आकार और कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के विकास का वर्गीकरण ( Classification of computer development based on computer size and function )

आकर और कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के विकास का वर्गीकरण ( Classification of computer development based on computer size and function )

कम्यूटर के आकार और कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के विकास का वर्गीकरण ( Classification of computer development based on computer size and function ) निम्न प्रकार से किया जाता है।

( i ) मेन फ्रेम कम्प्यूटर 

( ii ) मिनी कम्प्यूटर 

( iii ) इम्बेडेड कम्प्यूटर 

( iv ) माइक्रो कम्प्यूटर 

( v ) सुपर कम्प्यूटर 

कम्पयूटर आकार और कार्य के आधार पर कम्प्यूटर को विभिन्न निम्न प्रकार में बांटा जाता है ।

आकार और कार्य के आधार पर कम्प्यूटर को मेनफ्रेम , मिनी ; माइक्रो कम्प्यूटर तथा सुपर कम्प्यूटर में बांटा जाता है । 

पर्सनल कम्प्यूटर , नोटबुक , नेटवुक , टैबलेट , लैपटॉप , वर्कस्टेशन तथा पामटॉप आदि माइक्रो कम्प्यूटर के ही विभित्र रूप हैं । 

1. मेन फ्रेम कम्प्यूटर ( Main Frame Computer )

मेन फ्रेम कम्प्यूटर में मुख्य कम्प्यूटर एक केंद्रीय स्थान पर रखा जाता है जो सभी डाटा और अनुदेशों को स्टोर करता है । उपयोगकर्ता Dumb Terminal के माध्यम से मन फ्रेम कम्प्यूटर से जुड़ता है तथा केंद्रीय डाटाबेस और प्रोसेसिंग क्षमता का उपयोग करता है । 

मेन फ्रेम कम्प्यूटर Main Frame Computer
मेन फ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer)

मेन फ्रेम कम्प्यूटर आकार में काफी बड़े होते हैं । इनकी डाटा स्टोरेज क्षमता अधिक होती है तथा डाटा प्रोसेस करने की गति तीव्र होती है । मेनफ्रेम कम्प्यूटर से जुड़कर एक साथ कई लोग अलग अलग कार्य कर सकते हैं । 

अतः इसे मल्टी यूजर ( Multi User ) कम्प्यूटर कहा जाता है । इसमें ऑनलाइन ( Online ) रहकर बड़ी मात्रा में डाटा प्रोसेसिंग किया जा सकता है । 

मेनफ्रेम कम्प्यूटर में दो या अधिक माइक्रोप्रोसेसर को एक साथ जोड़कर प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ायी जाती है । इनमें सामान्यतः 32 या 64 बिट माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है । 

मेनफ्रेम कम्प्यूटर में टाइम शेयिरंग ( Time Sharing ) तथा मल्टी प्रोग्रामिंग ( Multi Programming ) आपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता है । 

मेन फ्रेम कम्प्यूटर का उपयोग  

मेन फ्रेम कम्प्यूटर का उपयोग बड़ी कंपनियों , बैंक , रेलवे आरक्षण , रक्षा , अनुसंधान , अंतरिक्ष विज्ञान आदि के क्षेत्र में किया जाता है ।

2. मिनी कम्प्यूटर ( Mini Computer ) 

ये आकार में मेनफ्रेम कम्प्यूटर से छोटे जबकि माइक्रो कम्प्यूटर से बड़े होते हैं । इसका आविष्कार 1965 में डीइसी ( DEC – Digital Equipment Corporation ) नामक कम्पनी ने किया । 

इसमें एक से अधिक माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है । इसकी संग्रहण क्षमता और गति अधिक होती है । इस पर कई व्यक्ति एक साथ काम कर सकते हैं , अतः इसमें संसाधनों का साझा उपयोग होता है।

mini computer के उपयोग : यात्री आरक्षण , बड़े ऑफिस , कम्पनी , अनुसंधान आदि में । 

Extra Facts

कम्प्यूटर निर्माण उद्योग में अग्रणी होने के कारण भारत का बंग्लुरु शहर सिलिकॉन वैली ( Silicon Valley ) के नाम से प्रसिद्ध है । 

3. इम्बेडेड कम्प्यूटर ( Embedded Computer ) 

किसी उपकरण जैसे टेलीविजन , वाशिंग मशीन , माइक्रोवेव , कार आदि से छोटा कम्प्यूटर जिसे किसी विशेष कार्य के लिए । तैयार किया जाता है , इम्बेडेड कम्प्यूटर कहलाता है । 

