प्लांक विकिरण नियम ( Plancks radiation law ) क्या है ?

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प्लांक विकिरण नियम ( Planck ‘ s Radiation Law ) :  
श्याम वस्तुओं के विकिरण स्पेक्ट्रम को समझाने के लिए एम . प्लांक ( M . Planck ) ने सन् 1900 में एक क्रान्तिकारी सुझाव प्रस्तुत किया जिसे प्लांक विकिरण नियम ( Planck ‘ s radiation law ) या प्लाक विकिरण परिकल्पना ( Planck ‘ s hypothesis ) के नाम से जाना जाता है ।
( नोट : प्लांक विकिरण नियम को पढ़ने से पहले श्याम वस्तु विकिरण (Black Body Radiation) पढ़ना आवश्यक होता है । 
इसे पहले पढ़े ::::  कृष्णिका विकिरण)
प्लांक विकिरण नियम के अनुसार –
( 1 ) श्याम वस्तु की ऊर्जा सतत या लगातार परिवर्तित ( continuously variable ) नहीं होती है वरन् वह निश्चित संख्या के क्वाण्टाओं से बनी होती है ।
( 2 ) श्याम वस्तु द्वारा ऊर्जा या विकिरणों का अवशोषण या उत्सर्जन केवल ऊर्जा के निश्चित परिमाण वाले सूक्ष्म पैकेट  या बण्डलों ( Packets of definite amount of energy ) में असतत ( discontinuous ) होता है । इन पैकटों को क्वाण्टम कहते हैं ।
इस प्रकार के प्रत्येक क्वाण्टा में निश्चित परिमाण की ऊर्जा संलग्न रहती है जो विकिरण की आवृत्ति पर निर्भर करती है तथा निम्न सम्बन्ध से व्यक्त की जाती है ,
………..(1)

      जहाँ h सार्वत्रिक नियतांक ( universal constant ) है जिसे प्लांक स्थिरांक कहते हैं । इसका संख्यात्मक मान 6.6 × 10^(- 34) जूल – सेकण्ड होता है ।
विकरणों की आवृत्ति है । 

यह समीकरण क्वाण्टम सिद्धान्त का मूल समीकरण है ।                   

अत : समीकरण ( 2 ) से स्पष्ट है कि प्रत्येक क्वाण्टा से संलग्न ऊर्जा आवृत्ति के समानुपाती और तरंगदैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होती है । अत : प्रत्येक क्वाण्टा का आकार ( size ) विकिरण के प्रकार ( type ) पर निर्भर रहता है । विकिरण के एक क्वाण्टा को एक फोटॉन ( photon ) भी कहते हैं । इसलिए विकिरण के एक फोटॉन के साथ संलग्न ऊर्जा भी विकिरण की आवृत्ति के समानुपाती होगी । फोटॉन या क्वाण्टा वास्तव में भार रहित ऊर्जा का एक बण्डल होता है ।
( 3 ) श्याम वस्तु की ऊर्जा क्वाण्टीकृत ( quantise ) होती है । इसका तात्पर्य यह है कि ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन केवल ऊर्जा का एक क्वाण्टम या उसका कोई पूर्णाक गुणित ( whole number multiple of quantum ) अर्थात् 
में ही हो सकता है न कि क्वाण्टम के किसी प्रभाज में । कहने का तात्पर्य यह है कि किसी समय में ‘ एक क्वाण्टम ‘ से कम ऊर्जा न तो अवशोषित और न ही उत्सर्जित हो सकती है । इसी को ऊर्जा का क्वाण्टीकरण ( quantization ) कहते है ।
उपर्युक्त नियम के आधार पर श्याम वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित और अवशोषित विकिरण की आवृत्ति और ऊर्जा को सम्बन्धित करते हुए प्लांक ने निम्न आनुभविक व्यंजक ( empirical expression ) व्युत्पन्न किया जो प्राप्त प्रायोगिक तथ्यों को स्पष्ट करता है ।
……(3)
 उपर्युक्त गणितीय व्यंजक को प्लांक विकिरण नियम ( Planck ‘ s radiation law ) के नाम से जाना जाता है।

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