डेटाबेस क्या होता है (Database concept)
डेटाबेस , सूचनाओं ( या डेटा ) का एक ऐसा व्यवस्थित संग्रह ( Organised Collection ) होता है , जिससे हम किसी भी सूचना को सरलता से प्राप्त कर सकते हैं । डेटाबेस व्यवस्थित इसलिए होता है , क्योंकि इसमें किसी भी डेटा या सूचना को एक निश्चित स्थान पर पहले से तय किए हुए रूप में रखा जाता है , ताकि कभी भी आवश्यकता पड़ने पर उसे आसानी से ढूँढकर देखा जा सके ।
व्यवस्थित डेटाबेस में हमें निम्नलिखित कार्य की सुविधा होती है
1. आवश्यक सूचना को निकालना ( Retrieving )।
2. सूचनाओं के अनुसार उचित कार्यवाही करना या निर्णय लेना ।
3. सूचनाओं को नई आवश्यकताओं के अनुसार फिर से व्यवस्थित करना ।
4. सूचनाओं के आधार पर रिपोर्ट आदि बनाना तथा नई सूचनाएँ निकालना ।
एक डेटाबेस , नामों की सूची की एक फाइल के रूप में आसान भी हो सकता है और डेटा की बहुत – सी फाइलों के समूह के रूप में कठिन भी हो सकता है ।
डेटाबेस के प्रकार ( Types of Database )
डेटाबेस मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है , जोकि निम्नलिखित है ।
1. नेटवर्क डेटाबेस ( Network Database )
इस प्रकार के डेटाबेस में , डेटा रिकॉर्ड के समूह के रूप में तथा डेटा के बीच सम्बन्ध लिंक के माध्यम से दर्शाया जाता है ।
2. हैरार्रिकल डेटाबेस ( Hierarchical database )
इस प्रकार के डेटाबेस में , डेटा को वृक्ष के रूप में नोड्स के माध्यम से व्यवस्थित किया जाता है । हैरार्रिकल डेटाबेस में नोड्स आपस में लिंक के माध्यम से जुड़ी होती हैं ।
3. रिलेशनल डेटाबेस ( Relational Database )
रिलेशनल डेटाबेस को संरचित डेटाबेस ( Structured Database ) भी कहा जाता है , जिसमें डेटा को सारणियों ( Tables ) के रूप में संग्रहीत ( Store ) किया जाता है । इन डेटा सारणियों में स्तम्भ ( Column ) , सारणी में स्टोर होने वाले डेटा के प्रकार को तथा पंक्तियाँ ( Rows ) डेटा को दर्शाती हैं ।
डेटा ( Data )
किसी वस्तु , व्यक्ति या समूह के बारे में किसी तथ्य अथवा जानकारी को डेटा ( Data ) कहा जाता है । किसी व्यक्ति का नाम , किसी वस्तु का वजन तथा मूल्य , किसी कक्षा के विद्यार्थियों की उम्र आदि ये सभी डेटा के उदाहरण हैं ।
सूचना ( Information )
जब किसी डेटा को सार्थक तथा उपयोगी बनाने के लिए संसाधित , व्यवस्थित , संरचित किया जाता है , तो उसे हम सूचना कहते हैं ।
1 . उदाहरण के लिए एक कक्षा का औसत स्कोर एक सूचना है , जोकि उस कक्षा के विद्यार्थियों के स्कोर से निकाला जा सकता है । संक्षेप में , डेटा डेटाबेस में स्टोर मूल्यों को सन्दर्भित ( Refer ) करता है , जबकि सूचना उन मूल्यों से निकाले गए निष्कर्ष या अर्थ को सन्दर्भित करती है ।
कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस की आवश्यकता ( Need Of Computerised Database )
हाथ से बनाए गए डेटाबेस ( हस्तचालित डेटाबेस ) में बहुत – सी समस्याएँ होती है ; जैसे कि
1. नया डेटा जोड़ने की समस्या ,
2. डेटा को बदलने की समस्या ,
3. डेटा को अपनी शर्तों के अनुसार प्राप्त करने की समस्या आदि।
इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस का निर्माण किया गया । इसमें सभी सूचनाएँ कम्प्यूटर पर रखी जाती हैं और कम्प्यूटर की सहायता से ही उनका रख – रखाव तथा प्रोसेसिंग की जाती है । कम्प्यूटर पर डेटाबेस बनाने के कई प्रोसेसिंग की जाती है । कम्प्यूटर पर डेटाबेस बनाने के कई कारण है , जो निम्नलिखित हैं
1. कम्प्यूटर पर बड़े आकार का डेटाबेस सरलता से बनाया जा सकता है , क्योंकि उसमें डेटा को संग्रहीत करने की क्षमता अधिक होती है ।
2. कम्प्यूटर की कार्य करने की गति तेज होने के कारण कितने भी बड़े डेटाबेस में से कोई भी इच्छित सूचना निकालना और डेटाबेस पर विभिन्न क्रियाएँ करना आदि कार्य बहुत कम समय में ही सम्पन्न हो जाते हैं । इतना ही नहीं तेज गति के कारण उस पर कोई लम्बी – चौड़ी रिपोर्ट निकालना और छापना मिनटों का कार्य होता है ।
3. इसमें हस्तचालित डेटाबेस की तुलना में बहुत कम खर्च आता है
डेटाबेस के अवयव ( Components of Database )
एक डेटाबेस विभिन्न प्रकार के अवयवों से मिलकर बना होता है । डेटाबेस का प्रत्येक अवयव आब्जेक्ट ( Object ) कहलाता है ।
प्रत्येक डेटाबेस फाइल में आप अपने डेटा को विभिन्न सारणियों ( Tables ) में विभाजित कर सकते हैं ; फॉर्म ( Form ) के माध्यम से सारणी के डेटा को देख सकते हैं , नया डेटा जोड़ सकते हैं तथा अपडेट ( Update ) भी कर सकते हैं ; क्वैरी ( Queries ) के माध्यम से आवश्यकतानुसार सारणियों में से डेटा को खोज सकते हैं । तथा पुनः प्राप्त कर सकते हैं और रिपोर्ट ( Report ) के माध्यम से डेटा का विश्लेषण ( Analyse ) तथा डेटा को एक विशेष लेआउट ( layout ) में प्रिन्ट कर सकते हैं ।
डेटाबेस के अवयवों का विस्तारपूर्वक वर्णन निम्नलिखित हैं
1. सारणी ( Table )
वैसे तो डेटाबेस कई प्रकार के होते हैं , परन्तु सबसे अधिक प्रचलित और प्राकृतिक डेटाबेस रिलेशनल डेटाबेस हैं , जिसमें डेटा एक सारणी के रूप में संग्रहीत होता है । सारणी , स्तम्भ तथा पंक्तियों के कटाव से बने सैल ( Cells ) से मिलकर बनी होती है , यही सैल सारणियों में डेटा को स्टोर करने के लिए प्रयोग की जाती है।
इन सारणियों पर विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन , जैसे कि डेटा को स्टोर करना , निस्पन्दन ( Filtering ) करना , पुनः प्राप्त करना , डेटा का सम्पादन करना आदि किए जा सकते हैं । मुख्य रूप से , सारणी फील्ड तथा रिकॉर्ड से मिलकर बनी होती है जिनका विवरण निम्नलिखित हैं
2. फील्ड ( Field )
सारणी के प्रत्येक स्तम्भ को फील्ड कहते हैं , प्रत्येक फील्ड का एक निश्चित नाम होता है , जिसमें उसे पहचाना जाता है । प्रत्येक फील्ड का नाम उस फील्ड में स्टोर होने वाले डेटा के प्रकार को बताता है । उदाहरण के लिए विद्यार्थी का नाम , शहर , देश टेलीफोन नम्बर आदि फील्ड के नाम हो सकते हैं ।
3. रिकॉर्ड ( Record )