इम्बेडेड कम्प्यूटर एक माइक्रो प्रोसेसर या इंटिग्रेटेड चिप के रूप में होता है जो उस उपकरण के कार्य को सरल बनाता है । 

4. माइक्रो कम्प्यूटर ( Micro Computer ) 

माइक्रो कंप्यूटर का विकास 1970 से प्रारंभ हुआ जब सीपीयू ( CPU : Central Processing Unit ) में माइक्रो प्रोसेसर का उपयोग किया जाने लगा । इसका विकास सर्वप्रथम आईबीएम कम्पनी ने किया । 

माइक्रो कंप्यूटर में 8,16,32 या 64 बिट माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है । 

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वीएलएसआई ( VLSI – Very Lagre Scale Integration ) और यूएलएसआई ( ULSI – Ultra Large Scale Integration ) से माइक्रो प्रोसेसर के आकार में कमी आई है जबकि क्षमता कई गुना बढ़ गयी है । 

मल्टीमीडिया और इंटरनेट के विकास ने माइक्रो कम्प्यूटर की उपयोगिता को हर क्षेत्र में पहुंचा दिया है । कई माइक्रो कम्प्यूटर को संचार माध्यमों द्वारा आपस में जोड़कर कम्प्यूटर नेटवर्क बनाया जा सकता है । 

डेस्कटॉप कम्प्यूटर , पर्सनल कम्प्यूटर , लैपटॉप कम्प्यूटर , नोटबुक कम्प्यूटर , नेटबुक कम्प्यूटर , टैबलेट तथा स्मार्टफोन माइक्रो कम्प्यूटर के ही विभिन्न रूप हैं ।

माइक्रो कंप्यूटर के उपयोग 

घर , आफिस , विद्यालय , व्यापार , उत्पादन , रक्षा , मनोरंजन , चिकित्सा आदि अनगिनत क्षेत्रों में इसका उपयोग हो रहा है । 

4.1 पर्सनल कम्प्यूटर ( Personal Computer – PC ) 

इसे डेस्कटॉप कम्प्यूटर ( Desktop Computer ) भी कहा जाता है । आजकल प्रयुक्त होने वाले पीसी ( PC- Personal Com puter ) वास्तव में माइक्रो कम्प्यूटर ही हैं । इसमें की – बोर्ड , मानीटर तथा सिस्टम यूनिट होते हैं । 

पर्सनल कम्प्यूटर ( Personal Computer - PC )

सिस्टम यूनिट में सीपीयू ( CPU – Cen tral Processing Unit ) , मेमोरी तथा अन्य हार्डवेयर होते हैं । यह छोटे आकार का सामान्य कार्यों के लिए बनाया गया कम्प्यूटर है । 

इस पर एक बार में एक ही व्यक्ति ( Single User ) कार्य कर सकता है । इसी कारण , इसे पर्सनल कम्प्यूटर कहा जाता है । 

पर्सनल कम्प्यूटर का आपरेटिंग सिस्टम एक साथ कई कार्य करने की क्षमता वाला ( Multitasking ) होता है । 

पीसी को टेलीफोन और मॉडेम ( Modem ) की सहायता से आपस में या इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है । 

कुछ प्रमुख पीसी निर्माता कम्पनी हैं – आईबीएम ( IBM ) लेनोवो ( Lenovo ) , एप्पल ( Apple ) , काम्पैक ( Compaq ) , जेनिथ ( Zenith ) , एचसीएल ( HCL ) , एचपी ( HP – Hewlett . Packard ) 

पर्सनल कम्प्यूटर के उपयोग

पीसी का विस्तृत उपयोग घर , ऑफिस , व्यापार , शिक्षा , मनोरंजन , डाटा संग्रहण , प्रकाशन आदि अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है । 

पीसी का विकास 1981 में हुआ जिसमें माइक्रो प्रोसेसर 8088 का प्रयोग किया गया । 

इसमें हार्ड डिस्क ड्राइव लगाकर उसकी क्षमता बढ़ायी गयी तथा इसे पीसी – एक्स टी ( PC – XT Personal Computer – Extended Technology ) नाम दिया गया । 

1984 में नये माइक्रो प्रोसेसर -80286 से बने पीसी को पीसी – एटी ( PC – AT- Personal Computer – Advanced Technology ) 7TH दिया गया । 

वर्तमान पीढ़ी के सभी पर्सनल कम्प्यूटर को पीसी – एटी ही कहा जाता है । 

4.2. वर्क स्टेशन ( Work Station ) 

