इंटरनेट फ्रॉड कई तरह के हो सकते हैं। इंटरनेट पर होने वाली ठगी और धांधलेबाज़ी को कवर करने की कोशिश करेंगे। तो शुरु करते हैं बिना किसी रुकावट के ।
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फिशिंग साइट्स से होने वाले फ़्रॉड्स
जैसा आपको नाम से प्रतीत हो ही रहा होगा, ये मछली फाँसने वाले जाल जैसी साइटें होती हैं, जो हूबहू किसी भरोसेमंद सेवा की वेबसाइट जैसी दिखती हैं।
इसमें आप अपनी लॉगिन या बैंकिंग डीटेल्स डाल कर अगर लॉगिन करने लगेंगे, तो ये उस जानकारी को स्टोर कर लेंगे, और फिर इसी जानकारी का प्रयोग कर उस भरोसेमंद सेवा पर जा पहुंचेगे। और फिर शुरू होगा खेल, और आपके एकाउंट पर उनका कण्ट्रोल होगा इसप्रकार अकाउण्ट हैक्ड हो जायेगा ।
इससे बचने के लिए क्या करें
इससे बचने के लिए आपको ये करना है, कि अपनी इस भरोसेमंद सेवा को किसी अन्य URL पर पाते ही चौकन्ना हो जाना है, कि नहीं, कुछ तो गड़बड़ है। और लॉगिन नहीं करना है। क्योंकि यूआरएल सही नहीं है।
मान लीजिए आपको इस्तेमाल करनी है
facebook.com पर आप लॉगिन कर लेते हो किसी फिशिंग साइट जो कि हो सकती है की faceb00k या fasebook.com… हो , अब इस ज़रा-से फर्क़ को अगर आप पकड़ पाए तो आप सुरक्षित हैं। अन्यथा आप अपने लॉगिन ईडी और पासवर्ड किसी और को दे चुके हैं। तुरंत पासवर्ड फॉरगेट करलें ।
पलक झपकते ही धन्नासेठ बनाने वाली सेवाएँ
आपने भी घर बैठे पैसा बनाने वाली काफी सेवाएँ देखी ही होंगी। इनमें से 90% चोर हैं। कोई भी वो साइट जो भरोसेमंद से ज़्यादा भिखमंगी-टाइप दिखे, तुरंत बाहर निकल जाएं। पैसे ले कर भाग जाएँगी और आप दाँत-पीसते रह जाएँगे।
किसी भी सेवा में निवेश करने से पहले उसकी गम्भीरता से जाँच-पड़ताल करना ज़रूरी है। जब तक ढंग-से तसल्ली न हो जाए, अपना पैसा न फेंकें।
वर्क-फ्रॉम-होम कॉपी-पेस्ट वाली नौकरी
ऐसी नौकरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन देते ही आपको कॉल आने शुरू होंगे कि आप फलां-फलां जगह आ जाईए, आपका इण्टरव्यू और ट्रेनिंग एक ही दिन में करवा देंगे। सैलेरी होगी आठ-दस हज़ार महीने या ऐसा ही कुछ। आपको लगता है कि ये सच बोल रहे हैं?’
