपने में इच्छित परिवर्तन कर सकता है आवश्यकता केवल दृढ़ इच्छा शक्ति की है , यदि आप परिवर्तन के लिए गम्भीर हैं तो अपनी सम्भावनाओं को लक्ष्य करके दृढ़ता पूर्वक कहिए हाँ मैं परिवर्तन चाहता हूँ परिवर्तन के संदर्भ में हमें अपने विचारों पर विशेष ध्यान देना होगा यथा – अपने बाल्यकाल से प्राप्त विचारों पर और इनके द्वारा अपनी छवि पर विचार कीजिए । ध्यान दीजिए कि आपके विचार नकारात्मक तो नहीं हैं । नकारा त्मक विचार अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न करते हैं । जैसे – तनाव , क्रोध , ईर्ष्या , भय , चिन्ता इत्यादि । यहाँ तक कि इनके कारण भाँति – भाँति के रोग उत्पन्न हो जाते हैं । इसके विपरीत सकारात्मक विचार उदात्त भावनाओं को जन्म देते हैं , जैसे – प्रेम , करुणा , शान्ति , सद्भावना इत्यादि । अतएव अपने शीघ्र विकास के लिए हमें नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए और सकारात्मक विचारों को यथाशक्ति अपनाना चाहिए । 

इसके लिए एक उपाय है कि हमें ऐसे व्यक्तियों का साथ नहीं करना चाहिए जो प्रत्येक कार्य के बारे में यह कहें कि यह नहीं हो सकेगा । इसके विपरीत हम उन लोगों का सत्संग करें जो प्रत्येक कार्य के बारे में सकारात्मक विचार रखते हैं 

हमें यह सोचना है कि हम स्वयं किस प्रकार के व्यक्ति बनना चाहते हैं । इसके लिए हमें अपने व्यक्तित्व में निहित विशेषताओं पर विचार करना होगा । अंग्रेजी के प्रसिद्ध नाटककार ने ठीक ही कहा है कि ” किसी अच्छाई को धारण कर लीजिए और यह तुम्हारे व्यक्तित्व का अभिन्न बन जाएगी ।

 ” Assume a virtue and it is yours । ” 

हम यथाशक्ति उन व्यक्तियों के साथ रहें जिनके अनुसार हम बनना चाहते हैं । सुखद बात यह है कि हम अतीत के ताले में बन्द नहीं रहते हैं , बल्कि भविष्य के निर्माण के लिए सदैव स्वतंत्र बने रहते हैं और इस प्रकार हमारे सामने वह सम्भावनाएं प्रकट होती रहती हैं जिनके अनुसार हमारा व्यक्तित्व निर्मित होता है । इसका उपाय यह है कि हम प्रत्येक कार्य को नित्य नए ढंग से करें अर्थात् जिस प्रकार कल किया था उसकी अपेक्षा आज अधिक श्रेष्ठ रूप में करें।

See also  कम्प्यूटर का उपयोग निबंध लिखिए [ Essay of Computer uses In Hindi ]

 हमारे युवा वर्ग को चाहिए कि वे परिवर्तन के लिए सदैव तैयार रहें , अपने मस्तिष्क को श्रेष्ठ विचारों से युक्त करें जिससे उनका भविष्य सुखद और सम्पन्न हो सके । हमें अपने जीवन को संतुलित रखते हुए यह प्रयास करना चाहिए कि हम नित्य एक नया जीवन जिएं ।

तो दोस्तों, कैसी लगी आपको हमारी यह पोस्ट ! इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें, Sharing Button पोस्ट के निचे है।

इसके अलावे अगर बिच में कोई समस्या आती है तो Comment Box में पूछने में जरा सा भी संकोच न करें। अगर आप चाहें तो अपना सवाल हमारे ईमेल Personal Contact Form को भर पर भी भेज सकते हैं। हमें आपकी सहायता करके ख़ुशी होगी ।

इससे सम्बंधित और ढेर सारे पोस्ट हम आगे लिखते रहेगें । इसलिए हमारे ब्लॉग “variousinfo.co.in” को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में Bookmark (Ctrl + D) करना न भूलें तथा सभी पोस्ट अपने Email में पाने के लिए हमें अभी Subscribe करें।

अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें। आप इसे whatsapp , Facebook या Twitter जैसे सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर शेयर करके इसे और लोगों तक पहुचाने में हमारी मदद करें। धन्यवाद !

Sharing Is Caring:

Hello friends, I am Ashok Nayak, the Author & Founder of this website blog, I have completed my post-graduation (M.sc mathematics) in 2022 from Madhya Pradesh. I enjoy learning and teaching things related to new education and technology. I request you to keep supporting us like this and we will keep providing new information for you. #We Support DIGITAL INDIA.

Leave a Comment