यह एक शक्तिशाली पी . सी . है जो अधिक प्रोसेसिंग क्षमता , विशाल भंडारण और बेहतर डिस्ले ( Display ) को ध्यान में रखकर बनाया जाता है । 

वर्क स्टेशन पर एक बार में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है । 

वर्क स्टेशन के उपयोग 

वैज्ञानिक , इंजिनियरिंग , भवन निर्माण आदि क्षेत्रों में वास्तविक परिस्थितियों को उत्पन्न कर ( Simulation ) उनका अध्ययन करने के लिए ।

4.3. नोटबुक कम्प्यूटर या लैपटॉप ( ( Notebook Computer or Laptop ) 

यह नोटबुक के आकार का ऐसा कम्प्यूटर है जिसे ब्रीफकेस में रखकर कहीं भी ले जाया जा सकता है । इसमें पर्सनल कम्प्यूटर की सभी विशेषताएं मौजूद रहती हैं । चूंकि इसका उपयोग गोद ( Lap ) पर रखकर किया जाता है , अतः इसे लैपटॉप कम्प्यूटर ( Laptop Computer ) भी कहते हैं । 

नोटबुक कम्प्यूटर या लैपटॉप ( Notebook computer or laptop )
नोटबुक कम्प्यूटर या लैपटॉप ( Notebook computer or laptop )

लैपटॉप का विकास एडम आसबर्न ( Adam Osborne ) द्वारा 1981 में किया गया था । 

इसमें एक मुड़ने योग्य एलसीडी ( LCD ) मॉनीटर , की – बोर्ड , टच पैड ( Touch Pad ) , हार्डडिस्क , फ्लापी डिस्क ड्राइव , सीडी / डीवीडी ड्राइव और अन्य पोर्ट ( Port ) रहते हैं । 

विद्युत के बगैर कार्य कर सकने के लिए इसमें चार्ज की जाने वाली बैटरी ( Chargeable Battery ) का प्रयोग किया जाता है । 

सामान्यतः , लैपटॉप में लीथियम आयन बैटरी ( Lithium lon Battery ) का प्रयोग किया जाता है । 

वाई – फाई ( WiFi ) और ब्लूटूथ ( Bluetooth ) की सहायता से इसे इंटरनेट द्वारा भी जोड़ा जा सकता है । 

4.4 . नेटबुक ( Netbook ) 

यह नोटबुक या लैपटॉप कम्प्यूटर का लघु संस्करण है जिसे गतिमान अवस्था में वायरलेस नेटवर्क द्वारा इंटरनेट का उपयोग करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है । 

नेटबुक का आकार व वजन लैपटॉप कम्प्यूटर से छोटा होता है तथा प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता भी कम होती है । 

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Netbook शब्द की उत्पत्ति Internet तथा Notebook शब्द के मिलने से हुआ है । 

नेटबुक द्वारा इंटरनेट से जुड़ने , वर्ल्ड वाइड वेब ( www ) पर सर्किंग करने , ई – मेल भेजने तथा प्राप्त करने , सोशल मीडिया का प्रयोग करने , वीडियो तथा आडियो फाइल अपलोड या डाउनलोड करने आदि का काम आसानी से किया जा सकता है । 

4.5. टैबलेट कम्प्यूटर ( Tablet Computer ) 

टैबलेट एक छोटा कम्प्यूटर है जिसमें की – बोर्ड या माउस का प्रयोग नहीं होता । इसमें इनपुट के लिए स्टाइलस ( Stylus ) , पेन या टच स्क्रीन ( Touch Screen ) तकनीक का प्रयोग होता है । 

टैबलेट में डाटा डालने के लिए Virtual या On Screen key board का प्रयोग किया जाता है । इसे वायरलेस नेटवर्क द्वारा इंटरनेट से भी जोड़ा जा सकता है । इसका प्रयोग स्मार्टफोन की तरह भी किया जा सकता है ।

चूंकि टैबलेट कम्प्यूटर का प्रयोग हाथ में रखकर किया जाता है , अतः इसे Hand held computer भी कहा जाता है । 

Apple कंपनी का आईपैड ( i Pad ) टैबलेट कम्प्यूटर का एक उदाहरण है । 

Tablet computer
 टैबलेट कम्प्यूटर ( Tablet computer )

4.6. पॉमटाप ( Palmtop ) 