सारणी की प्रत्येक पंक्ति को रिकॉर्ड कहा जा सकता है। दूसरे शब्दों में , ‘ एक रिकॉर्ड एक एंटिटी ‘ ( जैसे कि वस्तु , व्यक्ति , आदि ) से सम्बन्धित सभी फील्डों में उपस्थित डेटा का संग्रह होता है । उदाहरण के लिए , आपके मित्रों के नाम तथा टेलीफोन नम्बर वाले डेटाबेस की संरचना नीचे दिखाए गए चित्र की तरह हो सकती है ।
आप देख सकते हैं कि दी गई सारणी Friends में दो फील्ड हैं- Name , Telephone_No . और पाँच रिकॉर्ड हैं ।
उदाहरण के लिए ( Hradesh , 7869 ) एक रिकॉर्ड है ।
4. क्वैरी ( Queries )
किसी सारणी या डेटाबेस से आवश्यकतानुसार डेटा को निकालने के लिए जो आदेश दिया जाता है , उसे क्वैरी कहा जाता है ।
उदाहरण के लिए , आप अगर मेरठ शहर में रहने वाले मित्रों की सूची निकालनी चाहें , तो इसे एक क्वैरी कहेंगे । क्वैरी आपकी आवश्यकतानुसार डेटा को निकालने के लिए आवश्यक फील्डों , शर्ते , सारणी का नाम आदि को दर्शाता है । किसी क्वैरी के उत्तर में जो सूचनाएँ या रिकॉर्ड डेटाबेस से निकाले जाते हैं , उसे उस क्वैरी का डायनासेट ( Dynaset ) कहते हैं ।
5. फार्म ( Forms )
यद्यपि आप सारणी में डेटा को स्टोर कर सकते हैं । तथा सुधार भी सकते हैं , लेकिन सारणी में डेटा को स्टोर करना तथा सुधारना आसान नहीं होता है । इस समस्या को फॉर्म की सहायता से दूर कर सकते हैं । फॉर्म आपकी स्क्रीन पर एक ऐसी विण्डो होती है , जिसकी सहायता से आप किसी सारणी में भरे गए डेटा को देख सकते हैं , सुधार सकते हैं और नया डेटा जोड़ भी सकते हैं , सामान्यतः फॉर्म एक समय पर एक रिकॉर्ड को देखने तथा सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता है ।
6. रिपोर्ट ( Reports )
सरल शब्दों में कोई रिपोर्ट एक ऐसा डायनासेट है , जिसे कागज पर छापा गया हो , आप किसी डायनासेट की सूचनाओं को किन्हीं आधारों पर समूहबद्ध कर सकते हैं ।
डेटाबेस के अनुप्रयोगी क्षेत्र ( Application Areas of Database )
डेटाबेस का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है । जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
1. बैंकिंग के क्षेत्र में ग्राहकों की पर्सनल सूचना , उनके खातों की सूचना , लोन ( Loans ) आदि की सूचना रखने के लिए ।
2. विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की सूचना , उनके अंक , कोर्स रजिस्ट्रेशन की सूचना आदि रखने के लिए
3. एयरलाइन ( Airline ) में रिज़र्वेशन ( Reservation ) तथा कार्यक्रम की सूचना आदि के लिए ।
4. क्रेडिट कार्ड के लेन – देन में ( Credit – card Transaction ) क्रेडिट कार्ड के द्वारा खरीदारी तथा मासिक लेन – देन की रिपोर्ट तैयार करने के . लिए ।
5. संचार के क्षेत्र में कॉल ( Call ) की मासिक रिकॉर्ड रखने के लिए , मासिक बिल बनाने के लिए ।
6. विक्रय ( Sale ) के क्षेत्र में ग्रहकों , उत्पादों तथा खरीदारी की सूचना रखने के लिए ।
7. वित्तीय ( Finance ) क्षेत्र में बिक्री तथा खरीद के बारे में जानकारी संग्रहीत करने के लिए ।
8. एच आर ( Human Resource ) के क्षेत्र में कर्मचारियों , उनके वेतन , टैक्स आदि के बारे में जानकारी संग्रहीत करने के लिए ।
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