First Internal Exams 2020-21 class 8 Subject Science solution: दोस्तों यदि आप कक्षा 8 वीं के प्रथम आंतरिक मूल्यांकन – 2020-21 का हल खोज रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर पहुंच चुके हैं। यहाँ हमने प्रथम आंतरिक मूल्यांकन – 2020-21 कक्षा 8 विषय विज्ञान पूरा हल प्रस्तुत किया है। इस पोस्ट का उद्देश्य केवल विद्यार्थियों में डिजिटल लर्निंग की रुचि बढ़ाना है। हम नकल या चोरी के सख्त खिलाफ है।
प्रश्न .1 खाली स्थान भरों ।
( 1 ) फसल उगाने से पहले प्रथम चरन मिट्टी की ….. होती है ।
उत्तर: जुताई
( 2 ) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर …… लगेंगे ।
उत्तर: तैरना
( 3 ) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईधन ……. है।
उत्तर: सीएनजी और एलपीजी
( 4 ) …… तथा ……… जीवाश्म ईधन है ।
उत्तर: पेट्रोलियम, कोयला और प्राकृतिक गैस
( 5 ) पैट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक करने का प्रक्रम ………. कहलाता है ।
उत्तर: परिष्करण
प्रश्न .2 सही जोड़ी बनाओ –
( 1 ) खरीफ फसल – यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
( 2 ) रबी फसल – पशु अपशिष्ट गोबर , मूत्र एवं पादप अवशेष
( 3 ) रासायनिक उर्वरक – गेहूँ , चना , मटर
( 4 ) कार्बनिक खाद – हैजा का कारक
( 5 ) जीवाणु – धान , मक्का
उत्तर:
( 1 ) खरीफ फसल – धान , मक्का
( 2 ) रबी फसल – गेहूँ , चना , मटर
( 3 ) रासायनिक उर्वरक – यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
( 4 ) कार्बनिक खाद – पशु अपशिष्ट गोबर , मूत्र एवं पादप अवशेष
( 5 ) जीवाणु – हैजा का कारक
प्रश्न .3 सिंचाई किसे कहते है ।
उत्तर: सिंचाई :
मिट्टी में नियमित अंतराल पर और नियमित मात्रा में पानी लगाना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई का समय और आवृत्ति फसल से फसल, मिट्टी से मिट्टी और मौसम से मौसम तक भिन्न होती है।
प्रश्न .4 सूक्ष्म जीवों के मुख्य वर्ग कौन – कौन से है ।
उत्तर: सूक्ष्मजीवों के चार मुख्य वर्गों में बांटा जा सकता हैं, जो कि इस प्रकार हैं…
1. जीवाणु (Bacteria): जैसे कि राइजोबियम, बैसाइलस आदि।
2. कवक (Fungi): जैसे कि मशरूम, पेनिसीलिएम, राइजोप्स आदि।
3. प्रोटोजोआ (Protozoa): जैसे कि अमीबा, पैरामीशियम आदि।
4. शैवाल (Algae): जैसे कि क्लेमाइडोमोनास, स्पाइरोगाइरा आदि।
विषाणु (Virus) भी सूक्ष्मजीव होते हैं पर ये अन्य सूक्ष्म जीवों से भिन्न होतें है। विषाणु परजीवी होते हैं और ये किसी जैव संरचना जैसे कि शरीर आदि के अंदर ही पनपते हैं, शरीर के बाहर ये अपना गुणन नही कर पाते।
प्रश्न .5 प्रतिजैविक क्या है । प्रति जैविक लेते समय कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिये ।
उत्तर: प्रतिजैविक :
प्रतिजैविक ऐसे औषधि हैं जो पोषिता को नुकसान पहुंचाए बिना जीवाणु को मारते हैं या उनके विकास को रोकते हैं।
प्रतिजैविक लेते समय निम्न सावधानियाँ रखनी चाहिए :
(1) किसी योग्य डॉक्टर की सलाह पर ही प्रतिजैविक लेनी चाहिए।
(2) डॉक्टर द्वारा निर्धारित कोर्स को पूरा करना चाहिए।
(3) प्रतिजैविक, हालांकि सर्दी और फ्लू के खिलाफ प्रभावी नहीं हैं क्योंकि ये रोग विषाणु के कारण होते हैं।
प्रश्न .6 यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा । चर्चा कीजिए
उत्तर: यदि गेहूँ को खरीफ़ ऋतु में उगाया जाए तो गेहूं के पौधे अधिक मात्रा में पानी मिलने की वजह से सड़ कर खराब हो जाएंगे और फसल बर्बाद हो जाएगी।
गेहूं एक रबी फसल है, इसे शीत ऋतु में उगाया जाता है। खरीफ़ ऋतु जून से सितंबर तक होती है । इस समय वर्षा काफी अधिक मात्रा में होती है । इसलिए इसे वर्षा ऋतु भी कहते हैं।