यह बहुत ही छोटा कम्प्यूटर है जिसे हाथ में रखकर कार्य किया जा सकता है । इसे मिनी लैपटॉप भी कहा जा सकता है । 

की – बोर्ड की जगह इसमें आवाज द्वारा इनुपट का कार्य लिया जाता है । पीडीए ( PDA – Personal Digital Assistant ) भी एक छोटा कम्प्यूटर है जिसे नेटवर्क से जोड़कर अनेक कार्य किये जा सकते हैं । इसे फोन की तरह भी व्यवहार किया जा सकता है । चित्र संख्या 2.10 : पॉमटॉप 

4.7. स्मार्टफोन ( Smartphone ) 

स्मार्टफोन एक मोबाइल फोन है जिसमें कम्प्यूटर की लगभग सभी विशेषताएं मौजूद रहती हैं । इसमें डाटा इनपुट के लिए टच स्क्रीन तकनीक का प्रयोग किया जाता है । 

टैबलेट या पीडीए एक कम्प्यूटर है जिसका प्रयोग वैकल्पिक फोन की तरह भी किया जा सकता है । 

दूसरी तरफ , स्मार्टफोन मुख्यतः एक फोन है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर प्रोसेसिंग के कुछ कार्यों तथा इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए किया जा सकता है । 

स्मार्टफोन का उपयोग एक हाथ से किया जा सकता है जबकि टैबलेट या पीडीए को दोनों हाथों से चलाना पड़ता है । 

स्मार्टफोन , टैबलेट तथा पीडीए हैंड हेल्ड डिवाइस ( Hand Held Devices ) कहलाता है 

4.8. लैपटॉप , नोटबुक , नेटबुक , टैबलेट तथा पीडीए में अंतर ( Difference between Laptop , Notebook , Netbook , Tablet and PDA ) 

कम्प्यूटर तकनीक में हो रहे विकास और उपकरणों के आकार में आयी कमी ने इन उपकरणों के बीच के अंतर को कम किया है । इन उपकरणों के बीच एक रेखा खींच पाना अत्यंत कठिन हो गया है ।

लैपटॉप डेस्कटॉप कम्प्यूटर का मोबाइल संस्करण है । इसमें की – बोर्ड , माउस तथा स्पीकर उपकरण के साथ ही बना होता है । 

इसमें डेस्कटॉप कम्प्यूटर की सभी विशेषताएं रहती हैं , हालांकि प्रोसेसिंग तथा स्टोरेज क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है । 

नोटबुक लैपटॉप कम्प्यूटर का लघु संस्करण है । इसका वजन अपेक्षाकृत कम होता है तथा इसे साथ में लेकर घूमना आसान होता है । इसके मानीटर स्क्रीन का आकार 12 से 15 इंच तक हो सकता है । 

नेटबुक कम्प्यूटर को मुख्यतः गतिमान अवस्था में इंटरनेट तथा उससे जुड़ी सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया जाता है । 

इसमें प्रोसेसिंग तथा स्टोरेज क्षमता की अपेक्षा नेटवर्क स्पीड पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है । 

इसके मानीटर स्क्रीन का आकार 10 से 14 इंच तक हो सकता है । नेटबुक में सामान्यतः आप्टिकल डिस्क ड्राइव नहीं होता है । 

टैबलेट कम्प्यूटर में की – बोर्ड तथा माउस का प्रयोग नहीं होता । डाटा तथा निर्देश डालने लिए स्टाइलस या टच स्क्रीन तथा वर्चुअल की – बोर्ड का प्रयोग किया जाता है । 

लैपटॉप , नोटबुक तथा नेटबुक का प्रयोग गोद में रखकर किया जाता है जबकि टैबलेट कम्प्यूटर तथा स्मार्टफोन का प्रयोग हाथ में पकड़कर किया जाता है । 

5. सुपर कम्प्यूटर ( Super Computer ) 

अत्यधिक तीव्र प्रोसेसिंग शक्ति और विशाल भंडारण क्षमता ( मेमोरी ) वाले कम्प्यूटर सुपर कम्प्यूटर कहलाते हैं । 

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सुपर कम्प्यूटर का निर्माण उच्च क्षमता वाले हजारों प्रोसेसर को एक साथ समानान्तर क्रम में जोड़कर किया जाता है । 

इसमें मल्टी प्रोसेसिंग ( Mula processing ) और समानान्तर प्रोसेसिंग ( Parallel processing ) का उपयोग किया जाता है । 

