विक्रम – बैताल की कहानियाँ [Vikram Betaal Hindi Kahaani – Story 8]

 अंग देश के एक गाँव मे एक धनी ब्राह्मण रहता था। उसके तीन पुत्र थे। एक बार ब्राह्मण ने एक यज्ञ करना चाहा। उसके लिए एक कछुए की जरूरत हुई। उसने तीनों भाइयों को कछुआ त्राने को कहा। वे तीनों समुद्र पर पहुँचे। वहाँ उन्हें एक कछुआ मिल गया। बड़े ने कहा, “मैं भोजनचंग हूँ, इसलिए कछुए को नहीं छुऊँगा।” मझला बोला, “मैं नारीचंग हूँ, मैं नहीं ले जाऊँगा।” सबसे छोटा बोल, “मैं शैयाचंग हूँ, सो मैं नहीं ले जाऊँगा।” वे तीनों इस बहस में पड़ गये कि उनमें कौन बढ़कर है। 

जब वे आपस में इसका फैसला न कर सके तो राजा के पास पहुँचे। राजा ने कहा, “आप लोग रुकें। मैं तीनों की अलग-अलग जाँच करूँगा।” इसके बाद राजा ने बढ़िया भोजन तैयार कराया और तीनों खाने बैठे। सबसे बड़े ने कहा, “मैं खाना नहीं खाऊँगा। इसमें मुर्दे की गन्ध आती है।” वह उठकर चल्रा। राजा ने पता लगाया तो मालूम हुआ कि वह भोजन श्मशान के पास के खेत का बना था। 

राजा ने कहा, “तुम सचमुच भोजनचंग हो, तुम्हें भोजन की पहचान है।” रात के समय राजा ने एक सुन्दर वेश्या को मझले भाई के पास भेजा। ज्योंही वह वहाँ पहुँची कि मझले भाई ने कहा, “इसे हटाओ यहाँ से। इसके शरीर से बकरी का दूध की गंध आती है।” राजा ने यह सुनकर पता लगाया तो मालूम हुआ कि वह वेश्या बचपन में बकरी के दूध पर पली थी। राजा बड़ा खुश हुआ और बोला, “तुम सचमुच नारीचंग हो।” इसके बाद उसने तीसरे भाई को सोने के लिए सात गद्दों का पलंग दिया। जैसे ही वह उस पर लेटा कि एकदम चीखकर उठ बैठा। लोगों ने देखा, उसकी पीठ पर एक लाल रेखा खींची थी। 

See also  अन्तिम इच्छा – तेनाली राम की कहानियाँ – Antim Ichchha Tenaliram Stories

राजा को ख़बर मिली तो उसने बिछौने को दिखवाया। सात गद्दों के नीचे उसमें एक बाल निकला। उसी से उसकी पीठ पर लाल लकीर हो गयी थीं। राजा को बड़ा अचरज हुआ उसने तीनाँ को एक-एक लाख अशर्फियाँ दीं। अब वे तीनों कछुए को ले जाना भूल गये, वहीं आनन्द से रहने तगे। इतना कहकर बेताल बोला, “है राजा! तुम बताओ, उन तीनों में से बढ़कर कौन था?”

 राजा ने कहा, “मेरे विचार से सबसे बढ़कर शैयाचंग था, क्‍योंकि उसकी पीठ पर बाल का निशान दिखाई दिया और हढूँढने पर बिस्तर में बाल पाया भी गया। बाकी दो के बारे में तो यह कहा जा सकता है कि उन्होंने किसी से पूछकर जान लिया होगा।” इतना सुनते ही बेताल फिर पेड़ पर जा लटका। राजा लौटकर वहाँ गया और उसे लेकर लौटा तो उसने यह कहानी कही।

नौवीं कहानी

Originally posted 2021-10-24 15:02:00.

Sharing Is Caring:

Hello friends, I am Ashok Nayak, the Author & Founder of this website blog, I have completed my post-graduation (M.sc mathematics) in 2022 from Madhya Pradesh. I enjoy learning and teaching things related to new education and technology. I request you to keep supporting us like this and we will keep providing new information for you. #We Support DIGITAL INDIA.

Leave a Comment