प्रश्न .7 कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते है ।
उत्तर: कुछ रेशे को संश्लेषित कहा जाता है क्योंकि वे मानव द्वारा बनाए गए हैं। इन रेशों को प्राकृतिक स्रोतों द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। संश्लेषित रेशे तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चा माल पेट्रोरसायन हैं।
संश्लेषित रेशे मजबूत, हल्के और टिकाऊ होते हैं। वे पानी को अवशोषित नहीं करते हैं।
प्रश्न .8 खरपतवार क्या है । हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते है ।
उत्तर:
खरपतवार :
खरपतवार अवांछनीय पौधे हैं जो प्राकृतिक रूप से फसलों के साथ उगते हैं। खरपतवार निकालने को निराई कहा जाता है।
खरपतवारों को हटाना आवश्यक है क्योंकि यह मुख्य फसल के साथ पानी, पोषक तत्वों, सूरज की रोशनी के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।
हम उनका नियंत्रण निम्न प्रकार से कर सकते हैं :
खरपतवारों को जुताई , हाथों के द्वारा जड़ से उखाड़कर या काटकर या रसायनों (खरपतवारनाशी) का उपयोग करके हटाया जा सकता है। खरपतवार निकालने का काम खुरपी या हैरो से किया जा सकता है।कुछ खरपतवारनाशी के उदाहरण 2,4-डी, अट्राजीन, डालापान आदि। खरपतवार निकालने का सबसे अच्छा समय फूल और बीज पैदा होने से पहले होता है।
प्रश्न .9 सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों का संक्षिप्त विवरण दीजिए ।
उत्तर: सूक्ष्म जीव मनुष्य से लेकर पौधों, जानवरों में बड़ी संख्या में बीमारियों का कारण भी बनते हैं।
मनुष्य में सूक्ष्म जीव के कारण यह हमारे शरीर में खाना पचने नहीं देता और खाने का जहर बना देता है जिसके कारण हमें फूड पॉइजनिंग हो जाती है |
जानवरों में सूक्ष्म जीव के कारण पैर और मुंह की बीमारी और एन्थ्रेक्स जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं।
पौधों में सूक्ष्म जीव के कारण भिंडी की पित से , गेंहू की रस्ट-कवक वायरस से होने वाले रोग है |
प्रश्न .10 थर्मो प्लास्टिक और थर्मो सेटिंग प्लास्टिक के मध्य अन्तर को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर: थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य अन्तर :
थर्मोप्लास्टिक :
- यह आसानी से मुड़ जाता है।
- गर्म करने पर इसका आकार ख़राब हो जाता है।
- इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इसे गर्म करने पर विभिन्न आकृतियों में ढाला जा सकता है।
- थर्माप्लास्टिक के उदाहरण : पॉलिथीन , पी वी सी ।
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक :
- यह मोड़ने पर टूट जाता है।
- तापमान का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है।
- इसका बार-बार इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- इसे गर्म करने पर केवल एक बार आकृति में ढाला जा सकता है।
- थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के उदाहरण : बैक्लाइट और मेलामाइन।
प्रश्न .11 ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है । कारण दीजिए ।
उत्तर: (क) ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता हैं क्योंकि एल्यूमीनियम आघातवर्धनी है और हवा और पानी के साथ कम क्रियाशील है।
(ख) निमज्जन छडें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं क्योंकि धातुएँ ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं।
(ग) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता क्योंकि केवल एक अधिक क्रियाशील धातु ही कम क्रियाशील धातु को विस्थापित कर सकती है। जिंक की तुलना में कॉपर एक कम क्रियाशील धातु है।