ये ऐक्ज़ेक्यूटिव आपको अपना रैफरल आईडी भी देगा, कि जब ट्रेनिंग में बैठो तो मेरा आईडी देना। इससे ऐक्ज़ेक्यूटिव को कमिशन बनेगी। और आपको ट्रेनिंग के दौरान बारह-पंद्रह-सौ (या अधिक भी) रजिस्ट्रेशन शुल्क बता कर जमा करने को कहा जाएगा।
फिर जब आप पैसे दे चुके होंगे, तो कोई आपका कॉल नहीं पिक करेगा, या कर भी लेगा तो अभी वर्क नहीं है, अभी मंदी चल रही है, अभी सीज़न डाउन है वगैरह बता कर चलता किया जाएगा।
ऑनलाइन ख़रीदारी पर होने वाले फ़्रॉड्स
आजकल ओएलऐक्स और क्विकर के अलावा यूट्यूब, वॉट्सैप, इण्स्टाग्राम, और फेसबुक तक पर लोग सामान बेच-ख़रीद रहे। ध्यान रखें ये सभी स्रोत अमेज़ॉन या फ्लिपकार्ट जिनते भरोसेमंद नहीं हैं। बिक्री करने वाले से पूरा भरोसा प्राप्त होने के बाद ही उनको पैसा ट्रांसफर करें, और डिलिवरी पर पेमेण्ट (COD) की ज़्यादा सिफारिश करें।
लॉटरी या डोनेशन संदेश से धोखाधड़ी
“काँग्रैट्स! आप पाँच लाख पाउण्ड जीत गए!”, “
कैंसर पीड़ित की मदद करें, डोनेशन भेजें”—ऐसे संदेशों को देखते ही डिलीट और स्पैम रिपोर्ट कर दें। कुछ नहीं बनेगा, उल्टा जेब से ही देने पड़ जाएँगे।
पोकर और अन्य प्रकार का जुआ से धोखाधड़ी ये लोग पहले आपको जिताएँगे, और फिर आपको रुलाएँगे। मेरा एक मित्र इन चक्करों में फँस कर कंगाली देख चुका है। और भी कई उदाहरण हैं कि कैसे ई-जुआघर लोगों को बरबाद करते हैं।
ऑनलाइन डेटिंग से धोखाधड़ी
डेटिंग ऐप्स आजकल बहुत प्रचलित हैं। चलिए आप किसी ऐप का सब्स्क्रिप्शन ख़रीदते हो, वो आपके ऊपर है। पर इन्हीं ऐप्स पर बहुत-से चालबाज़ लोग आपको आपका पैसा पानी की तरह बहाने पर मजबूर कर सकते हैं। वो बैठे ही इसलिए हुए हैं वहाँ। तनहाई को अपनी कमज़ोरी न बनने दें। दिल से पहले दिमाग़ से काम लें।
क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नाम पर होने वाले फ्रॉड
जैसा कि ऊपर हम चर्चा कर चुके हैं, फिशिंग वेबसाइटों पर अपनी कार्ड डीटेल्स प्रयोग करेंगे तो ये जानकारी चोरी हो जाएगी और कुछ गड़बड़ियाँ हो सकती हैं। वो तो शुक्र है कि ओटीपी ऑथेंटिकेशन की वजह से बचाव हो जाता है, पर फिर भी आपको सतर्क तो रहना ही चाहिए। ऐसी किसी भी ई-मेल (या फोन कॉल का भी) जवाब न दें, जो आपसे आपकी कार्ड डीटेल्स माँग रही हो।
साइबर कैफे वाले फ्रॉड
कुछ ओवरस्मार्ट साइबर कैफे वाले उनके कम्प्यूटरों पर की-लॉगर सॉफ्टवेर डाल कर रखते हैं, जो कि आपके की-स्ट्रोक्स यानी जो-जो आप लिखेंगे वो रिकॉर्ड कर लेंगे। अब फिर आपका कोई खाता कॉम्प्रोमाइज़्ड होता है तो मत कहना हम फस गए।
ऑनलाइन नेटवर्क मार्केटिंग में फ्रॉड
चेन बनाओ, ईनाम पाओ। ये चीज़ तो असल ज़िंदगी में भी काफी रायता फैला चुकी है। तो आप इसको बस दूर से नमस्ते कह दें वरना खाम्ख़्वाह ठग लिए जाएँगे।
क्रिप्टोकरेंसी गेम फ्रॉड
आपको ऐसे कई लोग मिलेंगे जो आपको बिट्कॉइन्स या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी बड़े सस्ते में देने के सब्ज़बाग दिखाएँगे। तो ऐसे लोगों को बुरी तरह नज़रअंदाज़ कर के आगे बढ़ जाएँ। बिटकॉइन्स आखिर बिटकॉइन्स हैं, रेवड़ी नहीं। और वैसे भी भारत में इसका भविष्य कोई ख़ास उजला नहीं है। ख़ैर, ये बाद विवादास्पद भी हो सकती है।
फिलहाल के लिए इतना ठीक है। वरना पढ़-पढ़कर बोर हो जाइयेगा। कमेण्ट कर के बताईगा कि क्या रह गया, और क्या ज़्यादा हो गया।