cellphone tracking के बारे में तो आपने सुना ही होगा। जैसा की आप movies या TV serials में देखते हैं की पुलिस किसी criminal को उसके फ़ोन नंबर से बड़ी ही आसानी से उसकी/उसके location का पता लगा लेती है। और ऐसे में आप भी सोचते होंगे की ये पुलिस कैसे phone track कर लेती है
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कि किसी का cellphone कहाँ पर है। यह आखिर कैसे सम्भव होय होगा। दोस्तों तो आज मैं आपके cellphone tracking से जुड़े सभी doubts clear कर दूंगा। तो आईये जानते हैं –
Triangulation method को काम में लेती है।
दोस्तों पुलिस cellphone track करने के लिए पुलिस Triangulation method को काम में लेती है।
जैसा की आप जानते होंगे की हम सभी के मोबाइल फ़ोन में जो SIM होती है वो network tower से connected होता है ऐसे में हमें signal strengths से दोनों के बीच में distance/range का एक अनुमान या अंदाजा लग जाता है।
Network Rang से अनुमान लगाया जाता है
अब ये अनुमान अलग अलग networks के लिए अलग अलग हो सकता है जैसे अगर SIM 2G network पर है तो उसकी range अलग होगी SIM अगर 3G या 4G नेटवर्क्स पर है तो उनकी range अलग-अलग होगी।
अब पुलिस उस network provider (जैसे Airtel, Idea, Jio) को फ़ोन कर के पता करती है की Phone tower से कितनी दूरी पर है।
उदाहरण समझिए
अब मान लीजिये की पुलिस को पता चल गया की ये फ़ोन इस एक टावर से 100 मीटर की दुरी में है तो वो 100 मीटर की दुरी किस direction या दिशा में है ये नहीं पता चल पाएगा क्योंकि 100 मीटर की दुरी तो चारो तरफ कहीं भी हो सकती है। ऐसे में 1 टावर से तो sense बनता नहीं है।
अब मान लीजिये police को पता चलता है की ये फ़ोन पहले टावर से 100 मीटर की दुरी पर है और दूसरे टावर से 200 मीटर की दुरी पर है। तो ऐसे में भी तब भी हमें कोई एक पॉइंट नहीं मिलेगा। ऐसे में कई सारे पॉइंट मिलेंगे जिनकी एक जैसी distance होगी।
लेकिन दोस्तों अगर police के पास एक phone की 3 towers से distance पता लग जाये की ये फ़ोन 1 tower से 100 मीटर की दूरी पर दूसरे से 200 मीटर की और तीसरे से 300 मीटर की दुरी पर है तो दोस्तों ऐसे मे केवल एक ही point मिलेगा जिनसे ये distance होंगी। ऐसे में हमारे पास एक fix range होगा जैसा की आप निचे image में देख सकते हैं।
अब दोस्तों जैसा की मैंने आपको बताया की ये केवल एक range ये कोई exact (सटीक) point नहीं है। तो दोस्तों एसे मे police exact नही बता सकती कि phone कहाँ पर है।
For example पुलिस को पता चलता है कि फ़ोन एक ऐसे area में है जहाँ 15 flats हैं तो police exact नही बता सकती कि phone किस फ्लैट मे है। दोस्तों ऐसा केवल movies में होता है।
आज आप ने क्या सिखा?
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आज जो जानकारी है की पुलिस फोन कैसे ट्रैक करती है (How does the police track the phone )और Cellphone Tracking के प्रकार के बारे में पूरी जानकारी दी और आशा करता हूँ आप लोगों को इस Cellphone tracking Technology के बारे में समझ आ गया होगा.
मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
आपको यह लेख पुलिस फ़ोन को कैसे ट्रैक करती है? कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.