(घ) सोडियम और पोटेशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है क्योंकि सोडियम और पोटेशियम बहुत ज्यादा क्रियाशील धातु हैं। वे पानी के साथ तीव्रता से क्रिया करते हैं और ऑक्साइड या हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं।
प्रश्न .12 सोडियम और पोटेशियम को मिट्टी के तेल में क्यों रखा जाता है ।
उत्तर: सोडियम सक्रिय धातु है जो वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है । यह पानी के साथ क्रिया करके सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन उतपन्न करती है । वायु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती है । इसलिए बहुत सक्रिय धातु होने के कारण इसे मिट्टी के तेल में डुबो कर सुरक्षित रखते हैं ।
प्रश्न .13 पैट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए ।
उत्तर: पेट्रोलियम-निर्माण के प्रक्रम :
पेट्रोलियम जानवरों और पौधों के अवशेषों के जीवाणु अपघटन से बनता है, जो लाखों साल पहले समुद्र के नीचे दब गए थे। जब ये जीव मर गए, तो वे समुद्र और महासागरों के नीचे डूब गए और रेत और मिट्टी से ढक गए। बिना वायु और अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण ये जीव लाखों वर्षों में पेट्रोलियम में परिवर्तित हो गए। पेट्रोलियम के हल्के होने के कारण छिद्र युक्त चट्टानों से लेकर धरती की सतह पर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टाने रोक नहीं लेती। इस तरह इन अपारगम्य चट्टाने के बीच तेल कूप का निर्माण होता है । प्राकृतिक गैस आमतौर पर पेट्रोलियम के साथ पाई जाती है।
प्रश्न .14 कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर: कोक के अभिलक्षण :
कोक कार्बन का शुद्ध रूप है। यह कठोर, छिद्रयुक्त, काला और विद्युत और उष्मा का कुचालक होता है।
कोक के उपयोगों का वर्णन निम्न प्रकार से है :
कोक का उपयोग कृत्रिम ग्रेफाइट के निर्माण के लिए किया जाता है जो एसिटिलीन गैस के निर्माण के लिए आवश्यक कैल्शियम कार्बाइड के निर्माण में उपयोग किया जाता है। एसिटिलीन गैस एसिटिक एसिड और पीवीसी के निर्माण के लिए कच्चा माल है। एसिटिलीन का उपयोग जल गैस और उत्पादक गैस के निर्माण के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग धातुओं को उनके अयस्कों से निष्कर्षण के लिए किया जाता है। कोक धुएं का उत्पादन नहीं करता है, इसलिए इसका उपयोग घरेलू ईंधन के रूप में किया जाता है।
प्रश्न .15 मोमबत्ती की ज्वाला का चित्र बनाकर नामांकित कीजिए ।
उत्तर: मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र नीचे प्रदर्शित किया गया है।
एक मोमबत्ती की लौ को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है – आंतरिक क्षेत्र (गहरा क्षेत्र) मध्य क्षेत्र (दीप्त क्षेत्र) और सबसे बाहरी क्षेत्र (अदीप्त क्षेत्र)।
लौ के आंतरिक क्षेत्र (गहरा क्षेत्र) में कोई भी दहन नहीं होता है, जबकि पूरा दहन लौ के सबसे बाहरी क्षेत्र (अदीप्त क्षेत्र) में होता है।
प्रश्न .16 समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियन्त्रित करती है ।
उत्तर: कार्बन डाई आक्साइड एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है । यह पृथ्वी पर सब के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है । कार्बन डाइऑक्साइड , ऑक्सीजन गैस से अधिक भारी होती है । कार्बन डाइऑक्साइड आग के चारों एक आवरण बना देती है। कार्बन डाइऑक्साइड गैस आग और हवा के बीच संपर्क को तोड़ देती है । इस प्रकार आग को नियंत्रित करती हैं।
NCERT Solution Variousinfo
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