समानान्तर प्रोसेसिंग में किसी कार्य को अलग – अलग टुकड़ों में तोड़कर उसे अलग – अलग प्रोसेसर द्वारा संपन्न कराया जाता है । 

सुपर कम्प्यूटर पर अनेक उपयोगकर्ता एक साथ काम कर सकते हैं , अतः इन्हें मल्टी यूजर ( Multi User ) कम्प्यूटर कहा जाता है । 

सुपर कम्प्यूटर के प्रोसेसिंग स्पीड की गणना FLOPS ( Floating Point Operations Per Second ) में की जाती है । 

यहां फ्लोटिंग प्वाइंट का तात्पर्य कम्प्यूटर द्वारा संपन्न किये गये किसी भी कार्य से है जिसमें भित्र संख्याएं ( Fractional numbers ) भी शामिल हो । 

वर्तमान सुपर कम्प्यूटर की गति पेटा फ्लाप्स ( Peta Flops ) में मापी जा रही है । ( I Peta Flops = 10 % Flops ) 

विश्व के प्रथम सुपर कम्प्यूटर के निर्माण का श्रेय अमेरिका के रिसर्च कम्पनी ( Cray Research Company ) को जाता है। जिसकी स्थापना Seymour Cray ने की थी । 

सुपर कम्प्यूटर के क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान के लिए Seymour Cray को सुपर कम्प्यूटर का जन्मदाता ( Father of Super Computer ) कहा जाता है । 

सुपर कम्प्यूटर का प्रारूप

सुपर कम्प्यूटर का उपयोग

सुपर कम्प्यूटर का उपयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है । जैसे – वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में अनुसंधान और डिजाइन के लिए , पेट्रोलियम उद्योग में तेल के भंडारों का पता लगाने के लिए , वायुयान और आटोमोबाइल उद्योग में डिजाइन तैयार करने में ; अंतरिक्ष अनुसंधान में ; मौसम विज्ञान में मौसम का पूर्वानुमान लगाने में ; रक्षा क्षेत्र में ; कम्प्यूटर पर परमाणु भट्ठियों के सबक्रिटिकल परीक्षण करने में , आदि । 

5.1 . भारत में सुपर कम्प्यूटर ( Super Computer in India )

भारत में ‘ परम ‘ सीरीज के सुपर कम्प्यूटर का निर्माण सी डैक ( C – DAC – Centre for Development ofAdvanced Com puting ) , पुणे द्वारा किया गया है । 

‘ परम – 8000 ‘ सी – डैक द्वारा विकसित पहला सुपर कम्प्यूटर था जिसका निर्माण 1991 में किया गया था । 

इसके निर्माण का श्रेय सी – डैक के निदेशक डॉ . विजय भास्कर को जाता है । 

‘ परम पद्म ‘ सुपर कम्प्यूटर का निर्माण 2003 में किया गया जिसकी गणना क्षमता 1 टेरा फ्लाप्स ( I Tera = 1012 ) यानि 1 खरब गणना प्रति सेकेण्ड थी । 

‘ परम युवा- II ‘ सुपर कम्प्यूटर का निर्माण 2013 में किया गया जो सी – डैक द्वारा विकसित सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर है । इसकी गणना क्षमता 500 टेरा फ्लाप्स ( T Flops ) है । 

इस तरह के सुपर कम्प्यूटर विश्व के कुल पांच देशों – अमेरिका , जापान , चीन , इजराइल और भारत के पास ही उपलब्ध है । 

‘ अनुपम ‘ सीरीज के सुपर कम्प्यूटर का विकास बार्क ( BARC Bhabha Atomic Research Centre ) मुम्बई द्वारा किया गया है । 

पेस ( PACE – Processor for aerodynamically and Evaluation ) सीरीज के सुपर कम्प्यूटर का निर्माण अनुराग (  ANURAG – Advanced Numerical Research and Analy sis Group ) हैदराबाद द्वारा डीआरडीओ ( DRDO – Defence Re search and Development Organization ) के लिए किया गया । 

भारत के प्रथम सुपर कम्प्यूटर ‘ फ्लोसाल्वर ‘ ( Flosalver ) का विकास नाल ( NAL – National Aeronautical Lab ) , बंगलुरू द्वारा 1980 में किया गया था । 

Extra Facts

आईबीएम ( IBM ) के डीप ब्लू ( Deep Blue ) कम्प्यूटर ने शतरंज के विश्व चैंपियन गैरी कास्परोव को पराजित किया था । यह 1 सेकेण्ड में शतरंज की 20 करोड़ चालें सोच सकता है ।

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